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Nikita Roy Movie Review: अंधविश्वास और हकीकत में फर्क समझाती है निकिता रॉय की कहानी

रिव्यूज: Nikita Roy Review: अगर आप सोनाक्षी सिन्हा, अर्जुन रामपाल की फिल्म निकिता रॉय को दखने का प्लान बना रहे है तो फिल्म को देखने से पहले एक बार रिव्यू जरूर पढ़ें.

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Nikita Roy Review

फिल्म रिव्यू- निकिता रॉय 
निर्देशक: कुश एस सिन्हा
कलाकार: सोनाक्षी सिन्हा, परेश रावल, अर्जुन रामपाल

रेटिंग- 2 स्टार

Nikita Roy Review: सोनाक्षी सिन्हा, अर्जुन रामपाल और परेश रावल की हॉरर-ड्रामा फिल्म निकिता रॉय सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है. फिल्म को दर्शकों की ओर से कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं मिली है. ऐसे में अगर आप फिल्म देखने का प्लान बना रहे है तो फिल्म को देखने से पहले एक बार रिव्यू जरूर पढ़ें.

कहानी (Story)

Nikita Roy Review:लंदन की पृष्ठभूमि पर आधारित, निकिता रॉय एक दृढ़ निश्चयी तर्कवादी निकिता (सोनाक्षी सिन्हा) की कहानी है, जो अपने भाई सनल (अर्जुन रामपाल) की रहस्यमय मौत की जाँच करती है, जो आध्यात्मिक गुरु अमरदेव (परेश रावल) का पर्दाफ़ाश करने की कोशिश कर रहा एक वैज्ञानिक है. जैसे-जैसे निकिता जॉली (सुहैल नैयर) की मदद से गहराई से खोजबीन करती है, भयावह घटनाएं सामने आती हैं. गुप्त रिकॉर्डिंग, एक प्रमुख मुखबिर की आत्महत्या, और अलौकिक संकेत तर्क और विश्वास के बीच की रेखा को धुंधला कर देते हैं. एक भ्रष्ट पुलिस वाले द्वारा मामले को उलझाए जाने के साथ, निकिता सच्चाई का पता लगाने के लिए दौड़ पड़ती है. क्या पुलिस निकिता की सच्चाई का पता लगा पआएंगी. फिल्म की पूरी जानकारी दॉजाननने के लिए फहले आपको फिल्म सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखनी पड़ेगी.

एक्टिंग (Acting)

Nikita Roy Review

निकिता के रूप में सोनाक्षी सिन्हा ने पूरी ईमानदारी से कोशिश की है, लेकिन पटकथा उन्हें कभी भी अराजकता से ऊपर उठने नहीं देती. सुहैल नय्यर ने उनका अच्छा साथ दिया है, और दोनों मिलकर कम से कम पहले भाग को देखने लायक बनाते हैं. परेश रावल, मुख्य खलनायक होने के बावजूद, बेहद कम इस्तेमाल किए गए हैं. जहां तक कुश एस सिन्हा की बात है, जो निर्देशन में पदार्पण कर रहे हैं, दुर्भाग्य से उन्होंने एक ऐसा विषय चुना है जिस पर उनकी पकड़ कमजोर है.

डायरेक्शन (Direction)

Nikita Roy Review

कुश सिन्हा के निर्देशन की सबसे बड़ी खासियत उनकी दूरदर्शिता है. वे दर्शकों को डराने के लिए घटिया हथकंडे अपनाने से बचते हैं और एक बेहतरीन कहानी के ज़रिए तनाव पैदा करते हैं. उनका परिपक्व और संयमित दृष्टिकोण फिल्म को ऊंचा उठाता है. निर्माताओं का बारीकी पर ध्यान हर फ्रेम में साफ़ दिखाई देता है, जिससे फ़िल्म तकनीकी रूप से मज़बूत होने के साथ-साथ विषय-वस्तु से भी भरपूर है. अभिनव शेखर का संगीत भुला देने लायक है. 'काली रातें' अपने प्लेसमेंट और ग्राफिक्स के दम पर कामयाब होती है. अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर इसमें और भी अजीबोगरीब एहसास जोड़ता है. 

निष्कर्ष (Concussion)

Nikita Roy Review

निकिता रॉय सिर्फ एक हॉरर फिल्म नहीं है. यह एक ऐसी फिल्म है जो सवाल उठाती है. क्या हम अंधविश्वास के जाल में बहुत आसानी से फंस जाते हैं? क्या आध्यात्मिक गुरु हमेशा वही होते हैं जो वे होने का दावा करते हैं? अगर आप एक ऐसी थ्रिलर फिल्म की तलाश में हैं जो डराने से आगे बढ़कर कुछ खास पेश करे, तो निकिता रॉय जरूर देखें.

Tags : film Nikita Roy and the Book | Kussh Sinha | Sonakshi Sinha | Sonakshi Sinha film | Paresh Rawal | Suhail Nayyar | Arjun Rampal

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