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बॉलीवुड और दिवाली का रिश्ता बहुत पुराना है । जब भी परदे पर दीयों की रौशनी, घरों की सजावट और रिश्तों की मिठास दिखती है, तो लगता है जैसे आम जीवन का आईना बन गई है ये फ़िल्में और जैसे सिनेमा ही दिवाली मना रहा हो। आज दिवाली के उपलक्ष्य में उन बहुत पुरानी और कुछ आज के ज़माने की फिल्मों की चर्चा है जिनमें या तो दिवाली अहम सीन के तौर पर थी या जो खुद दिवाली पर रिलीज होकर दिलों में उतर गईं। (Bollywood movies based on Diwali theme)
लव इन शिमला in Shimla (1960) -
इस फेमस फिल्म में साधना और जॉय मुखर्जी का एक दिवाली वाला सीक्वेंस है। फिल्म में दिवाली की रात का खास 'शगुन' सीन है, जिसमें परिवार, दोस्त और मेहमान मिलकर हंसी-मजाक, प्रतियोगिता और रंगीन माहौल के बीच दिवाली समारोह मनाते हैं। बैकग्राउंड में 'हैप्पी दिवाली' गूंजता है, और दरवाजा बंद करके सबकी तलाशी ली जाती है – इस सीन में भारतीय त्योहारों की हलचल और सुरक्षित माहौल को दिखाया गया है। ये इकलौती साधना की फिल्म है जिसमें दिवाली का पूरा सचमुच का त्योहार स्क्रीन पर दिखाया जाता है[1]।
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दिल ही तो है(1963)
राज कपूर और नूतन की यह फिल्म दिवाली के अपने रियलिस्टिक सीन के लिए जानी जाती है। लक्ष्मी पूजा के दृश्य, भाई-बहन और परिवार का मिलन, मिठाई, दीये-बाती – सब कुछ पारंपरिक तरीके से दिखाया है। दिवाली का माहौल छोटा लेकिन दिलचस्प है ।
दिल भी तेरा हम भी तेरे
धर्मेंद्र और बालराज साहनी की यह फिल्म गरीब तबके की कहानी है जिसमें दिवाली का सीन बेहद इमोशनल है। लड़ाई-झगड़े, संघर्ष और फिर त्योहार में एकसाथ मिलकर दीये जलाना, मिठाइयां बांटना – ये सबका अपनापन दिखाता है।(Hindi films released during Diwali festival)
दीदी (1959)
दीदी मूवी में दिवाली के समय बड़े घर में लक्ष्मी पूजा, बच्चों की चटक मस्ती और पारिवारिक सामूहिकता दिखाई गई है। बुआ के किरदार में नूतन ने बच्चों के साथ दिवाली पर रौशनी और रंगोली का मजेदार माहौल बनाया था।
मेरा गाँव मेरा देश (1971) -
फिल्म में गांव की पारंपरिक दिवाली बड़ी खूबी के साथ उकेरा गया है। दीये जलाना, पटाखे छोड़ना, और सामूहिक पूजा। यहाँ दिवाली ग्रामीण परिवेश की असली झलक देती है।
अनाड़ी (1959) -
मध्यमवर्गीय परिवार की दिवाली: सादगी, पूजा, दीये-बाती, और द्वार पर रंगोली। परिवार के रिश्तों में एक नई मिठास महसूस होती है। (Best Bollywood movies to watch on Diwali)
चौदहवीं का चांद (1960) -
इस फिल्म में एक सीन है जब दिवाली के मौके पर परिवार में एक रौनक आ जाती है। यहां दीयों की कतार और पारंपरिक मिठाई दिखती है।
शिर्डी के साई बाबा (1977)
में दिवाली के दृश्य सीधे तौर पर किसी विशेष घटना पर आधारित नहीं हैं, बल्कि वे बाबा के 'दशहरा और दिवाली का उत्सव' मनाते हुए दिखाए गए हैं। जो शिर्डी में भक्तों के बीच भक्ति और उल्लास के माहौल को दर्शाते हैं। इसमे एक गीत, 'दीपावली मनाई सुहानी' आज भी साई भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। दीपावली के दृश्य शिर्डी के निवासियों द्वारा बाबा के साथ उत्सव में भाग लेने का है।फिल्म में यह दिखाया गया है कि किस तरह भक्त, साईं बाबा की उपस्थिति में दिवाली मनाते हैं और तेल ना होने के बावजूद पानी से दीप जलाते हैं।बाबा भक्तों के साथ उत्सव मनाते हुए और आनंद मनाते हुए दिखाए गए हैं। यह दृश्य दर्शाता है कि कैसे साईं बाबा ने अपने भक्तों के साथ भक्ति और उल्लास का उत्सव मनाया।
