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Amitabh Bachchan ने Kaun Banega Crorepati में ज्ञान का रजत महोत्सव में अपने जंजीर के पल को याद किया

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न का लोकप्रिय गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' एक अद्भुत उपलब्धि का जश्न मनाने जा रहा है—ज्ञान का प्रसार करने, सपनों को साकार करने और जीवन बदलने...

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Amitabh Bachchan ने Kaun Banega Crorepati में ज्ञान का रजत महोत्सव में अपने जंजीर के पल को याद किया
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सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न का लोकप्रिय गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' एक अद्भुत उपलब्धि का जश्न मनाने जा रहा है—ज्ञान का प्रसार करने, सपनों को साकार करने और जीवन बदलने वाले पलों को रचने की अद्भुत यात्रा के 25 साल का उत्सव. यह भव्य उत्सव 20 जनवरी से "ज्ञान का रजत महोत्सव" के साथ शुरू होगा, जो ढेर सारे किस्सों, रोमांच और यादगार पलों का वादा करता है. इस खास मौके को और भी यादगार बनाते हुए, कठुआ के विनय गुप्ता अपने गांव के गर्वित प्रतिनिधि के रूप में हॉट सीट पर बैठें. वह अपने गृहनगर से कौन बनेगा करोड़पति पर पहुंचने वाले पहले प्रतियोगी बन गए हैं. अपार गर्व और दृढ़ संकल्प के साथ, विनय इस मौके को न केवल अपने सपनों को पूरा करने का ज़रिया मानते हैं, बल्कि अपने गांव के लोगों को बड़े लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा देने का अवसर भी समझते हैं. गेम के दौरान, अमिताभ बच्चन के बड़े फैन विनय ने उनसे उनकी फिल्म ज़ंजीर का प्रसिद्ध डायलॉग सुनाने की गुज़ारिश की. 

Amitabh Bachchan became emotional on the demise of Ustad Zakir Hussain (5)

अमिताभ बच्चन ने इस पर भावुक होकर एक यादगार किस्सा साझा करते हुए कहा, "मैंने दो-तीन फिल्मों में काम किया था, लेकिन वे सफल नहीं रहीं, जिससे मैं हताश हो गया था. मुंबई आने से पहले मैं कोलकाता में काम करता था, जहां मेरा वेतन सिर्फ 400-500 रुपये महीना थी. लेकिन जब मैं मुंबई आया, तो मैंने ठान लिया था कि मुझे यह करना ही है. मैंने सोचा, अगर फिल्मों में काम नहीं मिला, तो मैं टैक्सी चलाऊंगा. इसके लिए मैंने ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था. आखिरकार, मुझे काम मिल गया, और अब्बास साहब ने मुझे पहला ब्रेक दिया. ज़ंजीर सलीम-जावेद ने लिखी थी, और यह मेरी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गई. उन दिनों राजेश खन्ना भारत के सबसे बड़े सुपरस्टार थे. क्या ऑरा था उनका, क्या फॉलोइंग थी... उनकी मौजूदगी इतनी प्रभावशाली थी कि जब वह आते, तो महिलाएं उनकी कार के टायरों की मिट्टी उठाकर अपने माथे पर लगाती थीं, इसे आशीर्वाद मानती थीं. मैं उस वक्त कुछ भी नहीं था, लेकिन फिर सलीम-जावेद मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे कहानी सुनाई. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मुझे यह रोल मिलेगा, लेकिन मुझे मिला. और इसी तरह मुझे ज़ंजीर मिली."

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जब अमिताभ बच्चन ने जावेद साब से पूछा कि क्या उन्होंने उनकी पिछली फिल्में देखी हैं, तो जावेद साब ने कहा, "हां, मैंने आपकी फिल्में देखी हैं." अमिताभ बच्चन ने अपनी यादों के झरोखे में टहलते हुए आगे कहा, "जावेद साब ने मुझे बताया कि मेरी एक फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' में एक सीन है, जहां मैं एक रेस्टोरेंट में बैठा हूं और शत्रुघ्न सिन्हा मुझे थप्पड़ मारते हैं. इस सीन के बाद लड़ाई होनी थी, लेकिन जब मैं खड़ा हुआ, तब भी मैं उस सैंडविच को चबा रहा था जो मैं खा रहा था. उस पल ने जावेद साब को यकीन दिलाया कि मैं ज़ंजीर में उस भूमिका को निभा सकता हूं."

इसके बाद अमिताभ बच्चन ज़ंजीर का आइकॉनिक डायलॉग सुनाते हैं, "जब तक बैठने को ना कहा जाए, सीधी तरह खड़े रहो. ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं." डायलॉग सुनाने के बाद वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, "यह मेरे काम का पहला दिन था और मुझे यह डायलॉग प्राण साहब से कहना था, जो असाधारण प्रतिभा के धनी थे. शुरुआत में, मैं यह लाइन उन्हें कहने में झिझक रहा था, लेकिन वह बेहद सहायक थे और उन्होंने मुझे कहा कि आगे बढ़ो और इसे बोलो."

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इस यादगार पल को देखना न चूकें, केवल "कौन बनेगा करोड़पति – ज्ञान का रजत महोत्सव" पर जो शुरू हो रहा है 20 जनवरी से, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 9:00 बजे, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर.

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