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अपने दस दिनों के ब्रह्मपुत्र राफ्टिंग के साहसिक अनुभवों से गुज़रकर कुब्रा सैत लौट चुकी हैं, लेकिन इस बार वे पूरी तरह एक नए दृष्टिकोण के साथ लौटी हैं, जिसमें उन्होंने डर की बजाय साहस को चुनने का संदेश दिया है. गौरतलब है कि फिल्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी दमदार और बहुमुखी अभिनय के लिए जानी जाने वाली कुब्रा सैत ने हमेशा खुद को एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित किया है, जो अपनी गहरी और सच्चाई से भरी परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि स्क्रीन के साथ वे वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना भी अच्छे से जानती हैं। फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के सियांग नदी, जो ब्रह्मपुत्र की ऊपरी धारा है, पर 180 किलोमीटर की कठिन राफ्टिंग यात्रा पूरी करने के बाद वे काफी रोमांचित महसूस कर रही हैं।
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12 दिनों में संपन्न हुई, जिसमें सात दिन लगातार राफ्टिंग थी। यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के दूरदराज इलाकों से होकर गुजरी, जहां मोबाइल नेटवर्क और आधुनिक सुविधाएं नहीं थीं। सियांग-ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली अपने चौड़े, तेज-बहाव वाले धाराओं और अप्रत्याशित रैपिड्स के लिए जानी जाती है, जो शारीरिक सहनशक्ति, तकनीकी कौशल और मानसिक ध्यान की आवश्यकता होती है। इस दौरान टीम ने नदी के किनारे कैंप लगाए और केवल बुनियादी सुविधाओं के साथ समय बिताया।
अपनी यात्रा की झलकियां इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए कुब्रा ने लिखा है, “साहसिक यात्रा तब नहीं होती जब आप इसके बारे में सपना देखते हैं, बल्कि तब होती है जब आप अपने कैलेंडर पर एक तारीख चुनते हैं और उसे पूरा करने का संकल्प करते हैं। इस यात्रा ने मुझे यह याद दिलाया कि मैं साहस को क्यों चुनती हूं, इसलिए नहीं कि मैं निडर हूं, बल्कि इसलिए क्योंकि मैं डर को पार करना सीख रही हूं। जब आप जीवन को जीवन शक्ति के साथ चुनते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है।"
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कुब्रा ने यह भी बताया कि इस अभियान के दौरान वे कई लोगों से मिली, लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा प्रभावित किया 19 वर्षीय तामार ने। तामार ने कुब्रा को उनके 19 वर्षीय सेल्फ से मिलवाया और याद दिलाया कि साहस क्या होता है, बजाय इसके कि दुनिया हमें संकोच सिखाए।
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ब्रह्मपुत्र राफ्टिंग के अपने अनुभव में उन्होंने वहां के खुशनुमा मौसम का ज़िक्र करते हुए यह भी लिखा है कि शहरों के मुकाबले स्वच्छ वातावरण और पूरे चाँद ने उन्हें एक और नया नज़रिया दिया। वे लिखती हैं, "यह वह सुविधाएँ हैं, जिनके सुखद अनुभव और उनके होने को हम भूल जाते हैं। फिलहाल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र को सियांग के माध्यम से 30 लोगों के साथ पार करना, यह वाकई शब्दों से परे एक अनुभव था।"
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कुब्रा ने राफ्टिंग के अपने अनुभव को आगे लिखा है, "यह आखिरी वीडियो है जब हम 18 फीट की राफ्ट के साथ 30 फीट की लहरों को चीरते हुए राफ्टिंग कर रहे थे, वो भी बिल्कुल पागलपन के साथ, जहां उथल-पुथल भी थी और शांति भी। मैं समझती हूँ हर किसी को ऐसी एक साहसिक यात्रा जरूर करनी चाहिए। क्योंकि इसके बाद, जीवन धीरे-धीरे उस व्यक्ति में बदल जाता है जो आप होने के लिए बने हैं।”
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