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प्रयागराज में गौरवशाली महाकुंभ की शुरुआत के रूप में आज जारी, और महाकुंभ पर सद्गुरु को प्रदर्शित करने वाली सुभाष घई की डॉक्यूमेंट्री, हिंदू धर्म की सबसे आध्यात्मिक यात्राओं में से एक की गहन खोज है. आस्था, विज्ञान और पौराणिक कथाओं के संगम को उजागर करते हुए, यह डॉक्यूमेंट्री इस प्राचीन परंपरा के गहरे महत्व पर प्रकाश डालती है. सद्गुरु की ज्ञानवर्धक अंतर्दृष्टि और सुभाष घई की सिनेमाई प्रतिभा के साथ, यह फिल्म दर्शकों को दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक सभा के माध्यम से एक मंत्रमुग्ध यात्रा पर ले जाती है.
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है; यह भक्ति, प्राचीन ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संगम है, जो विश्वासियों और गैर-विश्वासियों के लिए समान रूप से महत्व रखता है.
सुभाष घई ने कहा, "इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से, मैं महाकुंभ में विज्ञान और पौराणिक कथाओं की आकर्षक परस्पर क्रिया को उजागर करना चाहता था, यह दिखाते हुए कि कैसे यह पवित्र कार्यक्रम न केवल आस्था का उत्सव है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और लौकिक विरासत का प्रतिबिंब भी है."
यह डॉक्यूमेंट्री केवल एक दृश्य यात्रा नहीं है, बल्कि एक आत्मा-स्पर्शी अनुभव भी है, जो पौराणिक कथाओं के प्राचीन ज्ञान को विज्ञान के तर्क के साथ जोड़ती है. सुभाष घई दर्शकों को महाकुंभ के अनुष्ठानों से परे ले जाते हैं, और इसके सार्वभौमिक महत्व की गहरी समझ प्रदान करते हैं. हिंदू धर्म के कालातीत सार और ब्रह्मांड के रहस्यों से जुड़ने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे ज़रूरी देखना चाहिए.
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