इम्तियाज़ अली ने फिल्म अमर सिंह चमकीला में बिखेरा अपना जादू ताजा खबर :इम्तियाज़ अली की यह फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ उस चमकील के फटाफट चमकने और बुझने की कहानी दिखाती है. जो एक समय पंजाब में या विदेशों में भी मशहूर हुआ करते थे. By Richa Mishra 12 Apr 2024 | एडिट 12 Apr 2024 17:21 IST in ताजा खबर New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर अमर सिंह चमकीला का जन्म जुलाई, 1960 में पंजाब के एक गरीब दलित सिक्ख परिवार में हुआ था.गाने-बजाने के प्रति अपनी दीवानगी के चलते एक दिन ऐसा चमका कि उन तमाम लोगों से आगे निकल गया जिन्होंने कभी उसे मौके दिए थे.वे सभी लोग उससे जलने लगे. अमर सिंह चमकीला के गानों में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करने के बावजूद उनके गाने इतने पॉपुलर हुए कि पंजाब के अलावा विदेशों में भी वह मशहूर होने लगे. उस समय पंजाब में आतंकवाद का दौर था. कुछ लोगों ने उन्हे धमकियां दीं तो उन्होंने धार्मिक गाने भी गाए मगर सुनने वालों की मांग पर पुराने रास्ते पर लौट आया. आखिर मार्च 1988 में उन्हें और उनकी गायिका बीवी अमरजीत को गोली मार दी गई. 28 साल की उम्र से पहले चल बसे चमकीला के गीतों की चमक आज भी पंजाब की फिज़ाओं में है. नेटफ्लिक्स पर आई इम्तियाज़ अली की यह फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ उसी चमकीले के फटाफट चमकने और बुझने की कहानी दिखाती है. क्यों जरूरत पड़ी फिल्म बनाने की उनके ऊपर बनी यह फिल्म चमकीले की कहानी के बहाने से हमारे समाज के दोगलेपन को सामने लाकर दिखाने का काम ज़्यादा करती है. एक सीन लाजवाब है-चमकीले को धमकी देने आए कुछ लोग आते ही उसके आगे बिछ-से जाते हैं. ‘हम तो आपके मुरीद हैं जी’ कहने के बाद वे उसे धमकी देते हैं, पैसे वसूलते हैं और फिर ‘हम तो आपके मुरीद हैं जी’ कह कर चले जाते हैं. इम्तियाज़ अली ने बड़े सलीके से बनाया फिल्म लेखक इम्तियाज़ अली और साजिद अली चमकीला की कहानी के बहाने से हमें उस दौर के पंजाब, पंजाब के गायकों और पंजाब के श्रोताओं के अंतस में भी ले चलते हैं. बहुत ही कसी हुई और तरतीब से लिखी गई इस फिल्म की स्क्रिप्ट शुरू-शुरू में लड़खड़ाती हुई-सी लगती है. लेकिन फिर लगने लगता है कि यह लड़खड़ाहट नहीं, बल्कि संभल कर चलने से पहले की सर्तकता थी क्योंकि इसके बाद जब यह फिल्म चलना शुरू करती है तो न उंगलियां पॉज़ के बटन पर जाती हैं और न ही नज़रें स्क्रीन से हटती हैं. अमर सिंह चमकीला में क्या है ख़ासियत? बता दें कि, बतौर निर्देशक इम्तियाज़ अली इस फिल्म से एक बार फिर दर्शकों के दिल पर राज कर रहें हैं. उन्होंने फिल्म में बीच-बीच में रंग बदलते दृश्यों, कोलॉज, एनिमेशन और असली अमर सिंह चमकीला की तस्वीरों का इस्तेमाल कर इस फिल्म में चार चांद लगा दिया. जो इस फिल्म की कहानी को एक अलग किस्म की चमक देता है. इरशाद कामिल के गीत और ए.आर. रहमान का संगीत फिल्म को एक अलग ही जादूई दुनिया में लेकर जाता है. फिल्म के विज़ुअल्स के साथ तालमेल बिठाता इसका ऑडियो इस फिल्म को अलग बनाता है. इन गीतों को गाने वालों ने भी अपने तईं कोई कसर नहीं छोड़ी है. स्क्रीन पर फिल्म दशकों को एक अलग दुनिया में ले जाने का वादा करती है फिल्म के कास्ट के बारे में फिल्म और इसके किरदारों की लुक-डिज़ाईनिंग पर की गई मेहनत दिखाई देती है. सच तो यह है कि इस पूरी फिल्म को लेकर जो रिसर्च की गई होगी, वह काफी गहरी रही होगी और इसीलिए यह फिल्म भी खूब गहराई लिए हुए है. दिलजीत दोसांझ फिल्म के किरदार चमकीला के रोल में खो से गए है.उन्होंने बहुत अच्छी भूमिका निभाई है. परिणीति चोपड़ा खूब जंची हैं और प्रभावी रही हैं. अन्य सभी कलाकारों का काम भी प्रशंसनीय रहा है. डी.सी.पी. बने अनुराग अरोड़ा बेहद असरदार रहे. लेकिन जो एक कलाकार दिल-दिमाग पर छाया वह थे टिक्की पा’जी बने अंजुम बत्रा. बेहद असरदार, बेहद गहरा एक्टिंग रहा उनका. फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’को कुछ अलग तरह से बनाया गया है जो इसे खास बनाता है. इस फिल्म को एक बार जरूर देखें. Read More: विजय देवरकोंडा ने ट्रोलर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने से किया इनकार BMCM :अक्षय-टाइगर ने दिया ईद का तोहफा-उत्कृष्ट प्रदर्शन,टॉप नौच एक्शन! अल्लू अर्जुन स्टारर पुष्पा 2 के OTT राइट्स इतने करोड़ रुपये में बिके! Khushi Kapoor एयरपोर्ट पर मिस्ट्री मैन के साथ दिखीं ,तस्वीर हुई वायरल #इम्तियाज अली हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article