अंधभक्ति की आंखें खोलती ये फिल्में ताजा खबर: धर्म की आड़ में होने वाले कुकूल्यों और पाखंड को सिनेमा कभी काल्पनिक तो कभी सच्ची घटनाओं को दर्शाता आया है. इस तरह की फिल्में की आवृत्ति इस बात की परिचायक है. By Asna Zaidi 15 Jul 2024 in ताजा खबर New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. यह घटना दर्दनाक होने के साथ आस्था और अंधविश्वास का फर्क समझने की जरूरत बता गई. इससे पहले भी कई तथाकथित बाबाओं के दोहरे चरित्र उजागर हुए हैं. धर्म की आड़ में होने वाले कुकूल्यों और पाखंड को सिनेमा कभी काल्पनिक तो कभी सच्ची घटनाओं के जरिए दर्शाता आया है. ऐसे में आज आपको बताते हैं कि इस तरह की फिल्में और वेब सीरीज की आवृत्ति इस बात की परिचायक है. महाराज महाराज करसन (जुनैद खान) और जेजे (जयदीप अहलावत) की कहानी है. करसन समाज में सुधार लाना चाहता है. वह जातिवाद में विश्वास नहीं करता. वह विधवा विवाह में विश्वास करता है. जेजे एक संप्रदाय का मुखिया है और वह धर्म के नाम पर लोगों के अंधविश्वासों से खेलता है और लड़कियों का फायदा उठाता है. 'कर्तम भुगतम' फिल्म की कहानी ज्योतिष के अंधविश्वास के खिलाफ है, लेकिन दुनिया में करोड़ों लोग राशि, वास्तु, राशिफल, टैरो, पत्रिका, अंक ज्योतिष, जन्म कुंडली, ग्रह-नक्षत्र, रत्न और काले जादू पर विश्वास करते हैं. कोरोना के बाद यह धंधा और भी फल-फूल रहा है. अंधविश्वास फैलाने के लिए हत्या की साजिशें भी रची जा रही हैं. आश्रम आश्रम एक क्राइम ड्रामा और थ्रिलर सीरीज है.आश्रम की कहानी में कई ऐसे हिस्से हैं जो हमारे देश में फैले बाबाओं के प्रभाव, उनके जाल और उनकी काली करतूतों के साथ-साथ राजनीति में की जा रही गंदगी का असली चेहरा उजागर करते हैं. सिर्फ एक बंदा काफी है हमारे देश में धार्मिक गुरुओं की आम लोगों में बहुत मान्यता है. चाहे वो किसी भी धर्म से जुड़े हों. यह फिल्म भी ऐसे ही धार्मिक गुरु की कहानी कहती है, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. फिल्म में एक भक्त परिवार की नाबालिग लड़की बाबा के आश्रम द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ती है. एक दिन लड़की को भूत-प्रेत का साया बताकर बाबा के आश्रम में भेज दिया जाता है, जहां बाबा उसके साथ दुष्कर्म करता है. पहले तो लड़की और उसका परिवार बाबा की इस शर्मनाक हरकत पर यकीन नहीं कर पाते, लेकिन फिर हिम्मत जुटाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा देते हैं. यहीं से यह लड़ाई बाबा बनाम एडवोकेट सोलंकी में बदल जाती है. पीके पीके सामाजिक संदेश और मनोरंजन से भरपूर फिल्म बनाई. फिल्म समाज में व्याप्त धार्मिक ठेकेदारों पर प्रहार करती है. फिल्म में पीके बताती है कि समाज में दो तरह के भगवान हैं. एक वो जिसने इंसान को बनाया, उसकी कोई परवाह नहीं करता और दूसरे वो भगवान जिन्हें धार्मिक ठेकेदारों, पाखंडियों, फर्जी बाबाओं ने बनाया है. उन्हें जाति और धर्म के आधार पर बांट दिया गया है और उनके नाम पर लोगों को डराकर बेवकूफ बनाया जा रहा है. माय डॉटर जॉइंट ए कल्ट तीन एपिसोड की यह सीरीज स्वयंभू भगवान स्वामी नित्यानंद की पोल खोलती है, जिन्होंने कथित तौर पर अपने अनुयायियों को अपने आश्रम और गुरुकुल ट्रस्ट नित्यानंद ध्यानपीठम में शामिल होने का लालच देकर धोखा दिया और बाद में कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया. Read More: Bigg Boss OTT 3 से बाहर हुई ‘वड़ा पाव गर्ल’ चंद्रिका दीक्षित कनाडा में कॉन्सर्ट से पहले PM जस्टिन ट्रूडो ने की दिलजीत से मुलाकात 'जिंदगी गुलजार है' के सीक्वल को लेकर सनम सईद ने शेयर की अपडेट राजकुमार राव- श्रद्धा कपूर स्टारर Stree 2 का ट्रेलर इस दिन होगा रिलीज हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article