राइटर और डायरेक्टर सौरभ भावे जो मराठी फिल्मों के असिस्टेंट डायरेक्टर होने के साथ साथ कई हिंदी और मराठी फिल्मों के लेखक भी हैं. वो आनेवाली सोनी लिव की सीरीज 'महारानी' के सीजन 3 के डायरेक्टर हैं.
आपको मराठी फ़िल्में और ओटीटी डायरेक्ट करते हुए देखा है, ‘महारानी 3’ के लिए आप किस तरह बोर्ड पर आयें, इसके बारे में कुछ बताइए?
महारानी के यूनिवर्स को जिसने क्रिएट किया है वो सुभाष कपूर जी हैं और ये क्रेडिट पूरा उनका है. वो एक बहुत सीनियर डायरेक्टर हैं, और इसके पीछे उनका आईडिया था कि हर सीजन के लिए उन्होंने एक नया डायरेक्टर लिया है. जो डायरेक्टर पहले सीजन में थे वो दुसरे सीजन में नहीं थें और दुसरे सीजन के डायरेक्टर थे वो अलग थे और तीसरे सीजन के लिए उन्होंने मुझे एप्रोच किया. हर सीजन में नए डायरेक्टर लाने के पीछे ये कारण है कि अगर एक नया आदमी एक प्रोजेक्ट के साथ जुड़ता है तब वह एक नया पर्सपेक्टिव लेकर आता है. जब एक नया डायरेक्टर जुड़ता है तब वह अपना नया विजन और नया आईडिया लेकर आता है. ये बात ट्रेलर में भी दिखता है कि जिस तरह से सीजन 2 का विजुअल था, सीजन 3 का उससे अलग है. सीजन 2 में महारानी यानि कि रानी भारती मुख्यमंत्री बनी थी लेकिन इस सीजन में वो जब जेल में हैं और नमित कुमार बाहर हैं तो एक अलग दुनिया क्रिएट की गयी है. जैसे रानी भारती क्योंकि जेल में हैं तो उनकी दुनिया का शेड ग्रे और ब्लैक में है तो वही नमित कुमार चूंकि अपनी सत्ता को एंजॉय कर रहे हैं उनका कलर वाइब्रेंट रखा गया है. ये शो मुझे कैसे मिला अगर इसकी बात करें तो मै सुभाष सर को पिछले कुछ समय से जानता हूँ. उनको मेरी मराठी फ़िल्में बहुत पसंद आयीं थीं. हमने पहले भी एक दुसरे के साथ काम करने की कोशिश की थी, क्योंकि ओरिजिनली मै एक राइटर हूँ. हमारा प्लान था कि मै कुछ लिखूंगा और सर उसको डायरेक्ट करेंगे, हमने इसको लेकर कुछ काम भी किया लेकिन कुछ बात नहीं बनी. मुझे याद है कि मार्च 2023 में मुझे उनका उनका फ़ोन आया था ये बताने के लिए कि उनके पास एक आईडिया जिसमें वो चाहते हैं कि मै डायरेक्ट करूँ. जब मुझे ‘महारानी’ के बारे में पता चला तब मेरे मन में यही ख्याल था कि मै बिहार से नहीं हूँ और मै मुंबई में पला बढ़ा हूँ तो मुझे ज्यादा आईडिया नहीं है. सर ने मुझे बताया कि एक टीम इसके लिए हैं जो मेरी मदद करेगी और सर वहां खुद भी होंगे मेरी मदद करने के लिए. उन्होंने कहना था कि हमने पहले भी साथ में काम करने की कोशिश की लेकिन वो तो नहीं हुआ लेकिन अब इसके लिए कोलैबोरेट करते हैं अच्छा रहेगा.
ये शो बिहार की पॉलिटिक्स पर बेस्ड है और आप महाराष्ट्र हैं तो क्या इस शो को डायरेक्ट करते समय आपको इन दो राज्यों के पॉलिटिक्स में कुछ अंतर लगा?
