चुनाव में उतरे भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी VS कन्हैया कुमार

देश में चुनाव की लहर परवान पर है. कई फिल्मी सितारे इसबार 2024 के लोक सभा चुनाव में मैदान में हैं. ऐसे में नजर जाती है दो बार के संसद सदस्य रह चुके भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार और मशहूर गायक मनोज तिवारी पर.

New Update
o
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

देश में चुनाव की लहर परवान पर है. कई फिल्मी सितारे इसबार 2024 के लोक सभा चुनाव में मैदान में हैं. ऐसे में नजर जाती है दो बार के संसद सदस्य रह चुके भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार और मशहूर गायक मनोज तिवारी पर. मनोज तिवारी दिल्ली उत्तर पूरब (नार्थ ईस्ट) से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं. मनोज तिवारी इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां से वह से दो बार के सिटिंग एमपी हैं. वह दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं, पार्टी प्रवक्ता हैं. बताने वाली बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सातों सीटों में सिर्फ एक अकेले मनोज तिवारी को ही रिपीट किया है. जाहिर है पार्टी उनपर बहुत भरोसा करती है. मनोज तिवारी के सामने विपक्ष के उम्मीदवार हैं कन्हैया कुमार.

Manoj Tiwari vs Kanhaiya Kumar 

gh

कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं लेकिन उनको 'आप' (आमआदमी पार्टी) का समर्थन मिला हुआ है. दूसरी पार्टियां भी इस महा समर में उन्हें समर्थन दे रही हैं. याद होगा कि कुछ साल पहले यही कन्हैया कुमार बहुत चर्चा में थे जब वह जेएनयू  (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) के छात्र यूनियन के प्रसिडेंट थे और अपनी बामपंथी विचारों से भाषण देकर जोरदार भीड़ जुटा रहे थे. छात्रों का उन्हें प्रबल समर्थन था. इस समय भी वह AISF (all india student fedration) के चेयरपर्सन हैं. कन्हैया कुमार को वह 2019 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने बिहार के बेगूसराय से CPI (सीपीआई) के टिकट पर चुनाव लड़ाया था.यह वह सीट थी जहां बंगाली वोटरों का बोलबाला था. उनके सामने थे भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह. बीजेपी की लहर में कन्हैया कुमार यह सीट दो लाख से अधिक वोटों से हार गए थे, तब भी वह सर्वाधिक वोट पाने वाले दूसरे उम्मीदवार थे. कन्हैया ने इसके बाद 2020 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया और वह राहुल गांधी के बड़े करीबी कहे जाने लगे. राहुल गांधी की भारत- जोड़ो यात्रा में  दोनों बार कन्हैया कुमार ने बहुत एक्टिव भागीदारी किया. कांग्रेस पार्टी ने उनको दिल्ली नार्थ ईस्ट से मनोज तिवारी के सामने खड़ा किया है.

r567

आइए देखें, दिल्ली नार्थ के वोटरों का रुझान कैसा होता है. यह वह क्षेत्र है जो देश का सबसे अधिक  घना बसा हुआ इलाका है.यहां अधिकांशतः बिहार, यूपी, हरियाणा के लोग रहते हैं. झुग्गी झोपड़ियां ज्यादा हैं. गरीबों का एरिया कहा जाता है. बिहारियों की संख्या अधिक होने से यहां की जनता बिहार के गणित से प्रभावित है. इसबार यहां के दोनों उम्मीदवार मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार बिहार की पृष्ठ भूमि से हैं.मनोज की पढ़ाई लिखाई कबीर चौरा वाराणसी की है लेकिन उनका परिवार बिहार से जुड़ा है.कन्हैया कुमार बेगूसराय से हैं.उनकी मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं. कन्हैया की आरंभिक पढ़ाई बेगूसराय में, ग्रेजुएशन नालंदा मे और पीएचडी  जेएनयू से हुई है. यानी-दिल्ली उत्तर पूरब का चुनाव उत्तरांचल बनाम उत्तरांचल बन गया है.

ty7u67

tyuj

मनोज तिवारी भोजपुरी फिल्मों की लहर पैदा करने वाले बॉलीवुड स्टार हैं.वह लोक गायक थे, देवी गीत गाकर बहुत पॉपुलर हो गए थे, तब उनको लेकर भोजपुरी फिल्म बनी 'ससुरा बड़ा पैसे वाला' जो बहुत बड़ी हिट हुई. इसके बाद तो भोजपुरी फिल्मों की बाढ़ आगयी. मनोज को देखकर ही भोजपुरी फिल्मों में रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह और खेसारी लाल की फिल्मों की रफ्तार शुरू हुई थी. मनोज ने फिल्मों के लिए भी गायकी किया है. फिल्म 'गैंग ऑफ वासेपुर' में उनका गाया हुआ गाना 'जीय हो बिहार के लाला' खूब प्रचलित हुआ. वह खुद भी अपनी मीटिंगों में यह गीत गाकर बिहारी वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. बताने वाली बात यह भी है कि दिल्ली नार्थ ईस्ट के ये दोंनो प्रत्यासी अपना पहला चुनाव हार चुके हैं. मनोज तिवारी 2009 में समाजवादी पार्टी से जुड़कर गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) से चुनाव हार चुके हैं. फिर वह बीजेपी से जुड़ गए. 2014 में वह दिल्ली की तत्कालीन सीएम  शिला दीक्षित को मोदी लहर में हरा कर सांसद बने थे, फिर 2019 में 'आप' पार्टी की लहर में भी उनके उम्मीदवार को हराकर अपनी सीट सुरक्षित बनाए रखे.

ytu

hy

अब, लड़ाई कन्हैया कुमार से है जो बामपंथी सोच के कांग्रेसी हैं. बेगूसराय से भाजपा के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह से 2019 का चुनाव हार चुके हैं.लेकिन, अपने को गरीब बताते हैं, छात्रों में प्रिय हैं. युवा वोटर को प्रभावित करते हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पोजिशन कुछ बिगड़ी बताई जा रही है, ऐसेमें कांग्रेस और 'आप ' का फोकस कन्हैया कुमार को जिताने पर ज्यादा है. यह क्षेत्र एक चर्चित चुनावी- रण बन गया है. यहां मुस्लिम आबादी भी बहुत है. 21 प्रतिशत आबादी मसलमानों की है, जो कन्हैया कुमार के फेवर में टर्न हो सकते हैं. टक्कर जोरदार है. देखनेवाली लड़ाई है.

yht

Latest Stories