Advertisment

फिल्म कलेक्शन की बात हर कोई कर रहा है, टिकट के रेट बढ़ने की बात कोई नहीं!

फिल्म ‘धुरंधर’ की रिकॉर्डतोड़ कमाई ने ‘पठान’, ‘जवान’, ‘पुष्पा 2’ और ‘एनिमल’ को पीछे छोड़ा, लेकिन बढ़ते सिनेमा टिकट दामों पर सवाल अब भी बरकरार हैं।

New Update
फिल्म कमाई की बात हर कोई कर रहा है, टिकट के रेट बढ़ने की बात कोई नहीं!
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

कभी 'शोले' देखे थे 2.40 रुपए में, आज 'धुरंधर' का टिकट 2400 का मिलता है !

Advertisment

इनदिनों हर तरफ हंगामा है फिल्म 'धुरंधर' की कमाई का। कहा जा रहा है फिल्म एक हज़ार करोड़ से ऊपर की कमाई करनेवाले क्लब की सारी फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। सरल भाषा मे दर्शक ऐसे  समझ सकते हैं कि 'धुरंधर' कमाई करने के लिहाज से 'पठान', 'जवान', 'पुष्पा2', 'एनिमल' जैसी बहुत कमाई देनेवाली फिल्मों को पीछे छोड़ चुकी है। जो लोग रिलीज के पहले दिन फ़िल्म को 'बकवास' करार दिए थे, वे भी आज फिल्म की कमाई का आंकड़ा देखकर तारीफों के कसीदें पढ़ रहे हैं। पर हां, इसबीच कोई यह कहने- पूछने वाला नहीं है कि सिनेमा के टिकटों के भाव कहां पहुच गए हैं?

Dhurandhar (2025) - IMDb

Jawan (2023) - IMDb

Pathaan (2023) - IMDb

Animal (2023) - IMDb

साल 2025 की आखिरी बम्पर कामयाब हुई फ़िल्म है 'धुरंधर' जिसको लेकर खबर आयी है कि थियरेटर मे प्रति टिकट रेट 2400 रुपया तक बिक रहा है और 2000 रुपए रेट के टिकट तो ऑनलाइन खूब बिके हैं। हमारा आशय टिकट रेटों की सत्यता पर सवाल उठाना नहीं है। हम बताना चाहते  हैं कि सिनेमा व्यापार कहाँ से कहाँ आगया है! अब ना पांच सौ- हजार करोड़ रुपए लगाकर फिल्म बनाने वाले निर्माता बहुत रह गए हैं और ना ही 2400 रुपये का एक टिकट लेकर थियेटर पहुचने वाला दर्शक बहुत रह गया हैं। हैरानी की बात यह है कि टाकीज में दर्शक छटाक भर नहीं दिखते और कमाई हो रही है हजार करोड़। सचमुच मामला टिकट रेट का ही है।

Dhurandhar (2025) - Movie | Reviews, Cast & Release Date in Mumbai-  BookMyShow

  'धुरंधर' का टिकट रेट सुनकर मुझे वो जमाना याद आरहा है जब "पुष्पा... आई हेट टियर्स" के डायलॉग सुनकर भगा भगा मैं मुंबई के डायना सिनेमा हाल में  फिल्म 'अमर प्रेम' (1977) देखने गया था। यह राजेश खन्ना की सुपर हिट फिल्म थी। तब सिनेमा का स्टाल का रेट था 1 रुपया 35 पैसा। मैंने बॉलकोनी में 2 रुपया 40 पैसे का टिकट लेकर फिल्म देख था। कहां रुपया 2.40 का टिकट और अब 2400 रुपए का एक टिकट (शॉक्ड) !!

Dhurandhar Movie Review: DHURANDHAR is a big-screen experience

Pushpa: The Rise - Wikipedia

Amar Prem (1972) - IMDb

दक्षिण मुंबई के कई सिनेमा घर ऐसे थे जहां टिकट रेट कम होते थे। वहां पढ़ने आए स्कूल से भागे बच्चे, नए नए प्रेमी प्रेमिका और कम खर्च में मनोरंजन करने के लिए मजदूर आया करते थे। लोवर स्टाल का टिकट 1.05 रुपया से 1.35 रुपया उन्ही दिनों में हुआ था जिसका असर दर्शकों की भीड़ पर  पड़ा, ऐसा कहा जा रहा था। अमूमन टिकट रेट होते थे लोवर स्टाल के 1.35 रुपए, अपर स्टाल के 1.60 रुपए और बालकॉनी के 2.40 रुपए। डायना, दौलत, रूप, मिलन, हिंदमाता, मेजेस्टिक, नंदी, शीतल, नवरंग... ये सब बॉलीवुड नगरी मुम्बई के वे सस्ते सिनेमाघर थे, जहां बॉलीवुड के कई दिग्गज निर्माता-निर्देशक भी उस जमाने मे फिल्में देखने जा चुके हैं जो तब अपने स्ट्रगल दौर में हुआ करते थे। उन्ही में एक नाम आज के सफल निर्माता-निर्देशक रोहित शेट्टी का भी है। रोहित शेट्टी भी आर्थिक तंगी में सस्ते रेट वाले सिनेमा घरों में ही फिल्म देखते थे।

