Advertisment

Birthday Special Omkar Prasad Nayyar पुरानी गल्तियों को दोहराऊंगा नहीं

फिल्म-संगीत के करोड़ों श्रोताओं के सामने नये सिरे से ओ.पी. नैय्यर का परिचय देने की कोई आवश्यकता नहीं, नैय्यर की मस्त धुनों में जो रवानगी है, उसमें डूबने से कौन बचा होगा? नैय्यर का संगीत और हवा के स्तर झोंके दोनों बराबर हैं

Birthday Special: पुरानी गल्तियों को दोहराऊंगा नहीं - ओ.पी.नैय्यर (Omkar Prasad Nayyar)

OPNAYYAR

New Update

फिल्म-संगीत के करोड़ों श्रोताओं के सामने नये सिरे से ओ.पी. नैय्यर का परिचय देने की कोई आवश्यकता नहीं, नैय्यर की मस्त धुनों में जो रवानगी है, उसमें डूबने से कौन बचा होगा? नैय्यर का संगीत और हवा के स्तर झोंके दोनों बराबर हैं, पूरबी बयारों में जैसे आदमी तैरता है, वैसे ही नैय्यर के संगीत को सुनकर भी आदमी अपनी चेतना खो कर थिरकने लगता है।

फिल्म-संगीत के सागर में नैय्यर के आने से पहले खामोशी थी, लेकिन नैय्यर आये तो उस खामोशी में नयी तरंगे आयीं

O.P Nayyar फिल्म-संगीत के सागर में नैय्यर के आने से पहले खामोशी थी, लेकिन नैय्यर आये तो उस खामोशी में नयी तरंगे आयीं, नया झोंका आया, नैय्यर ने संगीत को जादू की तरह इस्तेमाल किया, जैसे सांप बीन की धुनों को सुनकर नाचता है। वैसे नैय्यर के संगीत ने भी सुनने वालों को दीवाना बना दिया, मुझे अच्छी तरह याद है अपने शहर की वह बात जब किसी सिनेमा-हॉल में बैठा मैं फिल्‍म देखने का आनंद ले रहा था। उस फिल्‍म में संगीत नैय्यर का ही था और जब पर्दे पर नायक गाना शुरू करता है और गाने के साथ ही वह नाचने लगता है, तो दर्शकों को भी बेकाबू हो जाना पड़ा, वे भी नाचने लगे। जब तक पर्दे पर नृत्य और गीत का समां बंधा रहा तब तक दर्शक भी नाचते रहे, मुझे थोडी कोफ्त हुई थी, आखिर सभ्यता भी कोई चीज है। इस तरह सिनेमाहॉल में नाचने की क्या तुक! लेकिन संगीत किसी झूठी शान और झूठी सभ्यता के दिखावे से दूर होता है, संगीत तो वही है जिसमें आदमी अपनी लौकिक चेतना को भूलकर अलौकिक संसार में डूब जाये। यानी संगीत को सुनकर आदमी जब तक इस झूठे संसार को भूल नहीं जाये तब तक वह संगीत, संगीत नहीं सिर्फ झूठी कलाबाजी हो सकती है।

ओ.पी. नैय्यर के संगीत में भी ईश्वरीय तत्व शामिल मिलते हैं

O.P Nayyar हमने सुना है कि, कृष्ण जब बांसुरी की तान छेड़ते थे, तो ब्रज की गोपियां अपने पति और बच्चों को भी छोड़कर उस धुन के पीछे दीवानी होकर भाग खड़ी होती थीं। हमने सुना है कि मीरा राजरानी होकर भी संगीत की धुनों पर गली-गली नाचतीं फिरतीं थीं, संगीत ईश्वरीय गुणों से तब जुड़ता है जब उसमें आदमी को अलौकिक आनंद देने की क्षमता हो। ओ.पी. नैय्यर के संगीत में भी ईश्वरीय तत्व शामिल मिलते हैं और यही कारण है उनके संगीत को सुनकर आदमी नाचने लगता है, होशो-हवास खो बैठता है। ‘छू-मंतर’, ‘जॉनी वॉकर’,‘सी.आई.डी’, ‘नया दौर’, ‘फागुन’, ‘तुमसा नहीं देखा, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’,‘फिर वही दिल लाया हूं’,‘कश्मीर की कली’ और ‘प्राण जाये पर वचन न जाये’ जैसी फिल्मों में कोई भी गीत जब कभी सुनायी पड़ते हैं। आदमी एक दूसरी दुनिया में खो जाता है, सचमुच वह अपने आपको भूल जाता है और बरबस उसके पांव थिरकने लगते हैं, लेकिन संगीत के इस जादूगर का कमाल पिछले पांच वर्षों से फिल्म संगीत के श्रोताओं के सामने नये रूप में नहीं दिखाई पड़ा। ‘प्राण जाये पर वचन न जाये’ 1972 में प्रदर्शित ओ.पी. नैय्यर की इस फिल्‍म का गीत ‘चैन से हमको कभी जीने ना दिया’ के लिए आशा भोंसले को फिल्मफेयर की ओर से सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार मिला और उसके बाद से नैय्यर का संगीत पता नहीं कहां गुम हो गया।

यह लोगों को मालूम नहीं हो सका, नैय्यर कहां चले गये और उनकी धुनें कहां गायब हो गयीं

O.P Nayyar पूरे पांच वर्षों तक इस संगीतकार की धुनें श्रोताओं को बेहद परेशान करती रही, घुंघरुओं के बोल ढोलक की थाप और हारमोनियम की अदाकारी के लिए मशहूर संगीत के यह बेताज बादशाह न जाने किस गहरी गुफा में खो गया। यह लोगों को मालूम नहीं हो सका, नैय्यर कहां चले गये और उनकी धुनें कहां गायब हो गयीं, यह सवाल बराबर ही उभरते रहे, लेकिन ‘जवाब’ किसी के पास नहीं था और इन पांच वर्षो में प्रेस और ओ.पी. नैय्यर भी एक-दूसरे से अलग ही रहे। लेकिन आर.एम. आर्टस प्रोडक्शंस कृत ‘हीरा-मोती’ के लिए निर्माता रतन मोहन ने जब से ओ.पी. नैय्यर को अनुबंधित किया है, तब से एक नयी खलबली मची है और उन ढेर सारे सवालों के जवाब के लिए फिल्म-संगीत के असंख्य श्रोताओं की उत्सुकता अपनी सीमा पार कर चुकी है। निर्माता रतन मोहन ने अपनी अगली फिल्म ‘खून का बदला खून’ के लिए भी नैय्यर को अनुबंध किया है, और इसी फिल्‍म के गीत की रिकॉर्डिंग महबूब स्टूडियो में संपन्‍न हो रही थी, इत्तफाक से ही इस रिकाॅर्डिंग में शामिल होने का मौका मुझे भी मिला। वाणी जयराम, उत्तरा केलकर और पुष्पा पगघरे जैसी नवोदित गायिकाओं के साथ नैय्यर की धुनें अपनी विशेष शैली में हवा में लहरा रही थीं और मस्ती का मौसम छाया था।

रिकॉर्डिंग में मौजूद सारे लोगों के पांव थिरक रहे थे और वे वैसे ही झूम रहे थे जैसे मदहोश शराबी झूमता है

O.P Nayyar रिकॉर्डिंग में मौजूद सारे लोगों के पांव थिरक रहे थे और वे वैसे ही झूम रहे थे जैसे मदहोश शराबी झूमता है, पहले ही ‘टेक’ में गाना ओ.के. हुआ। नैय्यर अपने साजिंदे और नवोदित गायिकाओं को बधाई देने निकले ही थे तभी मैंने उनसे ‘मायापुरी’ के लाखों पाठकों की ओर से उनसे बातचीत के लिए आग्रह किया और वे इसके लिए तैयार हुए। अगले दिन नियत समय पर नेपीयन-सी रोड स्थित ‘मीरामार’ के दसवें फ्लोर पर मैं ओ.पी. नैय्यर के सामने था, ‘खून का बदला खून’ के ही अगले गाने की रिहर्सल में वे अपने दो सहयोगी के साथ डूबे थे। मेरे पहुंचने के बाद उन्होंने उन दोनों को विदा किया, सामने हारमोनियम और ढोलक पड़े हैं और सफेद गद्दे पर दीवार से टिके वे बैठे हैं। स्क्रीन में पूरे पेज में ओ.पी. नैय्यर के साथ रतन मोहन की तस्वीर हू-ब-हू कमरे में चारों दीवारों में चिपकी हैं, ये तस्वीरें ऐलान कर रही हैं कि, ओ.पी. नैय्यर अपनी धुनों के साथ वापस आ रहे हैं। नैय्यर साहब ने छूटते ही कहा-‘दो-चार पत्रकारों और पत्रिकाओं को छोड़कर मेरे यहां किसी पत्रकार और फिल्म-पत्रिका की कोई गुंजायश नहीं।

