फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा और फिल्म निर्माता करण जौहर तीन दशक से भी ज्यादा समय से दोस्त हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में मनीष मल्होत्रा ने करण जौहर के साथ अपने ‘करीबी’ रिश्ते को बताते हुए याद किया कि कैसे वे दोस्त बने.
इस तरह मनीष मल्होत्रा और करण जौहर की हुई थी पहली मुलाकात
दरअसल, फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि वह पहली बार करण से तब मिले थे जब वह 1993 की फिल्म गुमराह पर काम कर रहे थे, जिसे केजेओ के पिता यश जौहर ने बनाया था. उन्होंने कहा, “मैं आपको बताता हूं कि मैं उनसे कैसे मिला. श्रीदेवी ने मुझे गुमराह के लिए बुलाया था, जिसे यश जौहर जी ने बनाया था, और सेट पर ही मेरी मुलाकात करण जौहर से हुई थी. फिर, जब भी मैं सवालों के लिए यश जी को फोन करता, करण फोन उठाते. मैं बस यही कहता, ‘क्या मैं यश जी से बात कर सकता हूं?’ एक दिन, उन्होंने मुझसे कहा, ‘तुम कभी हाय नहीं कहते’. और मैंने कहा, ‘ओह, मुझे बहुत खेद है. हाय करण, आप कैसे हैं, क्या मैं यश जी से बात कर सकता हूँ’. तो ऐसा ही हुआ. और फिर मैं उनसे सेट पर दो बार मिला, और एक रात हमने डिनर के लिए बाहर जाने का फैसला किया, और हमने उस समय बातें कीं. इस तरह हम दोस्त बन गए”.
मनीष- करण दोनों की थी कपड़ों में दिलचस्पी
वहीं मनीष मल्होत्रा ने आगे कहा, “करण जौहर को कपड़ों में बहुत दिलचस्पी थी. वह मेरे काम में बहुत दिलचस्पी रखते थे, फिल्मों के लिए डिजाइनिंग. हम दोनों को फिल्में बहुत पसंद थीं. इस तरह हम करीब आए. और फिर डुप्लीकेट बन रही थी, और मैं जूही चावला के कपड़े बना रहा था. मुझे याद है कि वह कपड़ों में दखल दे रहे था और मैं ऐसा था, ‘तुम कपड़ों में दखल क्यों दे रहे हो? तुम तो बस निर्माता के बेटे हो”.
मनीष मल्होत्रा ने की करण जौहर की तारीफ
इसके साथ- साथ करण जौहर 'बहुत गर्मजोशी से भरा' व्यक्ति बताते हुए मनीष ने आगे कहा, "वह प्रयास करते हैं. उनके माध्यम से, मैं आदित्य चोपड़ा से मिला. मैं इसके लिए करण का आभारी हूं. दिलवाले उन्हीं के माध्यम से संभव हुआ. हमारा रिश्ता ईमानदार है." मनीष ने कहा कि दोस्त होने के अलावा, उन्होंने साथ में काम भी किया है, जो हमेशा आसान नहीं होता. "यह एक मुश्किल बात है. दोस्तों का इतने सालों तक साथ काम करना, यह बहुत दुर्लभ है. क्योंकि करण, करण जौहर हैं और अगर कोई चीज काम नहीं करती है तो बहुत से लोग उन्हें यह बताने में सहज नहीं होंगे कि कोई चीज काम नहीं करती”.
जब करण जौहर और मनीष मल्होत्रा के बीच हुई थी पिलो फाइट
इसके बाद उन्होंने करण जौहर की फिल्म कभी खुशी कभी गम की शूटिंग के दौरान की एक घटना को याद किया और बताया कि कैसे उन्हें 'व्यक्तिगत रूप से दुख' हुआ था, जब फिल्म निर्माता को 'सूरज हुआ मद्धम' गाने के लिए उनका एक लहंगा पसंद नहीं आया था. करण द्वारा खुद शेयर किए गए एक किस्से के बारे में पूछे जाने पर, जब उनके बीच एकमात्र लड़ाई के दौरान ‘लहंगे को लेकर पिलो फाइट (तकिया लड़ाई) हुई थी’, मनीष ने हंसते हुए कहा, “नहीं, हमने एक-दूसरे पर लहंगा नहीं फेंका. बिलकुल नहीं! वह सिर्फ बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है. मैं इस लहंगे को बहुत उत्साह से उनके ऑफिस ले गया, और उन्होंने इसे देखा और कहा, 'यह मुझे पसंद नहीं है'. मैं पर्सनली आहत था. मेरा चेहरा लाल होने लगा. मैं बहुत परेशान था. और मैं बस ऑफिस से बाहर चला गया. हो सकता है कि मैंने लहंगा टेबल पर पटक दिया हो".
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