484716997_9400440950032449_2723483424894982925_n

60-70 के दशक में अखबारों में छपे हुए फिल्मों के विज्ञापन बड़े लुभावने लगते थे। पूरा एक पेज सिनेमा के फोटोज से भरा होता था, जिनपर कैप्शन होता था..
" शानदार दूसरा सप्ताह"/ 'दर्शकों की मांग पर भारी भीड़"/ "महिलाओं की विशेष मांग पर" / "सम्पूर्ण परिवार के देखने योग्य..." आदि आदि। कुछ सिनेमा हाल अपने मॉर्निंग शो के लिए कम किए टिकट के दाम भी अखबारों में लिखवाते थे स्टाल वाइज ...40 पैसे/ 70 पैसे/1रुपया 05 पैसे आदि। पूरा एक पेज एंटरटेनमेंट पेज होता था जिनपर हीरोइनों की तस्वीर होती थी। उस पेज को लोग सबसे पहले देखते थे।

Celebrating the 1970s Cinema in Bollywood The Dawn of a New Era in Bollywood  - Seniors Today

सिनेमा दर्शकों को टाकीज में खींचने के लिए फिल्मों के डायलॉग बड़ा रोल निभाते थे। ये डायलॉग फिल्म के विज्ञापनों पर छापे जाते थे। राजेश खन्ना की फिल्म का एक डायलॉग बड़ा पॉपुलर हुआ था-  "पुष्पा... आयी हेट टियर्स !" (मुझे आंसू पसंद नहीं हैं ) तो शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म 'विश्वनाथ' का डायलॉग पोस्टरों पर देखकर उत्सुकता बढ़ती थी कि फिल्म देखने जाया जाए..." जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बने बारूद उसे विश्वनाथ कहते हैं।" इसीतरह  अमिताभ बच्चन की फिल्म का डायलॉग बहुत ध्यान खींचता था... "डॉन को 11 देशों की पुलिस ढूंढ रही है" / "डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है!" 

पाकीज़ा (1972) – राज कुमार

“आपके पाँव देखे… बहुत हसीन हैं। इन्हें ज़मीन पर मत उतारिएगा… मैलें हो जाएँगे।”
यह डायलॉग आज भी शायरी, रील्स और पोस्ट्स में ज़िंदा है।

1972 में राजकुमार ने मारी थी ऐसी दहाड़, थर्रा गया था बॉक्स ऑफिस, राजेश  खन्ना भी नहीं ले पाए थे पंगा - News18 हिंदी

शोले (1975) – अमजद खान (गब्बर)

“कितने आदमी थे?”
सिर्फ तीन शब्द और सिनेमा का इतिहास बन गया।

Sholay (1975) - IMDb

आनंद (1971) – राजेश खन्ना

“ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए बाबूमोशाय, लंबी नहीं।”
आज भी सबसे ज़्यादा कोट किया जाने वाला डायलॉग।

Anand (1971) - IMDb

मदर इंडिया (1957) – नरगिस

“इस धरती ने मुझे जन्म दिया है, मैं इसे कैसे छोड़ दूँ?”
भारतीय माँ की सबसे ताक़तवर आवाज़।

Tallenge - Mother India - Nargis - Bollywood Classic Hindi Movie Poster -  Small Poster(Paper,12 x 17 inches, Multicolour) : Amazon.in: Home & Kitchen

वक़्त (1965) – राज कुमार

“जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।”
यह डायलॉग आज भी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बोला जाता है।

Waqt (1965)

10. जंजीर

“जब तक बैठने को ना कहा जाए, खड़े रहो।”
— अमिताभ बच्चन
(एंग्री यंग मैन की शुरुआत)

Zanjeer (1973) - IMDb

देवदास

“Kaun kambakth hai jo bardasht karne ke liye peeta hai. Main toh peeta hoon ke bas saans le sakoon”

Devdas (2002) - IMDb

शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) – स्टाइल और स्वैग

काला पत्थर

“खामोश!”

काला पत्थर (1979) - IMDb

Jawan

"Bete ko haath lagane se pehle, baap se baat kar"

Jawan (2023) - IMDb

Bobby

"Prem naam hai mera, Prem Chopra"

Bobby (1973) - IMDb

Namak Halal

"I can talk English, I can walk English, I can run English... because English is a very phunny language"

Namak Halaal (1982) - IMDb

Deewar

"Main aaj bhi pheke hue paise nahin uthata"

Deewar - Amitabh Bachchan - Tallenge Bollywood Hindi Movie Poster  Collection - Framed Prints

Dilwale Dulhaniya Le Jaayenge

"Bade bade shehron mein aisi chhoti chhoti baatein hoti rehti hain, Senorita."

Dilwale Dulhania Le Jayenge (1995) - IMDb

Mr. India

"Mogambo khush hua!"