ज्यादातर पत्रिकाओं ने आशा जी के साथ मेरे संबंधों को लेकर झूठी बातों का प्रचार किया है कि मेरा दिल उनसे टूट गया है

O.P Nayyar ज्यादातर पत्रिकाओं ने आशा जी के साथ मेरे संबंधों को लेकर इतनी भ्रामक और झूठी बातों का प्रचार किया है कि, मेरा दिल उनसे टूट गया है, मैं एकांत प्रिय हूं। आध्यात्मिक चिंतन और संगीत की साधना में लीन रहना मेरे जीवन का उद्देश्य रहा है इसीलिए बेमतलब की बातों के लिए मेरे पास कोई वक्‍त नहीं। अपने पिछले पांच वर्षो की अपनी खामोशी के बारे में बताते हुए वे कहते हैं, पुरुष के भाग्य और स्त्री के चरित्र के बारे में कौन कह सकता है? दोष मैं किसी को क्‍यों दूं? शायद मेरे पिछले जन्मों का ही कोई पाप हो जिसकी सजा ईश्वर ने मुझे दी है और पांच वर्षो तक मेरे पास कोई काम नहीं आया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि मैं निष्क्रिय रहा, हमेशा ही संगीत मेरे साथ रहा और संगीत से मैं कभी अलग नहीं रहा। मेरे पास कला है, और निर्माता के पास दौलत, मैं अपनी कला बेच सकता हूं जमीर नहीं, इसलिए पिछले पांच वर्षों तक मैं किसी निर्माता के पास काम मांगने नहीं गया, मेरी लाइन में राजनीति है, गुटबंदी का मैं शिकार हुआ। चैदह वर्षों तक मैंने सिर्फ एक आवाज की गुलामी की है, और शायद मुझे उसकी सजा मिली है,अब मैं एक साथ कई नई आवाजों को उभरने का मौका दूंगा और पुरानी गलतियों को कभी नहीं दुहराऊंगा।

आशा जी जब मेरे पास आयी थीं तब वे बिल्कुल नयी थी

O.P Nayyar “ईश्वर ने निर्माता रतन जी को मेरे पास मित्र बनाकर भेजा है, और इस महाभारत में पूरे आत्मविश्वास के साथ नये सिरे से शामिल हुआ हूं मैं तो कुछ भी नहीं हूं, मेरी लड़ाई प्रभु लडेंगे, महाभारत में भी अर्जुन तो निमित मात्र था, सारी लड़ाई तो कृष्ण ने ही लडी थी। फिल्म-संगीत की वर्तमान स्थिति पर अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए ओ.पी. नैय्यर का कहना है, आज संगीतकारों में आत्मविश्वास की बेहद कमी है और वे मात्र दो एक आवाजों के गुलाम होकर रह गये हैं। उनमें इतनी हिम्मत नहीं कि वे नयी आवाजों के लिए नये रास्ते बनायें, आशा जी जब मेरे पास आयी थीं तब वे बिल्कुल नयी थी, उस नयी आवाज को मैंने लता की समर्थ आवाज के टक्कर में सामने खड़ा किया। शमशाद भी मेरे करीब तब आयीं जब उनकी लोकप्रियता कम हो रही थी, लेकिन अपने संगीत के साथ इन आवाजों का इस्तेमाल किस रूप में किया। इसका गवाह जमाना है, आशा जी ने अपनी आवाज की जो खूश्बू छोड़ी है, वह कभी कम नहीं होगी लेकिन उसके बाद उनकी आवाज को किसी ने कोई नया मोड़ नहीं दिया। क्या भविष्य में नैय्यर का संगीत आशा की आवाज की कमी नहीं महसूस करेगा? नैय्यर साहब का कहना है, “लता जी और आशा जी दोनों को ही मैं मलिका-ए-तरन्नुम (मेलॉडी क्वीन) मानता हूं। विशेषकर आशा जी में तो नैय्यर के संगीत की आत्मा ढली हुई है, यह वे स्वयं महसूस करेंगी। आज भी आशा जी के लिए मेरे मन में बड़ी इज्जत है, किसी वजह से आज हम दोनों का साथ भले ही नहो लेकिन फिर भी उनसे कोई शिकायत नहीं अलग रहकर भी हमने उन्हें सम्मान दिया है जबकि इसके ठीक विपरित दूसरों के बहकावे में उन्होंने मेरे बारे में गलत बयान दिये हैं। मुझे पूरा विश्वास है वे मेरे बारे में कमी गलत नहीं सोच सकतीं, कभी नहीं सोच सकती। लेकिन मेरे विरोधियों ने उनका नाम लेकर मेरा चरित्र हनन किया है। मुझ पर पता नहीं कैसी-कैसी तोहमतें लगायी गई, जिसे सिर्फ मैं जानता हूं लेकिन ऐसे वक्‍त में कबीर का वह दोहा मेरे सामने रहा, ‘निंदक नियरे राखिये आंगन कूटी छवाये’, उन्हीं निंदा करने वालों ने मेरे चरित्र को बनाये रखा और मैं टूटा नहीं।

