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रणवीर सिंह की माँ अंजू भावनानी के दिल को छू लेने वाले हाव-भाव ने उस सेरेमनी में सबका दिल चुरा लिया. बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण हाल ही में एक पारिवारिक शादी में अपने परिवार के साथ शामिल हुईं थी. अपनी बेटी दुआ के स्वागत के बाद वह पहली बार इस तरह के समारोह में सार्वजनिक रूप से सामने आईं है. दीपिका की सुंदरता का तो कोई जवाब ही नहीं था, जाहिर है कि सभी की निगाहें इस ग्लैमरस अभिनेत्री पर थीं. लेकिन फिर थोड़ी देर में उस दिन वहां जो दृश्य उजागर हुआ, उसने सबकी निगाहें उस ओर खींच ली. रणवीर सिंह की मॉम यानी दीपिका पादुकोण की सास अंजू भावनानी जैसे ही वहां उपस्थित हुई उन्होने वास्तव में सबके दिलों पर कब्जा कर लिया.
हीरे और डिज़ाइनर परिधानों से सजे मेहमान तो वहां ढेर सारे थे लेकिन सबकी दृष्टि अंजू भावनानी पर उठ गई जो की असली सुंदरता की मूरत थी. यह सुंदरता उनके सरल लेकिन गहरे प्रेमपूर्ण कार्य में झलक रही थी. कैमरे के सामने पोज़ देने या सुर्खियों में रहने के बजाय, उन्होंने अपना ध्यान पूरी तरह से अपने 93 वर्षीय पिता, (रणवीर सिंह के नानाजी) पर समर्पित कर दिया.
पैपराजी फोटोग्राफर्स के बहुत मनुहार करने पर आमतौर पर अंजू जी कभी कभार तस्वीरें खिंचवाने के लिए रुकती नजर आ जाती थी लेकिन इस बार अंजू जी किसी भी प्रेस या फ़ोटोग्राफ़र के पुकारने, चिरौरी करने पर भी इस बार दृढ़ता से अपने पिता के साथ खड़ी रहीं और कोई पोज़ नहीं दिया . उन्होने अपने पिता के आराम और कल्याण को पूरी तरह से सुनिश्चित किय. कार के आने तक उन्होने धैर्यपूर्वक अपने पिता का हाथ थामे इंतजार किया. इस दिल छू लेने वाले दृश्य ने उनके चरित्र के बारे में बहुत कुछ बयां कर दिया और सबको पता चल गया कि क्यों रणवीर सिंह भी अपनों से बड़ों के प्रति इतना सम्मानजनक और देखभाल करने वाले स्वभाव क्यों रखते हैं. उनकी मां का ऐसा सुंदर संस्कार ने ही उनके स्वभाव को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
नाजुक सफेद बंधनी प्रिंट और सुंदर चांदी की कढ़ाई के साथ एक सुंदर बैंगनी रेशम कुर्ता पहने अंजू, शालीनता की मूरत थी. उनकी पोशाक का चुनाव इस अवसर के लिए एकदम सही था सुरुचिपूर्ण लेकिन आरामदायक.
बिना किसी मेकअप, सिर्फ उनके हीरे के गहनों ने चमक का एक सादा सा स्पर्श जोड़ा लेकिन उनके पिता के प्रति उनका ये सच्चा प्यार और चिंता थी जिसने वास्तव में उन्हें चमकाया. अंजू भावनानी, उस पल में, सिर्फ एक सास नहीं थीं, वह एक बेटी थी, देखभाल करने वाली थी और निःस्वार्थ प्रेम का एक ज्वलंत उदाहरण थी.
यह सुंदर दिल छूने वाले दृश्य हमें याद दिलाती है कि सच्ची सुंदरता बाहरी दिखावे में नहीं, बल्कि अपने प्रियजनों के प्रति दिखाई जाने वाली केअर में निहित है. अंजू भवनानी ने अपने सरल लेकिन गहन बर्ताव से हम सभी को प्रेरित किया है.
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