रिव्यूज गांधी जी को समझने का प्रयास 'हे राम, हमने गांधी को मार दिया' महात्मा गांधी जी की नीतियों और विचारों को लेकर अक्सर विरोधाभाष होता रहा है। निर्माता निर्देशक नईम ए सिद्धिकी ने अपनी फिल्म ‘हे राम हमने गांधी को मार दिया’ के तहत इसी विरोधाभाष को जस्टीफाई करने की कोशिश की है। फिल्म की कहानी कहानी आजादी के पहले की है By Shyam Sharma 02 Mar 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज अद्भुत रोमांच और एक्शन से भरपूर 'टाइगर जिन्दा है' रेटिंग**** कुछ फिल्मों की कहानी इस तरह की बन जाती है कि बाद में उसे कितना ही बढ़ाते रहिये। ऐसी फिल्मों की अब लिस्ट बनाई जा सकती है। उन फिल्मों में टाइगर भी शामिल हो चुकी है। इसका सुबूत इस सप्ताह यशराज बैनर द्धारा निर्मित,अली अब्बास ज़फर द्धारा निर्देशित ‘ट By Shyam Sharma 21 Dec 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज हंसी का सामान्य डोज 'फुकरे रिटर्न्स' दो हजार तेरह में हिट फिल्म ‘फुकरे’ की आगे की कड़ी मृगदीप सिंह लांबा द्धारा डायरेक्ट फिल्म ‘फुकरे रिटर्न्स’ बेशक पहली के सामने कहीं भी नहीं ठहर पाती, बावजूद इसके दर्शक कितनी ही बार ठहाके लगाने पर मजबूर होते हैं। क्या है कहानी फिल्म की कहानी ? दिल्ली के By Shyam Sharma 08 Dec 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज अधकचरा रोमांस, घटिया रोमांच 'तेरा इंतज़ार' किसी फिल्म में अरबाज खान, सनी लियोनी जैसी सेक्सी लड़की के पीछे रोमांटिक अंदाज में गाने गाता दिखाई दे तो आप खुद समझ सकते हैं कि वो क्या फिल्म होगी। निर्देशक राजीव वालिया की रोमांटिक थ्रिलर फिल्म ‘तेरा इंतजार’ एक ऐसी ही फिल्म है। क्या है फिल्म की कहानी ? By Shyam Sharma 01 Dec 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज समझ से परे 'विराम' ये समझ के बाहर की बात है कि कैसे कोई किसी को तीस चालीस साल पुराने दौर की फिल्म बनाने के लिये राजी कर लेता है। निर्देशक जैला खान उन्हीं धुरंदर निर्देशकों में से एक हैं जिन्होंने एक फिल्म पुराने निर्माता हरि मल्होत्रा को ‘विराम’ जैसी अधकचरी फिल्म बनाने के ल By Shyam Sharma 01 Dec 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज सपनों को जीने की लालसा 'तुम्हारी सुलु' शादी के बाद भी कितनी ही महिलायें ऐसी हैं जो अपने अधूरे सपने पूरे करने के लिये लालियत रहती हैं। निर्देशक सुरेश त्रिवेणी की फिल्म ‘तुम्हारी सुलू’ की नायिका भी उन्हीं औरतों में शामिल है। जो छोटी-छोटी प्रत्योगिताओं में अपने सपने देखती हुई हिस्सा ले जीतने का स By Shyam Sharma 17 Nov 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज कुरीतियों का विरोध करती 'शादी में जरूर आना' बेशक हम आज महिलाओं को लेकर जागृत करने का शोर मचा रहे हैं, लेकिन मुंबई जैसे कुछ मैट्रो सिटीज को छोड़ कर देखा जाये, तो आज भी नॉर्थ में लड़कियों को रूढीवादी माता पिता और समाज के सामंती रवैये का सामना करना पड़ता है। निर्देशिका रत्ना सिन्हा की फिल्म ‘शादी में जरू By Shyam Sharma 10 Nov 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज सस्पेंस थ्रिलर का बढ़िया तड़का 'इत्तेफाक़' बी आर चोपड़ा बैनर की फिल्म‘ इत्तेफाक़’ 1969 में रिलीज एक ऐसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी जिसमें राजेश खन्ना और नंदा की अदाकारी तथा फिल्म का सस्पेंस आज भी याद है। बी आर के पोते अभय चोपड़ा ने उसी फिल्म का रीमेक उसी नाम से बनाया है। फिल्म में आज के हिसाब से कुछ फेर By Mayapuri Desk 03 Nov 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
ताजा खबर जिन्दगी जीने का अंदाज सिखाती है 'जिया और जिया' आपको अपनी मौत के बारे में पता है बावजूद इसके आप अपनी बाकी बची जिन्दगी को बिन्दास अंदाज से जीते हैं ये बहुत बड़ी बात है। निर्देशक हावर्ड रोजमेयर की फिल्म ‘जिया और ये बात बहुत खबसूरती से बताती है। रिचा चड्ढा और कल्कि कोचलिन ट्रिप फ्रेंड्स हैं। स्वीडन जाकर व By Mayapuri Desk 26 Oct 2017 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn