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ताजा खबर: ओटीटी की दुनिया के ‘शाहरुख खान’ कहे जाने वाले जीतेंद्र कुमार यानी हमारे ‘जीतू भैया’ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि टैलेंट को पहचान की जरूरत नहीं होती. उन्होंने वेब सीरीज़ ‘कोटा फैक्ट्री’ में जीतू सर बनकर और ‘पंचायत’ में सचिव जी बनकर दर्शकों के दिलों में जो जगह बनाई, वो आज भी कायम है. अब उनकी मेहनत को एक बड़ा सम्मान मिला है — दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड 2025 (DPIFF).
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‘पंचायत 3’ के लिए जीता बेस्ट एक्टर इन वेब सीरीज़ अवॉर्ड
जीतेंद्र कुमार को ये अवॉर्ड उनकी अमेज़न प्राइम वीडियो की सुपरहिट सीरीज़ ‘पंचायत सीजन 3’ में शानदार परफॉर्मेंस के लिए दिया गया है.‘सचिव जी’ के किरदार में जीतेंद्र ने न केवल गांव की सादगी और संघर्ष को जीवंत किया, बल्कि अपनी रियलिस्टिक एक्टिंग से दर्शकों को हंसाया और रुलाया भी.इस सम्मान के बाद जीतेंद्र सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं, लेकिन साथ ही लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि — क्या उन्हें सरकार द्वारा दिया जाने वाला असली ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ मिला है?
क्या यह असली दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड है?
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इस सवाल का जवाब है — नहीं.जीतेंद्र कुमार को जो अवॉर्ड मिला है वह “दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड” (DPIFF) है, जो भारत सरकार के ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ से अलग है.हालांकि दोनों के नाम एक जैसे हैं, लेकिन उनकी मान्यता और उद्देश्य अलग-अलग हैं.
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क्या है DPIFF?
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DPIFF की शुरुआत साल 2012 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की याद में की गई थी.यह अवॉर्ड निजी संस्थान द्वारा दिया जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय सिनेमा, ओटीटी, संगीत, और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित करना है.हर साल इसमें फिल्म, डिजिटल और टेलीविज़न के कई कैटेगरी में अवॉर्ड्स दिए जाते हैं.जीतेंद्र कुमार को इस साल “बेस्ट एक्टर इन वेब सीरीज़” के लिए यह ट्रॉफी दी गई.
असली ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ क्या है?
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असली दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारत सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स द्वारा दिया जाता है.यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में आजीवन योगदान देने वाले कलाकारों को दिया जाता है.इसकी शुरुआत 1969 में हुई थी, और पहला पुरस्कार अभिनेत्री देविका रानी को मिला था.बाद में अमिताभ बच्चन, दिलीप कुमार, रजनीकांत, आशा भोसले, और रेखा जैसे दिग्गजों को भी यह सम्मान मिल चुका है.इस सरकारी अवॉर्ड को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का “सर्वोच्च सम्मान” माना जाता है.
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FAQ
जीतेंद्र कुमार को कौन सा अवॉर्ड मिला है?
जीतेंद्र कुमार को दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड 2025 (DPIFF) मिला है.
उन्हें यह अवॉर्ड किस काम के लिए मिला?
उन्हें वेब सीरीज़ ‘पंचायत सीजन 3’ में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर इन वेब सीरीज़ का अवॉर्ड मिला.
क्या यह वही दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड है जो भारत सरकार देती है?
नहीं, यह एक निजी संस्था द्वारा दिया गया इंटरनेशनल अवॉर्ड है, सरकार वाला नहीं.
DPIFF अवॉर्ड की शुरुआत कब हुई थी?
इस अवॉर्ड की शुरुआत साल 2012 में दादा साहेब फाल्के की याद में की गई थी.
असली दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड कब शुरू हुआ था?
असली अवॉर्ड की शुरुआत 1969 में हुई थी, और पहला सम्मान देविका रानी को दिया गया था.
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