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लवयापा, यह नाम ही अपने आप में इतना यूनिक है जो झट से युवाओं के दिल की घंटी बजाने में सक्षम है और शायद इस फ़िल्म को बनाने वाली टीम का मकसद भी यही है, जवां दिलों में हलचल पैदा करना. लवयापा एक ग्राउंडब्रेकिंग रोमांटिक कॉमेडी है जो आधुनिक प्यार को फिर से परिभाषित करने का बीड़ा उठाता नज़र आता है.
आज के, समकालीन बॉलीवुड सिनेमा के एटरनल और लाइवली परिदृश्य में, 'लवयापा' एक फ्रेश हवा के झोंके के रूप में उभरता है जो आधुनिक रोमांटिक रिश्तों की गहराई को नापते हुए उसके सार को हल्के फुल्के परंतु सच्चाई के धरातल पर उजागर करता है.
यह फिल्म 2022 तमिल फिल्म 'लव टुडे' का रीमेक है, और इसका निर्देशन आधुनिक बॉलीवुड के युवा निर्देशक अद्वैत चंदन द्वारा किया गया है, जिन्होंने पहले लाल सिंह चड्डा का निर्देशन किया था.
अपनी विजनरी प्रतिभा के लिए फेमस, अद्वैत चंदन द्वारा निर्देशित, यह फ़िल्म, उनकी बारीक ढंग से कहानी कहने के स्टाइल के लिए जाना जाता है. यह फिल्म डिजिटल युग में प्यार की एक साहसिक एक्सप्लोरेशन का प्रतिनिधित्व करती है.
फिल्म गुच्ची और बानी, दो युवा प्रोफेशनल्स द्वारा समकालीन रोमांस के कॉम्प्लिकेटेड टेरेन को नेविगेट करने की कहानी है. हैंडसम आमिर खान के हैंडसम बेटे जुनैद खान और ऊर्जा तथा जोश से भरपूर ख़ुशी कपूर द्वारा निभाई गई ये भूमिकाएं, रिश्तों के लिए मिलेन्नीयल दृष्टिकोण और जटिलताओं से लबालब भरी टेक्नोलॉजी ड्राइवन दुनिया में, फिर भी, मौलिक भावनात्मकता रेंज को दर्शाते हैं.
जुनैद खान, इस फ़िल्म के द्वारा बॉलीवुड में एक महत्वपूर्ण कैरियर कदम रखते हुए, गुच्ची के चरित्र में एक कच्ची प्रामाणिकता लेकर आएं है. उनकी पिछली स्वतंत्र रूप से फिल्म प्रदर्शन 'महाराज' से पता चलता है कि वह भावनात्मक कमजोरियों से जूझ रहे एक आधुनिक शहरी पुरुष का बारीक चित्रण बखूबी से प्रदान करने में सक्षम है. नायिका बानी के रूप में प्रसिद्ध निर्माता बोनी कपूर और स्टार आइकॉन स्वर्गीय श्रीदेवी की बेटी खुशी कपूर, पारंपरिक रोमांटिक आख्यानों को खुलकर चुनौती देने के लिए जाने जाने वाले मस्ती से भरे हुए, बेखबर अभिनेताओं की एक नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती है.
पुरानी पीढ़ी के फ़िल्म मेकर या फिर पुराने जमाने के फ़िल्म प्रेमी दर्शक भले ही इस फ़िल्म को लेकर शंकित हों लेकिन आज की युवा पीढ़ी के समीक्षकों द्वारा प्रशंसित, यह तमिल फिल्म से अडॉप्टेड कहानी 'लवयापा' के कंडीशंड पटकथा, एक अनूठे रिलेशनशिप आधार की ओर उंगली उठाता है, जहां युवा प्रेमी जोड़ों को अपने अपने मोबाइल फोन और पासवर्ड को विश्वास के परीक्षण के रूप में, एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए चुनौती दी जाती है. यह अजब टेक्नॉलजी से पनप रहे प्रेम के रिश्तों का उपकरण, समकालीन संबंधों में पारदर्शिता, गोपनीयता और पारस्परिक सम्मान का एक मेटाफोरिक एक्सप्लोरेशन बन जाता है.
