Junior Mehmood movies

ताजा खबर: हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो दर्शकों की यादों में हमेशा बसे रहते हैं. इनमें से एक नाम है जूनियर महमूद—एक ऐसा बाल कलाकार जिसने 60 और 70 के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज किया. अपनी मासूम मुस्कान, अनोखे अभिनय और कॉमिक टाइमिंग से उन्होंने दर्शकों को हंसाया भी, रुलाया भी और अपने किरदारों के जरिए गहरी छाप छोड़ी. उनके जन्मदिन के अवसर पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी, करियर, संघर्ष और उन रोचक किस्सों के बारे में जो उन्हें एक आइकॉनिक कलाकार बनाते हैं.

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बचपन और शुरुआती जीवन

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जूनियर महमूद का वास्तविक नाम नावेद सईद खान था. उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जहाँ आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन सपनों की कोई कमी नहीं थी. बचपन से ही उन्हें अभिनय, नृत्य और फिल्मों में गहरी रुचि थी. उनके परिवार ने भी उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका दिलाने के लिए पूरा सहयोग किया.उनका ‘जूनियर महमूद’ नाम पड़ने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है—जिस दौर में महमूद साहब कॉमेडी के सम्राट थे, उसी समय नावेद ने कई फिल्मों में उन्हें कॉपी करते हुए शानदार परफॉर्मेंस दिया. दर्शक उन्हें ‘छोटा महमूद’ कहने लगे और यह नाम इतना लोकप्रिय हुआ कि वह हमेशा के लिए जूनियर महमूद बन गए.

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फिल्मी सफर की शुरुआत

junior mehmood films

जूनियर महमूद ने 1960 के दशक में बतौर बाल कलाकार फिल्मों में कदम रखा. उनके अभिनय की मासूमियत और नैचुरल एक्सप्रेशन्स ने फिल्ममेकर्स को तेजी से आकर्षित किया.
उन्होंने एक बच्चे के रूप में इतनी लोकप्रियता हासिल की कि लगभग हर बड़ी फिल्म में उनकी जगह बन गई.

उनकी शुरुआती फिल्मों में शामिल हैं:

  • कारवां

  • जीवन मृत्यु

  • आदमी और इंसान

  • हाथी मेरे साथी

  • मेरा नाम जोकर

  • परिचय

इन फिल्मों में उनके किरदार छोटे जरूर थे, लेकिन प्रभावशाली इतने कि दर्शक फिल्म के अन्य कलाकारों के साथ-साथ उनका भी बेसब्री से इंतज़ार करते थे.

‘हाथी मेरे साथी’ – सबसे यादगार भूमिका

हाथी मेरे साथी

राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ में जूनियर महमूद का चरित्र आज भी दर्शकों के दिलों में ताजा है. उनका मासूम किरदार और डायलॉग डिलीवरी बच्चे और बड़े सभी को बेहद पसंद आई.फिल्म की सुपरहिट होने के बाद वे देशभर में पहचान बना चुके थे और लोग उन्हें "प्यारा बच्चा कलाकार" कहकर बुलाने लगे.

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कॉमेडी की दुनिया में कमाल

Junior Mehmood

जूनियर महमूद ने सिर्फ बाल कलाकार के रूप में ही नहीं, बल्कि बड़े होने पर भी कॉमेडी में शानदार योगदान दिया.उनकी टाइमिंग, चेहरे के एक्सप्रेशन और संवादों का अंदाज़ बिल्कुल अलग था. कई बार उन्होंने महमूद साहब की स्टाइल में परफॉर्म किया और दर्शकों से खूब तालियाँ बटोरीं.

उनकी कुछ प्रसिद्ध वयस्क भूमिकाएँ:

  • बच्चे मेरे साथी

  • कुर्बानी

  • दुश्मन

  • जिंदगी

  • खुद्दार

उनका हर किरदार दर्शकों को हंसाता और भावनाओं से जोड़ता रहा.

टीवी की दुनिया में भी जमाया रंग

Junior Mehmood

फिल्मों के अलावा उन्होंने टीवी पर भी अपनी विशेष पहचान बनाई.उनका ‘जुनून’, ‘एक शक्ति’ और कई कॉमेडी शो में दिखना दर्शकों के लिए खुशी की बात होती थी.बाल कलाकार से लेकर परिपक्व अभिनेता तक का सफर उन्होंने अपने दम पर तय किया—यह प्रेरणादायक है.

नाटक और स्टेज शो के सम्राट

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जूनियर महमूद एक बेहतरीन स्टेज परफ़ॉर्मर भी थे.वे 3000 से अधिक लाइव शो कर चुके थे और उनकी लोकप्रियता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं थी.ग़ल्फ कंट्री, अफ्रीका और यूरोप में भी उनके शो खूब पसंद किए जाते थे.उनकी मंच पर एनर्जी अद्भुत होती थी. अक्सर कहा जाता था—“जूनियर महमूद मंच पर हों, तो शो सुपरहिट होना तय है.”

निजी जीवन और संघर्ष

 Junior Mehmood

जहाँ फिल्मी जीवन ग्लैमर से भरा दिखता है, वहीं वास्तविक जीवन में जूनियर महमूद ने कई मुश्किलों का सामना किया.उन्होंने बताते हुए कहा था कि कई बार फिल्मों के ऑफर कम हुए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.उन्होंने नाटक, टीवी, स्टेज शो और इवेंट्स के जरिए अपना सफर जारी रखा.उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि एक कलाकार कभी छोटा या बड़ा नहीं होता—प्रतिभा और मेहनत ही उसे अमर बनाती है.

गाने

FAQ

1. जूनियर महमूद का असली नाम क्या था?

उनका असली नाम नावेद सईद खान था.

2. उन्हें ‘जूनियर महमूद’ नाम कैसे मिला?

महमूद साहब की स्टाइल में अभिनय करने पर लोग उन्हें छोटा महमूद कहने लगे और यही नाम चल पड़ा.

3. जूनियर महमूद ने किस दशक में बतौर बाल कलाकार काम शुरू किया?

उन्होंने 1960 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की.

4. उनकी सबसे यादगार फिल्मों में कौन-कौन सी शामिल हैं?

‘हाथी मेरे साथी’, ‘परिचय’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘कारवां’ और ‘जीवन मृत्यु’ उनकी यादगार फिल्मों में शामिल हैं.

5. क्या जूनियर महमूद ने वयस्क भूमिकाएँ भी निभाईं?

हाँ, उन्होंने ‘दुश्मन’, ‘कुर्बानी’, ‘जिंदगी’ और ‘खुद्दार’ जैसी फिल्मों में वयस्क रोल किए.

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