Mr. India (1987) - IMDb

Damini

"Taareekh pe taareekh, taareekh pe taareekh, taarekh pe taareekh."

Damini (1993) | Rotten Tomatoes

Maine Pyaar Kiya

"Dosti ka ek usool hai, madam: no sorry, no thank you"

Maine Pyar Kiya (1989) - IMDb

The Dirty Picture

Filmein sirf teen cheezon ki wajah se chalti hain- entertainment, entertainment, entertainment. Aur main entertainment hoon!”

Prime Video: The Dirty Picture

Om Shanti Om

Kehte hain agar kisi cheez ko dil se chaho; to puri kainaat usse tumse milane ki koshish mein lag jaati hai

Om Shanti Om Movie Cover Om Shanti Om Movie Poster Bollywood Posters – The  Poster Valley

Baazigar

“Kabhi Kabhi Kuch Jeetne Ke Liya Kuch Haar Na Padta Hai. Aur Haar Ke Jeetne Wale Ko Baazigar Kehte Hain.”

Baazigar (1993) - IMDb

Mughal-e-Azam

"Salim tujhe marne nahi dega ... aur hum Anarkali tujhe jeene nahi denge."

Mughal-E-Azam (1960) - IMDb

Dabangg

“Thapad se darr nahi lagta, pyaar se lagta hai”

Dabangg (2010) - IMDb

Om Shanti Om

Ek chutki sindoor ki keemat tum kya jaano Ramesh Babu

Om Shanti Om (Blu-Ray Disc) | Farah Khan Eros International(2010) 162  Minutes | Exotic India Art

Chak De India

“Har team main bas ek hi gunda ho sakta hai aur iss team ka gunda main hoon!”

Chak De! India (2007) - IMDb

kal ho naa ho.

“Hasso, jiyo, muskurao. Kya pata, kal ho naa ho.”

Kal Ho Naa Ho - Pocket Cinema - song and lyrics by Shah Rukh Khan, Saif Ali  Khan, Preity Zinta | Spotify

Also Read: Bigg Boss जर्नी से अपकमिंग प्रोजेक्ट्स तक: Priya Malik का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

समय बदलता गया। श्री देवी की फिल्म के गाने की लाइन 'मेरे हाथों में नव नव चूड़ियां' या शाहरुख खान का पेटेंट डायलॉग 'क क क...किरण" ने पोस्टरों को छोड़ना शुरू कर दिया और उसकी जगह शुरू होगया टीजर और प्रोमों से प्रचार का सिलसिला। जहन में जगह बनाने वाले सिनेमा की सोच पीछे छूटती चली गयी। दौर फिल्म के टीजर रिलीज तक आ गया।

सनी देओल की पिछली फिल्म 'जाट'  का टीजर 26000 स्क्रीन पर एक साथ रिलीज हुआ था पुष्पा2 के साथ। पूरी फिल्म का अंदाजा एक टीजर से एक साथ सोशल मीडिया पर लोगों ने देख लिया। उत्सुकता खत्म। घंटों लाइन लगकर, सिनेमा हाल की बुकिंग खिड़कियों में एक साथ चार चार लोग हाथ पेले खड़े होते थे टिकट के लिए, शर्ट फट जाती थी टिकट लेने में... वो रोमांच कि टिकट मिल गया अब कहाँ है? अब फिल्म रिलीज होती है तो परिवार सहित थियरेटर में जानेपर टिकट का दाम सुनकर आधी पगार याद आजाती है।

Jaat Official Trailers, Videos, Interviews, Trailer Release Date, Teaser -  Bollywood Hungama

Pushpa: The Rule - Part 2 (2024) - IMDb

बहरहाल जो टिकट दर 1980 के दशक तक 4.50 रुपए से 8.75 रुपए तक बढ़ा था उसे खरीदने के लिए अब 2000- 2400 रुपए निकालने पड़ते हैं। 1975 में 'शोले' हमने मुंबई के मिलन टाकीज में पहले दिन पहला शो (बढ़ाए गए दाम पर) 4.50 रुपए का टिकट लेकर देखा था, वही कुछ महीने बाद एक गली के कम दाम टाकीज में 2.40 रुपए में देखने वाले दर्शकों की लंबी कतार देखा था।उसी 'शोले' की री- रिलीज (रिवाइज्ड संस्करण) का टिकट रेट सुनकर जेब मे गया हाथ बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं होता। सचमुच सारा खेल सिनेमा टिकटों के दाम का है!

Tallenge - Sholay - Amitabh Bachchan and Dharmendra - Bollywood Classic  Hindi Movie Poster - Small Poster(Paper,12 x 17 inches, Multicolour) : ...

Also Read: डर नहीं, दिमाग से खेलती कहानी: ‘Raat Akeli Hai: The Bansal Murders’ पर Chitrangada Singh ने कहा

Dhurandhar Movie | Dhurandhar Movie Review | box office collection | Pushpa 2 | INDIAN CINEMA not present in content

Advertisment
Latest Stories