फ़िल्म 'लवयापा' का संगीत, (संगीतकार तनिष्क बागची) भी इसमें एक लिब्रल साउंडट्रैक प्रस्तुत कर रही है जो पारंपरिक रोमांटिक धुनों के साथ समकालीन पॉप को मिश्रित करती है. शीर्षक ट्रैक 'लवयापा' हो गया" ने पहले से ही डिजिटल प्लेटफार्मों पर जोरशोर से चर्चा पैदा कर दी है. इस फ़िल्म के विचित्र गीत और फुट टैपिंग लय, आज के युवा दर्शकों की उड़ती फिरती भावनाओं को कैप्चर कर रहा है. दर्शकों ने इसके विचित्र और मजेदार वाइब की प्रशंसा की है.
फैंटम स्टूडियो और एजीएस एंटरटेनमेंट ने इस एकदम अनोखे और जेन नेक्स्ट प्रोजेक्ट में काफी हद तक निवेश किया है, जो 2025 के युवा जनसांख्यिकी के साथ प्रतिध्वनित होने की अपनी अद्भुत क्षमता में उनके विश्वास को दर्शाता है. इसके निर्माता हैं बोनी कपूर, प्रदीप रंगनाथन, मधु मंटेना. फिल्म की मार्केटिंग रणनीति सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भारी लाभ उठाती नज़र आ रही है, जिससे इंटरैक्टिवऩेस एक अलग अभियान बनता दिखाई दे रहा हैं जो रिलीज से पहले से ही अपने संभावित दर्शकों को एंगेज्ड रखने में कामयाब हो रहे हैं.
सिनेमैटोग्राफिक रूप से, इस फिल्म को, एक जीवन से भरपूर, डायनेमिक विजुअल लैंग्वेज के साथ शहरी परिदृश्य को प्रदर्शन करने की उम्मीद है. लवयापा की शुरुआती झलक एक रंग पैलेट प्रदान करने की ओर इशारा कर रही है जो नायक की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है. यह भावना उज्ज्वल है, अनप्रिडिक्टेबल है लेकिन फिर भी शिद्दत से व्यक्तिगत है.
फ़िल्म में यंग कपल के अलावा सहायक कलाकारों में कई अनुभवी अभिनेता शामिल हैं जो मच्योरिटी के साथ प्यार और रिश्तों पर बारीक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि लवयापा विशुद्ध रूप से सिर्फ युवा दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है. इन वरिष्ठ कलाकारों के प्रदर्शन से प्राइमरी रोमांटिक कहानी में गहराई और जटिलता जोड़ने की उम्मीद है. जुनैद खान तथा खुशी कपूर के अलावा फिल्म लवयापा में सह कलाकार है ग्रुषा कपूर आशुतोष राणा, तनविका परलीकर, किकू शारदा, देवीशी मनदन, आदित्य कुलश्रेष्ठ, निखिल मेहता, यूनुस खान, युक्तम खोलसा, कुंज आनंद कालेश.
मनोरंजन उद्योग के विशेषज्ञ इस अजब गजब फिल्म 'लवयापा' को केवल एक रोमांटिक कॉमेडी की नजर से नहीं देख रहे हैं. यह फ़िल्म दरअसल एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है कि कैसे बॉलीवुड आधुनिक संबंधों को चित्रित करने लगा है जो मेलोड्रामैटिक परिचयक से दूर जाकर अब अधिक प्रामाणिक, भरोसेमंद कहानी कहने की दिशा में अग्रसर है.
7 फरवरी, 2025 को वेलेंटाइन वीक शुरू होती है, और यही दिन लवयापा के रिलीज के लिए निर्धारित है. इस फिल्म को समकालीन परिप्रेक्ष्य के बैकड्रॉप में प्रस्तुत करते हुए इसकी रोमांटिक भावना को सहज रूप में आंकने के लिए, इसे एक प्रकार से रणनीतिक तौर पर तैनात किया गया है. लवयापा सिर्फ युवाओं की चरम मस्ती को रेखांकित नहीं करती है बल्कि यह डिजिटल युग में प्यार, विश्वास और संचार के बारे में एक सांस्कृतिक चर्चा है.
अपनी इनोवेटिव कहानी, जवानी की दस्तक और उगते सूरज की थीम के साथ, लवयापा सिर्फ एक आम रोमांटिक कॉमेडी के रूप तैयार नहीं किया गया है बल्कि यह नव युग के प्रेम की एक बारीक एक्सप्लोरेशन का प्रतिनिधित्व करता है जो बॉलीवुड के जर्जर हो चुकी पारंपरिक सिनेमैटिक सीमाओं को लांघती नज़र आती है, संभावित रूप से भारतीय सिनेमा में रोमांटिक आख्यानों के लिए यह फ़िल्म एक नए बेंचमार्क स्थापित कर सकता है.
अब तक इस तरह की फ़िल्म कभी नहीं बनी इसलिए दर्शक गण को इसे पचाने में थोड़ा समय लग सकता है या यह भी हो सकता है कि आज के युवा दर्शक 'लवयापा से' ऑलरेडी एक ऐसी फिल्म का अनुमान लगा रहे होंगे जो एक साथ मनोरंजक, विचार-उत्तेजक और अपने स्वयं के जटिल रोमांटिक अनुभवों को प्रतिबिंबित करता हो. लवयापा के मेकर, आज के नवीन भारत के परिदृश्य में यह परिभाषित करना चाह रहे है कि प्रेम कहानियों को कैसे बताया जाता है.
दर्शक इस फ़िल्म से क्या उमीद कर सकते हैं??? तो सुनिए इस फ़िल्म के मेकर्स कहते हैं, "धड़कते रोमांस, कॉमेडी और थ्रिलर के मिश्रण के साथ, 'लवयापा' समकालीन बॉलीवुड सिनेमा की कहानी का प्रतिनिधित्व करता है."
अब आइए खुशी कपूर से मिलिए जो झिलमिलाती सपनों के साथ बॉलीवुड का सबसे कमसिन नया सितारा है.
बॉलीवुड परिदृश्य में अपनी इस प्रथम कदम और पहली फिल्म के बारे में, इस फ़िल्म की हिरोइन खुशी कपूर अपने शब्दों में कहती हैं:--
मेरी बॉलीवुड यात्रा बचपन से ही फिल्मों में होने का मतलब मैं सब जानती थी. मैं हमेशा से ही कैमरे, रोशनी और एक चरित्र को जीवित करने की प्रक्रिया के साथ स्टोरी टेलिंग के आइडिया से मोहित थी. मुझे बस सिर्फ यह पता था कि मैं क्या करना चाहती हूँ.
अभिनय के साथ मेरी पहली नेटफ्लिक्स प्रस्तुति फिल्म 'आर्चीज' के बारे में बताऊँ तो मेरा चरित्र बेट्टी मेरे वास्तविक व्यक्तित्व के काफी करीब था. लेकिन 'लवयापा' के साथ, मैं वास्तव में रोमांचित हुई क्योंकि इसमें मेरा चरित्र बानी, पूरी तरह से मेरे असली चरित्र से अलग है.
यह फ़िल्म टेक्नोलॉजी की दुनिया में पनपने वाली प्रेम कथा को डिस्क्राइब करती है. बात जब टेक्नोलॉजी की दुनिया की आती है तो सोशल मीडिया की भी बात भी होती है. सोशल मीडिया को संभालना के बारे में बताऊँ तो जाने अनजाने से, मैं बहुत कम उम्र से सोशल मीडिया से अवगत कराई गई थी, इसलिए मैं इसके लिए कुछ हद तक निर्लिप्त हो गई हूं. मैंने दूसरों की इस फील्ड को लेकर जो भी उनकी फीलिंग्स है उसपर अपनी धारणा बनाना छोड़ दिया है. छोटी उम्र से बहुत कुछ देखकर वास्तव में मुझे चीजों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है.
आर्चीज को लेकर खुशी अपनी भावनात्मक पक्ष के बारे में बताती हैं, बेट्टी की भूमिका ने मुझे खुद के प्रति काइंड बनना सिखाया. वह एक प्यारी और संवेदनशील लड़की है जिसने मुझे यह महसूस करने में मदद की कि मैं खुद पर बहुत दबाव डालती हूं. शूटिंग के दौरान, उसने मुझे खुद पर रखे गए बोझ को कम करना सिखाया.
अभिनय क्षेत्र में कदम रखने को लेकर खुशी अपने परिवार का समर्थन के बारे में कुछ इस तरह बताती हैं, मैं अपने पिता और बहन से बिल्कुल सलाह लेती हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं उनकी स्वीकृति या आशीर्वाद के बिना कोई प्रोजेक्ट निर्णय ले सकती हूं. बेशक, मेरी अपनी राय है, लेकिन यह मुझे यह जानने के लिए आसान कर देता है कि हम सभी एक ही वेव लेंथ पर हैं.
अभिनय क्षेत्र में कदम रखने के बाद अपने प्रथम अनुभव के बारे में बताते हुए खुशी कहती हैं, इससे पहले कि हमने फिल्म के बारे में कुछ भी जारी करना शुरू किया, मैं कुछ हद तक आलोचना के लिए तैयार थी, जबकि मैंने एक बेहतर प्रतिक्रिया की उम्मीद की थी, ऐसा इसलिए क्योंकि हमने इतनी मेहनत की थी और यह हमारे लिए विशेष था. मैंने यहां प्रवेश करते ही सीखा है कि कोई भी चीज़ हमेशा योजना के अनुसार नहीं होती हैं. मैं ऑडियंस द्वारा रचनात्मक आलोचना को हमेशा दिल से स्वीकार कर रही हूं और अपने शिल्प को बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग कर रहा हूं.
खुशी अपनी खूबसूरत आँखों में ढेर सारी सुंदर सपने सजाए हुए हैं. इस बारे में वो कहती हैं, "मेरा सबसे बड़ा स्वप्न:--अभी, मेरा मुख्य लक्ष्य काम करते रहना है. मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि मेरे अभिनय करिअर में चीजें कैसे चल रही हैं, और मैं सिर्फ काम करना और आगे बढ़ते रहना चाहती हूं.
दर्शकों को अब तक पता ही होगा कि ख़ुशी कपूर बॉलीवुड में अब तक की वो सबसे युवा अभिनेत्री हैं, जो बॉलीवुड में कदम रखने से पहले से ही सुपर चर्चित रही हैं, और उन्हें आर्चीज के बाद, फिर से बताने के लिए एक अविश्वसनीय कहानी मिली है. 5 नवंबर 2000 को जन्मी, खुशी की पहली फिल्म की तुलना में इस नई फिल्म लवयापा में उनके लिए बहुत कुछ है.
ख़ुशी एक सुपर प्रसिद्ध फिल्म परिवार से आती है. उनके माता -पिता अभिनेत्री श्रीदेवी और फिल्म निर्माता बोनी कपूर हैं. उनके ज्यादातर रिश्तेदार फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिभाशाली दिग्गज कलाकार है. उनके चाचा अभिनेता अनिल कपूर हैं, और उनके भाई -बहन जान्हवी कपूर, अर्जुन कपूर और अन्शुला कपूर हैं. उनके चचेरे, भाई बहनों में अभिनेता सोनम कपूर, रिया कपूर और मोहित मारवाह शामिल हैं.
ऐसे कलाकारों से भरे परिवार में बड़े होकर, उनके अंदर भी अभिनय का जुनून होना स्वाभाविक है.
एक बड़े फिल्म परिवार में बढ़ते हुए, ख़ुशी हमेशा नृत्य और अभिनय करने के लिए तैयार थी. लोगों का कहना है कि उसकी अभिनय प्रतिभा सीधे उसकी प्रसिद्ध मां श्रीदेवी से विरासत में मिली है - यह ऐसा है जैसे यह उसके डीएनए में है. उन्होने école मोंडियाल वर्ल्ड स्कूल में स्कूलिंग की थी. 2019 में, उन्होंने अपने अभिनय कौशल को चमकाने के लिए न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी में एक साल का अभिनय पाठ्यक्रम भी लिया.
ख़ुशी की अभिनय यात्रा छोटी उम्र से शुरू हुई. उन्होने स्टूडेंट शॉर्ट फिल्म 'स्पीक अप' मे काम किया. उसका बड़ा ब्रेक 2023 में "द आर्चीज़" के साथ आया था, जिसे दिसंबर में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया गया था.
उनकी आगामी फिल्म लवयापा है, उसके बाद 'नादानीयां' रिलीज़ होगी जिसमें खुशी इब्राहिम अली खान के साथ काम कर रही है. यह एक धर्म प्रोडक्शंस फिल्म है.
सिर्फ 17 साल की उम्र में, ख़ुशी को एक दर्दनाक व्यक्तिगत नुकसान का सामना करना पड़ा जब दुबई में आकस्मिक दुर्घटना के कारण 2018 में उनकी मां श्रीदेवी का बाथ टब में डूबकर निधन हो गया.
अपनी प्रतिभा, पारिवारिक विरासत और दृढ़ संकल्प के साथ, ख़ुशी कपूर निश्चित रूप से बॉलीवुड में टू वाच स्टार मानी जा रही हैं.
अब बात करते हैं फ़िल्म के हीरो जुनैद खान की. बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान के बेटे जुनैद खान भी अपनी बॉलीवुड फिल्म करियर की शुरुआत 'लवयापा 'के साथ कर रहे है. उन्होंने भी नेटफ्लिक्स पर हिंदी ऐतिहासिक बहुचर्चित श्रृंखला 'महाराज' में अपनी अभिनय की शुरुआत की. जुनैद खान का जन्म 2 जून 1993 को मुंबई में हुआ. वे छह फीट एक इंच लंबे है. बचपन से ही बेहद होनहार जुनैद ने 2003 में उन्होने मास्टरमाइंड के साथ टीवी डेब्यू किया. जुनैद ने अपने पिता की फिल्म पीके 2014 में निर्देशक राजकुमार हिरानी के साथ-साथ निर्देशन का काम किया उन्हें स्ट्रीट प्लेस करने का शौक है जुनैद ने एक बार फिजिकली चैलेंज्ड लोगों के लिए क्रिकेट ऑर्गेनाइज किया था. जुनैद ने फ़िल्म 'महाराज' के साथ अभिनय जगत में डेब्यू किया था.
एक प्रचारक साक्षात्कार के दौरान जुनैद और खुशी दोनों शामिल थे. जब उनके पसंदीदा ऑन-स्क्रीन जोड़े के बारे में पूछा गया, तो ख़ुशी ने जल्दी से "काजोल और शाहरुख खान" का जवाब दिया. जब जुनैद ने कहा कि उसका जवाब भी वही था, तो उसने चंचलता से जवाब दिया, "मैंने सिर्फ जवाब चुरा लिया है."
फ़िल्म 'लवयापा' के लिए, जुनैद ने दिल्ली की संस्कृति में तीन महीने तक खुद को डुबो दिया, एक सच्चे दिल्ली के सार को पकड़ने के लिए उन्होने चांदनी चौक और लोधी गार्डन जैसे प्रतिष्ठित स्थानों को खूब एक्सप्लोरर किया. इस बीच, ख़ुशी ने फिल्म में एक महत्वपूर्ण नृत्य-गीत के लिए कठोर शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण भी लिया, जो उनके सुंदर नृत्य प्रस्तुतीकरण के साथ अपने अभिनय करियर के शुरुआत को चिह्नित करता है.
लवयापा दर्शकों को मोहित करने के लिए एक विशुध्द रोमांटिक कॉमेडी सेट है.
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