अच्छा कलाकार कभी नहीं टूटता

O.P Nayyar अच्छा कलाकार कभी नहीं टूटता’ , मेरी नयी फिल्मों में आशा जी की आवाज नहीं है फिर भी मेरे श्रोताओं को संगीत का वही आनंद मिलेगा जो उन्हें मिलता रहा है। वाणी जयराम, दिलराज कौर, उत्तरा केलकर और पुष्पा पगधरे जैसी नवोदित गायिकाओं के साथ मेरे प्रयोगों को सफलता मिलेगी इसकी मुझे पूरी उम्मीद है। फिल्म-संगीत में सबसे प्रमुख है शब्द यानी गीत? कवि-सम्मेलनों में बिना संगीत सधे स्वरों के भी कवि अथवा शायर जो प्रभाव उत्पन्न करते हैं, वह सभी जानते हैं। नये दौर में मेरे साथ राम भारद्वाज तथा अहमद वारसी जैसे नवोदित गीतकारों की रचनाओं का साथ भी मेरे संगीत में भर कर आया है, हिंदुस्तानी फिल्म-उद्योग में बेवकूफ ज्यादा हैं जहां संगीतकार की तुलना में गीतकारों को कम प्रमुखता दी जाती है। शब्द और सुर के बाद तीसरे दर्जे पर स्वर का स्थान है अगर मेरे सुरों में मोहकता है तो कोई भी स्वर थोड़ी मेहनत के बाद रंग ला सकते हैं और नये लोगों के साथ मेहनत करने को मैं तैयार हूं, खूबसूरत नम्मों ने ही मुझे अच्छी धुनें बनाने के लिए बाध्य किया है। आज के संगीत में आदमी को बेचैन करने की ताकत नहीं, इसे संगीत नहीं शोर कहा जायेगा, थोड़ा इंतजार कीजिए और देखते जाइये, मैं फिर वापस अपने श्रोताओं को संगीत के उस गहरे सागर में ले चलता हूं अथवा नहीं, खामोश। लेके पहला-पहला प्यार, उडे़ जब-जब जुल्हे तेरी, इक परदेसी मेरा दिल ले गया, सर पर टोपी लाल हाथ में रेशम का रूमाल, इहुत शुक्रिया बड़ी मेहरवानी, बंदा परवर थाम लो जिगर, ये चाँद सा सुन्दर चेहरा, कजरा मोहब्बत वाला, बदल जाए अगर माली, यहीं वो जगह है जहां हम, ये देश है वीर जवानों का अलबेले मस्तानो का।

songs

op films

movies

यह लेख दिनांक 19-2-1978 मायापुरी के पुराने अंक 179 से लिया गया है!

अरूण कुमार शास्त्री

Omkar Prasad Nayyar | op-nayyar-birth-anniversary | rhythm-king-op-nayyar | op nayyar | op nayyar movies | op nayyar songs OP Nayyar Birth Anniversary | Rhythm King OP Nayyar 

READ MORE:

1 घंटे की देरी होने पर OP Nayyar और मोहम्मद रफ़ी की टूटी थीं दोस्ती

टॉर्चर टास्क में Abhishek ने विक्की को लेकर दी अंकिता को धमकी

Bachchan फैमिली संग क्यों नहीं हैं Sunny Deol के अच्छे रिश्ते

90 के दशक में थे सुपरस्टार, डायरेक्टर से अनबन ने पलटी दी किस्मत

#O.P nayyar #Rhythm King OP Nayyar #Omkar Prasad Nayyar #OP Nayyar Birth Anniversary #op nayyar movies #op nayyar songs
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe