ट्यूबलाइट
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रेटिंग*** एक था टाइगर तथा बजरंगी भाईजान जैसी सुपर हिट फिल्मों के बाद कबीर खान और सलमान खान की जोड़ी देखने के लिये दर्शक फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ का बेसर्बी से इंतजार कर रहे थे । लेकिन फिल्म देखने के बाद उनका उत्साह झाग की तरह बैठ सकता है क्योंकि फिल्म महज कबीर
रेटिंग*** आज नये मेकर ऐसे विषयों पर फिल्में बनाने की हिम्मत दिखा रहे हैं जिनके बारे में कल तक सोचा तक नहीं जा सकता था। इस सप्ताह निर्देशक अभिषेक सक्सेना की फिल्म ‘फुल्लू’ एक ऐसे ही विषय पर आधरित है। फुल्लू यानि शारीब हाश्मी गांव का ऐसा मस्त मौला युवक ह
रेटिंग** निर्देशक राहुल दहिया की फिल्म 'जी कुत्ता सै' का टाइटल इसलिये अधिकांश दर्शकों को कन्फयूज कर रहा है क्योंकि बेसिकली फिल्म हरियाणवी भाषा में हैं और टाइटल भी हरियाणवी है। 'जी कुत्ता सै' का मतलब हरियाणवी में होता है यानि दिल कमीना है या कुत्ता है।
रेटिंग*** यशराज बैनर के द्धारा निर्मित तथा लेखक निर्देशक बंपी की फिल्म ‘बैंक चोर’ बोलने में द्विअर्थी लग रही थी लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, दूसरे फिल्म के जॉनर को कॉमेडी, सस्पेंस कहना ज्यादा उचित होगा, कॉमेडी के तहत फिल्म में इमोशन और ड्रामा भी द
रेटिंग*** इन दिनों नये नये टेलंट आ रहे हैं । उनमें जोश भी है और वे कुछ नया दिखाने के लिये लालियत हैं लेकिन इन में से ज्यादातर कहानी या टेक्निकली मार जाते हैं । अजय पन्नालाल ने भी फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ से बतौर निर्देशक बॉलीवुड में डेब्यु किया है। उनका सब्
रेटिंग*** बाल फिल्में हमारे यहां बहुत कम बनती हैं लेकिन जब भी कोई सार्थक बाल फिल्म बनाना चाहता है तो हमारे तमाम छोटे बड़े स्टार्स उसकी पूरी तरह से मदद करते हैं । इसका सबसे बड़ा उदाहरण है निर्देशक मनिका शर्मा की फिल्म ‘कल्पवृक्ष- विशिंग ट्री’ । जिसमें
रेटिंग** दो कहानीयों के किसी फिल्म में चलते दिखाई देने की बात की जाये तो जंहा राकेश मेहरा की फिल्म ‘ मिर्जा साहेब’ बुरी तरह पिटी थी, वहीं अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘फिल्लौरी’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया। ऐसी ही कहानी पर अब एक और फिल्म ‘राब्ता’ जिसे दिनेश