देवानंद की आत्मकथा के पीछे की कहानियां
अली पीटर जॉन अपने जीवन के अंतिम 10 सालों में देवानंद के पास कई लेखक आयें जो उनके जीवन पर किताब लिखना चाहते थे. इनमें से कुछ भारत के थे और कुछ दूसरे देश के .पर देवानंद किसी को भी अपने ऊपर किताब लिखने की अनुमति नहीं देना चाहते थे. वो हमेशा मेरे से पूछते थे