भारत में बनी मोस्ट कंट्रोवरशियल फिल्मों में से एक बैंडिट क्वीन शेखर कपूर की एक ऐसी फिल्म है जिससे कई बड़े नाम मिले थे। जो 1994 में इतनी वोइलेंट और रॉ थी कि उसे बैन करने की मांग उठने लगी थी। बैंडिट क्वीन ऐसी फिल्म थी जिसमें एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार ऐस
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Siddharth Arora 'Sahar'
कहानी में वो दिखाना जो लोगों ने कभी सोचा भी न हो, मल्टीस्टारर फिल्में बनाना और एक्शन भी ऐसा रखना कि दर्शकों की दांतों तले उंगलियाँ दब जायें। फिर सबसे बड़ी बात, ऐसे लार्जर देन लाइफ करैक्टर्स जिनको देखकर हॉलीवुड के सुपर हीरोज़ भी शरमा जाएँ, अब तो आप समझ ही गय
सुशांत सिंह राजपूत अपनी ख़ुशमिज़ाजी और मासूमियत के चलते पूरी दुनिया के दर्शकों के बीच ही फेमस थे। यूँ एक्टर राजपूत का फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ने का कोई इरादा नहीं था, सेवंथ रेंक वाले IITIAN रहे थे। लेकिन जाने क्या हुआ कि चकाचौंध भरी ये दुनिया उन्हें आकर्षित
गंगाजल, अपरहण, राजनीति, आरक्षण और अब आश्रम जैसी बेहतरीन और ज़मीन से जुड़ी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार प्रकाश झा की बेटी दिशा झा भी अपने पिता की हर फिल्म में कंधे-से-कंधा मिलाकर प्रोडक्शन संभालती हैं. उनसे हुई कुछ मज़ेदार बातचीत का मुख्य अंश पेश है –
भारत सरकार के सूचना एव प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के सदके इस बार 52वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के गोवा संस्करण में 75 नए फिल्मकारों को चुना जायेगा. यह फिल्म महोत्सव 20-28 नवम्बर में आयोजित होगा. इस बार भारत के नए, यु
पंजाबी में टब्बर का मतलब ही परिवार होता है, परिवार जो एक दूसरे का हर अच्छे बुरे में साथ देता है, सपोर्ट करता है। कुछ ऐसा ही पंजाबी फिल्म डायरेक्टर हर्मन वडाला की नई वेब सीरीज़ tabbar में भी देखने को मिल सकता है। पंजाबी फिल्मों में अपना नाम सुनहरे अक
रीजनल सिनेमा की गिरती क्वालिटी और बदतर कंटेंट के बीच, पंजाबी सिनेमा कम से कम सिनेमा क्वालिटी को तो बरक़रार रखे हुए है। होंसला रख कॉमेडी फिल्म होने के साथ-साथ बड़े प्यार से सोशल मेसेज देने में भी कामयाब होती है। फिल्म की कहानी ट्रेलर से बिल्कुल विपरीत, ये
एक्शन प्रेमियों के लिए विद्युत् जामवाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। विद्युत् की फिज़ीक, उनका स्टाइल और उनके एक्शन की बीते किसी भी एक्शन स्टार से कोई तुलना नहीं है। विद्युत् जामवाल जम्मू में एक आर्मी ऑफिसर की फैमिली में जन्में ज़रूर हैं पर बचपन से ही उन्हों
लता मंगेशकर जी की आवाज़ जिसे हम बीते 60 सालों से सुनते आ रहे हैं, उन्होंने उसी सुरीली आवाज़ में विनम्रता से अपने 92वें जन्मदिन के उपरान्त अपने चाहने वालों को धन्यवाद किया. ?s=20 लता मंगेशकर जी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, ख़त, टेलीफोन आदि हर संभ
दिल्ली के रहने वाले शाहाब अली एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं पर इनका जज़्बा, इनकी कोशिशें और कभी न हार मानने वाली आदत इन्हें असाधारण बनाती है। शाहाब कई थिएटर्स और प्ले करने के बाद फैमिलीमैन 2 जैसी सुपरहिट सीरीज़ में भी काम कर चुके हैं और 30 सितम्बर से
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