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Sony SAB के कलाकारों ने दशहरा की अपनी यादें साझा कीं

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा कई लोगों के दिलों में खास जगह रखता है. इस साल सोनी सब के प्रमुख कलाकार रामलीला प्रदर्शनों में भाग लेने से लेकर पारंपरिक मिठाइयों का...

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बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा कई लोगों के दिलों में खास जगह रखता है. इस साल सोनी सब के प्रमुख कलाकार रामलीला प्रदर्शनों में भाग लेने से लेकर पारंपरिक मिठाइयों का आनंद लेने तक, दशहरा की अपनी यादों को साझा कर रहे हैं. त्योहार के महत्व को दर्शाते हुए वे आज की दुनिया में इसके मूल्यों के बारे में व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि भी प्रदान करते हैं.

श्रीमद् रामायण में श्री राम की भूमिका निभाने वाले सुजय रेउ ने कहा,

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“मैंने टीवी पर रामायण देखने और श्री राम और रावण के बारे में अपनी दादी की कहानियों को सुनने की यादें संजोई हैं. जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मुझे दशहरा के गहरे महत्व और यह कैसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसकी समझ हुई. हालांकि, मैंने कभी रामलीला में भाग नहीं लिया, लेकिन मैंने पूरे भारत में कई प्रदर्शन देखने का आनंद लिया है. यह सोचना ही सपना प्रतीत होता है कि अब मैं श्री राम की भूमिका निभा रहा हूँ. प्रशंसकों के लिए मेरा संदेश है कि हम अपने दैनिक जीवन में श्री राम की बुद्धिमत्ता और निष्ठा को अपनाएँ. आज की भागदौड़ भरी दुनिया में अपना संयम बनाए रखना और उनके जीवन से मूल्यवान सबक सीखना बहुत ज़रूरी है.”

वागले की दुनिया में राजेश की भूमिका निभाने वाले सुमित राघवन ने कहा,

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“दशहरा बचपन की यादों को ताज़ा करने का समय है, जो खुशी और उत्साह से भरी हुई है. यह मुझे याद दिलाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर जीत हासिल करती है. मेरा मानना है कि इस त्यौहार का सार हमारे मूल नैतिक मूल्यों और मूल्यों का पालन करने में निहित है. मैं सभी को इस त्यौहार की सकारात्मकता को अपनाने और इसे अपने जीवन में खुशियाँ लाने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ.”

बादल पे पाँव है में रजत खन्ना की भूमिका निभाने वाले आकाश आहूजा ने कहा,

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“दशहरा से जुड़ी मेरी सुखद यादें हैं. खासकर जब मैं और मेरा भाई एक स्थानीय कार्यक्रम के लिए श्री राम और लक्ष्मण की तरह तैयार हुए थे. इसने मुझे श्री राम के मूल्यों से गहराई से जोड़ा. दशहरा हमें याद दिलाता है कि हम सभी के भीतर अलग-अलग चरित्र हैं. हमें अपने भीतर के रावण से ऊपर उठकर श्री राम के गुणों को अपनाना चाहिए. अपने प्रशंसकों से मैं यही कहना चाहूँगा कि दशहरे की सीख को अपने जीवन में अपनाएँ और नकारात्मकता पर विजय पाने का प्रयास करें.

बादल पे पाँव है में बिशन खन्ना की भूमिका निभाने वाले सूरज थापर ने कहा,

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“बचपन में दशहरा मीठे चावल और जलेबियों का समय होता था. साथ ही मैं अपने परिवार के साथ रामलीला भी देखता था. मुझे रावण को जलते हुए देखने का उत्साह अच्छी तरह याद है. इस साल भले ही मैं चंडीगढ़ में हूँ और मेरे बच्चे मुंबई में हैं, लेकिन मैं अपनी परंपराओं का जश्न मनाने के लिए उनके लिए कुछ खास बनाने की योजना बना रहा हूँ. दशहरे पर मैं सभी से क्रोध को त्यागने और क्षमा को अपनाने का आग्रह करता हूँ. जिस तरह श्री राम ने सत्य के साथ रावण को हराया था, उसी तरह पुरानी बातों को भूलने से शांति मिलती है और हम खुशियों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं.”

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