हम आपके हैं कौन (1994)
मध्यमवर्गीय परिवार की दिवाली, प्यार, रीति-रिवाज, दीये, मिठाई, रिश्तेदारी और बच्चों की शरारत का मनभावन कहानी है इस फिल्म में। सारे रिश्ते, त्योहार की चमक और अपनेपन की मिठास हर सीन में झलकती है।
कभी खुशी कभी ग़म (2001)
बेटा घर लौटता है, मां पूजा की थाली लिए गेट पर खड़ी है – सारा परिवार एकसाथ, लड्डू, खुशियां और दीये की जगमगाती रौशनी। ये सीन आज भी सबसे पॉपुलर दिवाली सीन है । कभी खुशी कभी ग़म (Popular Bollywood films with Diwali scenes)
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मोहोब्बतें (2000)
दिवाली पर “पैरों में बंधन है” गीत में पूरा कॉलेज धूम-धड़ाके से त्योहार मनाता है, रंगोली बनती है, लैम्प जलती है – अमिताभ बच्चन की परंपरा वाली बातें और शाहरुख़ का बेधड़क टकराव दिवाली को खास बनाता है।
चाची 420 (1997)
कमल हासन ने इस फिल्म में दिवाली की रात हादसे से बेटी को बचाया, पटाखों, दीयों, बच्चों की मस्ती और फॅमिली इमोशंस से भरी ये फिल्म परफेक्ट दिवाली फिल्म है ।
वास्तव (1999)
दिवाली पर संजय दत्त घर लौटता है, मां को गिफ्ट देता है, गोलगप्पे, मिठाई, पटाखे सब दिखते हैं – लेकिन क्राइम की असलियत भी इसी दिवाली त्योहार के आस-पास घूमती है।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)
पूरी फिल्म में पारिवारिक रिश्ता , प्यार, गाँव की चहल-पहल, त्योहारों की छाया रहती है, पंजाब के घरों की दीपावली सजावट और रीति-रिवाज दिवाली के माहौल की याद दिलाते हैं।
चुपके चुपके (1975)
अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, शर्मिला टैगोर की मजाकिया फैमिली ड्रामा , घर की मस्ती, मिठाइयों की बारिश और रिश्तों की खुशी सब-कुछ दिवाली की मिठास लाती है । (Blockbuster movies released on Diwali)
सत्ते पे सत्ता (1982)
भाई-बहनों वाली फैमिली ड्रामा, मस्ती, झगड़े, हंसी-मजाक दिवाली के त्योहार में बेहद फिट बैठती है, लाइट्स और पटाखों के बीच रिश्तों का तानाबाना बंधता है।
हम साथ साथ हैं (1999)
इस फिल्म में पूरा परिवार दीये जलाता है, एक साथ पूजा करता है, बच्चों की मस्ती, बड़ों का आशीर्वाद – ये सब दिवाली के असली रंग हैं।
गोलमाल 3 (2010)
क्लाइमैक्स में सब लोग दिवाली पार्टी करते हैं, पटाखे जलाते हैं, मिठाई बांटते हैं – ये सीन रिश्तों की अहमियत और प्यार दिखाते हैं।
प्रेम रतन धन पायो (2015)
सलमान खान और सोनम कपूर की ये फिल्म दिवाली के स्पेशल गानों, महलों की सजावट, दियों और पारिवारिक प्यार से भरी हुई है।
वक्त: द रेस अगेंस्ट टाइम (2005)
अमिताभ और अक्षय कुमार – पिता-पुत्र की कहानी, दिवाली पर इनका मिलन और पारिवारिक इमोशन सबको छू जाता है।
तारे ज़मीन पर (2007)
बच्चे के नजरिए से देखी गई दिवाली, इमोशन, परिवार का बदलाव, दिवाली के असली त्योहार की खुशी को उजागर करता है इस फिल्म में।
अब इस हफ्ते दिवाली के उपलक्ष्य में रिलीज हो रही बॉलीवुड फिल्में भी जान ले
- ठम्मा (Thamma): आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंदाना और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की शानदार कास्ट, दिवाली वीक, 21 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है। इसमें इंडियन मिथोलॉजी, रोमांस, सस्पेंस और दिये की रौशनी से जुड़ी कहानी है – फेस्टिवल मूड के लिए परफेक्ट। (Family and relationship-based Diwali movies)