पॉलिटिशियन तो सब एक जैसे हीं होते हैं. अंतर बस यही कि बिहार और यूपी का पॉलिटिक्स हमेशा चर्चा में होता है. महाराष्ट्र का पॉलिटिक्स नार्थ के पॉलिटिक्स से कम चर्चा में होता है. हिंदी भाषी राज्यों के पॉलिटिक्स पर ज्यादा जोर दिया है इसलिए वो हमारे सामने भी होता है. 90 के दशक और शुरुआत 2000 का जो पॉलिटिक्स था उसमें काफी ज्यादा ड्रामा था. हालाँकि महाराष्ट्र के पॉलिटिक्स ने भी पिछले कुछ एक दो सालों में कोई कसर नहीं छोड़ी है, वो भी बिहार और यूपी के पॉलिटिक्स से कम्पटीशन कर रहे हैं. सुभाष सर तो एक डायरेक्टर बनने से पहले एक जर्नलिस्ट थे और वो भी एक पॉलिटिकल जर्नलिस्ट, और मुझे पॉलिटिक्स में काफी इंटरेस्ट हैं इसलिए मै भी देश दुनिया की पॉलिटिक्स को लेकर अपडेटेड रहता हूँ. हम दोनों जब भी मिलते हैं इन मुद्दों को लेकर चर्चा होती है. बिहार का पॉलिटिक्स तो हम न्यूज़पेपर में भी देख लेते हैं लेकिन वहां का कल्चर का वहां की भाषा को लेकर काम करने में हमें थोड़ी परेशानी हुई. लेकिन एक टीम हमारे साथ थी जिसमें जो राइटर हैं वो बिहार से हैं, और मै सिर्फ सुभाष सर को पहले से नहीं जानता हूँ बल्कि सुभाष सर की पूरी टीम को पहले से जानता हूँ. मानवेंद्र जो शो में एक किरदार भी निभा रहे हैं वो एक लैंग्वेज कोच के तौर पर भी सेट मौजूद रहा करते थे. ये तो पूरा एक टीम वर्क होता है.
शो की पूरी स्टार कास्ट के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत अच्छा था, क्योंकि हमारे शो की पूरी कास्ट और क्रू सभी दोस्त की तरह हीं थें. हम सभी प्रोफेशनल थें लेकिन जब भी ब्रेक होता था तब हम साथ मिलकर बैडमिंटन खेला करते थे. एक यूनिट के तौर पर हम सभी बहुत खुश थे. मुझे लगता है सेट पर जैसा माहौल होता है वो प्रोडक्ट में रिफ्लेक्ट होता हीं है.
अपने आनेवाले प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बताना चाहेंगे?
अगर मै डायरेक्शन को लेकर बात करूँ तो ये मेरा पहला बड़ा प्रोजेक्ट है, और इससे मेरे लिए काफी दरवाज़े भी खुल गए हैं तो अभी आगे बातें चल रही हैं लेकिन अभी कुछ कंक्रीट नहीं है इस चीज को लेकर. महारानी करने से पहले मेरे पास कुछ राइटिंग असाइनमेंट थे, जो मुझे छोड़ने पड़े महारानी को डायरेक्ट करने के लिए. तो जो पहले से मै कुछ ओटीटी प्रोजेक्ट्स के लिए लिख रहा था वो महारानी की शूटिंग खत्म होने के बाद मैंने वापिस से शुरू कर दिया है.
क्या आगे आप कोई बॉलीवुड फिल्म डायरेक्ट करेंगे?
बिल्कुल क्यों नहीं, इंटरेस्ट तो उसमें पहले से भी रहा है. आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘हवाईजादा’ मैंने को-राइट किया था. उस पूरी फिल्म का मै हिस्सा था, जब फिल्म की शूटिंग चल रही थी तब मै सेट पर मौजूद था. मराठी फिल्म में तो नेचुरली आ गया और इसलिए वो प्रोजेक्ट्स मुझे मिलते गए. जैसा मैंने कहा कि सुभाष सर के साथ मैंने पहले भी कुछ चीजों पर काम किया है दुर्भाग्यवश वो चीजें लोगों के सामने नहीं आ पायीं, वो प्रोजेक्ट्स कहीं ना कहीं रुक गए जो कि इंडस्ट्री में काफी कॉमन है. भविष्य में आप मुझे बॉलीवुड फ़िल्में डायरेक्ट करते हुए देख सकते हैं.
हुमा के साथ आपने इस शो में काम किया है, उनके बारे में कोई खास बात बताना चाहेंगे?
ये बहुत हीं सराहनीय चीज है कि उनका बिहार से कोई ताल्लुक नहीं है और नाहीं वो रूरल इंडिया से आती हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस सीरीज के लिए उसके मैनरइज्म और लहजे को पकड़ा है वो काबिल-ए-तारीफ है. जब वो कैमरे के सामने आती हैं तब वो रानी भारती होती हैं, उन्होंने सीजन 1 और 2 में यही किरदार निभाया है तो अब इस किरदार से वो बखूबी वाकिफ़ हैं. मै बस हुमा से यही पूछना चाहता हूँ कि इतनी जल्दी साड़ी वो कैसे बदल लेती हैं क्या हैक का इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि इंडस्ट्री में कहते हैं कि अगर एक्ट्रेस साड़ी चेंज करने गयी है तो मतलब एक घंटे का ब्रेक है लेकिन हुमा सिर्फ पंद्रह मिनट में वापिस आ जाती थीं.
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