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Siddharth Arora 'Sahar'

गंगाजल, अपरहण, राजनीति, आरक्षण और अब आश्रम जैसी बेहतरीन और ज़मीन से जुड़ी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार प्रकाश झा की बेटी दिशा झा भी अपने पिता की हर फिल्म में कंधे-से-कंधा मिलाकर प्रोडक्शन संभालती हैं. उनसे हुई कुछ मज़ेदार बातचीत का मुख्य अंश पेश है –

भारत सरकार के सूचना एव प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के सदके इस बार 52वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के गोवा संस्करण में 75 नए फिल्मकारों को चुना जायेगा. यह फिल्म महोत्सव 20-28 नवम्बर में आयोजित होगा. इस बार भारत के नए, यु

रीजनल सिनेमा की गिरती क्वालिटी और बदतर कंटेंट के बीच, पंजाबी सिनेमा कम से कम सिनेमा क्वालिटी को तो बरक़रार रखे हुए है। होंसला रख कॉमेडी फिल्म होने के साथ-साथ बड़े प्यार से सोशल मेसेज देने में भी कामयाब होती है। फिल्म की कहानी ट्रेलर से बिल्कुल विपरीत, ये

पंजाबी में टब्बर का मतलब ही परिवार होता है, परिवार जो एक दूसरे का हर अच्छे बुरे में साथ देता है, सपोर्ट करता है। कुछ ऐसा ही पंजाबी फिल्म डायरेक्टर हर्मन वडाला की नई वेब सीरीज़ tabbar में भी देखने को मिल सकता है। पंजाबी फिल्मों में अपना नाम सुनहरे अक

एक्शन प्रेमियों के लिए विद्युत् जामवाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। विद्युत् की फिज़ीक, उनका स्टाइल और उनके एक्शन की बीते किसी भी एक्शन स्टार से कोई तुलना नहीं है। विद्युत् जामवाल जम्मू में एक आर्मी ऑफिसर की फैमिली में जन्में ज़रूर हैं पर बचपन से ही उन्हों

लता मंगेशकर जी की आवाज़ जिसे हम बीते 60 सालों से सुनते आ रहे हैं, उन्होंने उसी सुरीली आवाज़ में विनम्रता से अपने 92वें जन्मदिन के उपरान्त अपने चाहने वालों को धन्यवाद किया. ?s=20 लता मंगेशकर जी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, ख़त, टेलीफोन आदि हर संभ

स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही एक्टिंग में रुची रखने वाली अनुजा साठे के दिल में कहीं से कहीं तक नहीं था कि वो आगे चलकर ओटीटी स्क्रीन पर इतनी पसंद की जायेंगी। परमाणु, ब्लैकमेल, तम्मना, आदि कई शोज़ और फिल्म्स कर चुकी अनुजा अब फिर एक बार एमएक्स प्लेयर की आगामी

अगर मैं आपसे 2 अक्टूबर कहूँ तो आप तुरंत कहेंगे गाँधी जयंती, देश को अंहिंसा के बल पर स्वतंत्रता दिलवाने और देश का बटवारा करवाने के चलते ही सिर्फ गांधी जी को याद नहीं किया जाता, बल्कि उनके आदर्श, उनका संयम और उनके अनेकोनेक असफल यात्राओं और अनशनों के लिए भी

दिल्ली के रहने वाले शाहाब अली एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं पर इनका जज़्बा, इनकी कोशिशें और कभी न हार मानने वाली आदत इन्हें असाधारण बनाती है। शाहाब कई थिएटर्स और प्ले करने के बाद फैमिलीमैन 2 जैसी सुपरहिट सीरीज़ में भी काम कर चुके हैं और 30 सितम्बर से

बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्में बनाना ठीक वैसा ही है जैसे घर में दाल-चावल बनाना। दाल का रंग भले ही बदल जाये लेकिन कॉम्बिनेशन नहीं बदलता और अक्सर टेस्ट भी नहीं बदलता। लेकिन कुनाल देशमुख एक ऐसे रोमांटिक फिल्ममेकर हैं जो हर बार, मिलती जुलती कहानी में भी नया तड़क

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