इस दिवाली बॉलीवुड में मुकाबला होगा बेहद दिलचस्प, क्योंकि तीन अलग-अलग अंदाज़ की फिल्में पर्दे पर उतरने जा रही हैं। एक तरफ मैडॉक फिल्म्स की हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स का नया अध्याय ‘थामा’, दूसरी ओर जुनून भरी लव स्टोरी ‘एक दीवाने की दीवानियत’, और साथ ही पौराणिक अंदाज़ में पेश एनिमेटेड फिल्म ‘महायोद्धा राम’—इन तीनों की रिलीज से दिवाली का सप्ताह बॉक्स ऑफिस पर खास बनने वाला है।
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‘थामा’ को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है। 21 अक्टूबर को रिलीज हो रही यह फिल्म मैडॉक के मशहूर हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स की पांचवीं फिल्म है। पहले की फिल्मों की सफलता के बाद अब ‘थामा’ से उम्मीदें और बढ़ गई हैं। कहानी में इस बार दर्शकों को वैम्पायरों की प्रेमकथा देखने को मिलेगी—जिसे मेकर्स खुद एक “खूनी लव स्टोरी” कह रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर आते ही सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई है। आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि नवाजुद्दीन सिद्दीकी विलेन का किरदार निभा रहे हैं। परेश रावल और फैसल मलिक भी फिल्म में अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे। निर्देशन कर रहे हैं आदित्य सरपोतदार, जिन्होंने ‘मुंज्या’ जैसी हिट फिल्म बनाई थी।
दूसरी बड़ी रिलीज है ‘एक दीवाने की दीवानियत’, जो 21 अक्टूबर को ही सिनेमाघरों में आएगी। इस फिल्म में हैं हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा। दोनों की जोड़ी को लेकर दर्शकों में पहले से ही उत्सुकता है। ‘सनम तेरी कसम’ में हर्षवर्धन को लोगों ने सच्चे आशिक के रूप में पसंद किया था, और अब वे एक और जुनूनी प्रेमकहानी लेकर लौट रहे हैं। फिल्म के गाने रिलीज होते ही लोकप्रिय हो गए हैं और टाइटल ट्रैक को खास तौर पर खूब सराहा जा रहा है। दिलचस्प बात ये है कि ‘थामा’ का ट्रेलर पहले ही रिलीज हो चुका है, लेकिन ‘एक दीवाने की दीवानियत’ का ट्रेलर अभी तक सामने नहीं आया है, जिससे दर्शकों की जिज्ञासा और बढ़ गई है। फिल्म का निर्देशन मिलाप जावेरी ने किया है, जो अपनी इमोशनल और रॉमांटिक कहानियों के लिए जाने जाते हैं।
इन दोनों फिल्मों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी, लेकिन दिवाली वीकेंड की शुरुआत करेगी एक एनिमेटेड फिल्म—‘महायोद्धा राम’। यह फिल्म 17 अक्टूबर को रिलीज होगी और बच्चों से लेकर परिवारों तक के लिए खास आकर्षण बन सकती है। भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित इस 3डी एनिमेशन फिल्म में आवाज़ों का शानदार संयोजन है—कुणाल कपूर श्रीराम की, जिम्मी शेरगिल लक्ष्मण की, मौनी रॉय सीता माता की, मुकेश ऋषि हनुमानजी की और गुलशन ग्रोवर रावण की आवाज़ देंगे। ‘महावतार नरसिम्हा’ की सफलता के बाद इस फिल्म से निर्माताओं को बड़ा भरोसा है कि लोग इसे दिवाली पर ज़रूर देखना चाहेंगे।
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इन्हीं के साथ “कांतारा चैप्टर 1”, “द्यूड”, “तेलसु कदा” जैसी दूसरी भाषाओं की फिल्में भी थिएटर्स और ओटीटी पर आ रही हैं – परिवार के साथ बैठ कर देखने लायक हैं[4][5]।
एक दिलचस्प तथ्य यह है कि मदर इंडिया का वर्ल्ड प्रीमियर 23 अक्टूबर 1957 को दिवाली के दिन मुंबई में हुआ था, जहाँ फिल्म जगत के बड़े स्टार्स मौजूद थे मगर स्क्रीन पर खुद फिल्म में दिवाली सीन नहीं है।