जब पहली बार हम 'Ramayana' के कलाकार स्टेज शो के लिए कोलकता गए... कहानी उस समय की है जब रामानंद सागर साहब कृत धारावाहिक "रामायण" की पॉपुलोरिटी इतनी बढ़ गई थी कि बाहर से शो आने लगे थे. उस समय हमारे पास फोन भी नहीं था... By Sharad Rai 07 Oct 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर जै श्रीराम! कहानी उस समय की है जब रामानंद सागर साहब कृत धारावाहिक "रामायण" की पॉपुलोरिटी इतनी बढ़ गई थी कि बाहर से शो आने लगे थे. उस समय हमारे पास फोन भी नहीं था. ज्यादातर 'रामायण' की सेना के कलाकार बिना फोन के थे. मेरा भी केयरआफ नम्बर था, जो पवई के एक होटल का था. होटल मालिक शेट्टी था. एक रात दीपिका चिखलिया जी का फोन रात आठ बजे आता है. शेट्टी फोन उठाते हैं. दीपिका जी पूछती हैं आप राज शेखर जी को जानते हो , उसने कहा- हां. तब सीता जी ने कहा मैं रामायण सीरियल की सीता माता दीपिका बोल रही हूं. होटल मालिक उनकी आवाज सुनकर अति प्रसन्न हुआ और कहने लगा माता सीता जी, मैं क्या सेवा करूं आपकी. तब सीता जी ने कहा आप जाम्बुवंत जी यानी- राज शेखर उपाध्याय को अभी समाचार दो कि वो तैयार होकर सान्ताक्रूज एयरपोर्ट पर आ जाए. रामायण सीरियल का शो कलकत्ता में होना तय हुआ है और वह अभी एयरपोर्ट पर आ जाए. तब वो महाशय बोले माते मैं उनको छोड़ने आऊंगा और आपका दर्शन भी करूंगा. आप ज़रूर मिलेगी न? दीपिका जी ने हां कहा. मुझे अच्छी तरह से याद है वो होटल मालिक शेट्टी दौड़ते हुए मेरे घर तक आया और चिल्लाते हुए आया- 'राज शेखर जी ! राज शेखर जी !!' मैं बाहर निकला, मैंने कहा क्या बात है शेट्टी जी ! वो एक ही सांस में बोल गए कि कलकत्ते में 'रामायण' सीरियल का शो है. सीता माता जी ने आपको अभी सान्ताक्रूज एयरपोर्ट पर एक दो जोड़ी कपड़े के साथ बुलाया है. मैं बहुत खुश हुआ. मैं जहां रहता था, वहां आसपास में टैक्सी चलाने वाले कई लोग रहते थे. सब 'रामायण' देखा करते थे और मुझे जानते थे. खुशी इस बात की सिर्फ मुझे ही नहीं, उस समय वहां खड़े सबको हुई थी. एक नहीं चार चार टैक्सीयां चलने के लिए तैयार थी. उन्हें खुशी इसलिए भी थी कि उनके साथ रहनेवाला व्यक्ति आज प्लेन से कलकत्ता जा रहा है. जब मैं एयरपोर्ट पर पहुंचा तो पाया कि अरण गोविल (राम) और दीपिका (सीता) जी बाहर मेरा इंतजार कर रहे थे. वो होटल वाले शेट्टी लगभग दौड़ कर सीता और राम के चरणों में प्रणाम किए. तब सीता जी ने उनसे कहा- 'अब आप लोग जाओ फिर कभी भेंट होगी ' और मुझसे बोली-'तुम्हारे बिना रामायण टीम का लुक बनता ही नहीं. रामायण है तो जाम्बुवंत होना ही चाहिए.' मुझे जहाज में बैठने आता ही नहीं था. तब अरविंद त्रिवेदी जी (रावण) ने अपने पास वाली सीट पर मुझे बैठाया और वेल्ट बांधना बताया. वो दिन मैं आज भी नहीं भूला हू. इसके बाद तो रामायण की टीम को बहुत बार स्टेज शोज का निमंत्रण आता रहा. हमलोग पूरे देश के कई शहरों मे गए. होता यह था कि लोग हमारा स्टेज पर स्वागत करते थे. राम और सीता की तो गजब ही कहानी थी. भक्त बहुत बड़ी संख्या में होते थे. लोग पांव पर लेटकर , जमीन पर सोकर साष्टांग दंडवत किया करते थे. मैं हमेशा सामान्य ड्रेस में रहता था लेकिन स्टेज पर जाम्बुवंत का मुखौटा धारण करना पड़ता था. जाम्बुवंत रामायण का एक अलग चेहरा दिखता था इसलिए टीम से जिस किसी को कहीं भी स्टेज से अतिथि बनने का बुलावा आता था वे हमें अपने साथ ले जाना चाहते थे. राम- अरुण गोविल (इनदिनों संसद सदस्य) और सीता- दीपिका चिखलिया (यह भी बाद में संसद सदस्या बनी) चाहते थे कि उनके कार्यक्रमों में मैं जरूर जॉऊ. उनलोगों का स्नेह और रिस्पेक्ट था मेरे लिए. 'रामायण' के कलाकारों के साथ कोलकता के स्टेज शो में जाकर शामिल होने का मेरा अनुभव अदभुत था. पहलीबार फ्लाइट की यात्रा करना और कैमरे से परे स्टेज पर भगवान की टीम का हिस्सा बनकर फैन्स (भक्तों) के उदगार सुनना एक अनूठा अनुभव रहा है. जय श्री राम! Read More: शिल्पा शिरोडकर ने किया खुलासा,बिग बॉस 18 से पहले कर रही थी काम की तलाश Tanu Weds Manu 3 में होंगे Kangana Ranaut के ट्रिपल रोल? Asha Negi ने कास्टिंग काउच के अपने अनुभव पर तोड़ी चुप्पी अक्षय कुमार स्टारर 'Khel Khel Mein' इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होगी रिलीज हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article