बेटे की मौत के बाद शेखर सुमन ने घर से बाहर फेंक दी थीं धार्मिक मूर्ति

में शेखर सुमन ने अपने जीवन के सबसे काले अध्याय के बारे में बात की. शेखर ने बताया कि अपने बेटे के गुजर जाने के बाद, उनका भगवान पर से विश्वास खत्म हो गया और उन्होंने अपने घर की सभी धार्मिक मूर्तियों को त्याग दिया.

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Shekhar Suman
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ताजा खबर: शेखर सुमन इस समय संजय लीला भंसाली की सीरीज हीरामंडी की सफलता का आनंद उठा रहे हैं. सीरीज में एक्टर के किरदार को दर्शकों द्वारा काफी पसंद भी किया जा रहा हैं. वहीं हाल ही में शेखर सुमन ने अपने जीवन के सबसे काले अध्याय के बारे में बात की, जब उन्होंने अपने बड़े बेटे आयुष को खो दिया. शेखर ने यह भी बताया कि अपने बेटे के गुजर जाने के बाद, उनका भगवान पर से विश्वास खत्म हो गया और उन्होंने अपने घर की सभी धार्मिक मूर्तियों को त्याग दिया.

 बेटे की गंभीर हालत के बावजूद शेखर सुमन को काम पर जाना पड़ा 

shekhar suman talks about his dead son ayush tells her wife met him for  half second after astrologer prediction जब शेखर सुमन की पत्नी को मंदिर में  दिखा उनका मरा हुआ बेटा,

आपको बता दें एक इंटरव्यू में शेखर सुमन ने बेटे आयुष  को गोद में लिए जाने को याद किया, उन्होंने कहा,  “एक दिन भारी बारिश हो रही थी और आयुष बहुत बीमार था. मेरे बच्चे की गंभीर हालत को जानते हुए निर्देशक ने मुझे दो-तीन घंटे के लिए शूटिंग के लिए आने का अनुरोध किया और मैंने कहा, मैं नहीं आ सकता. उन्होंने कहा, 'कृपया यह मेरे लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा और मैं सहमत हो गया. जब मैं जाने वाला था, आयुष ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा, 'पापा, आज मत जाओ, प्लीज'. मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और उससे वादा किया कि मैं तुरंत वापस आ जाऊंगा. वह पल हैं जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता.”

बेटे के चले जाने के बाद भगवान पर से उठा शेखर सुमन का विश्वास

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उसी इंटरव्यू में शेखर सुमन ने बताया कि आयुष की मौत के बाद उनका विश्वास डगमगा गया. उन्होंने बताया कि इस त्रासदी के बाद उन्होंने अपने घर में मंदिर बंद कर दिया. उन्होंने कहा, "सभी मूर्तियों को उठाकर बाहर फेंक दिया गया. मंदिर बंद कर दिया गया. मैंने कहा कि मैं उस भगवान के पास कभी नहीं जाऊंगा जिसने मुझे इतना दर्द दिया, मुझे इतना दुख दिया, एक खूबसूरत, मासूम बच्चे की जान ले ली. आयुष की पीड़ा इतनी बढ़ गई थी कि उसकी पत्नी प्रार्थना करती थी कि उसे दूर कर दिया. मैं कभी उस दुख से उबर नहीं पाया और हर दिन मैं आयुष के बारे में सोचते रहता हूं".

 

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