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बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक सुनील दर्शन (Sunil Darshan) एक बार फिर सुर्खियों में हैं अपनी आगामी फिल्म ‘अंदाज़ 2’ (Andaaz 2) को लेकर. साल 2003 में आई सुपरहिट फिल्म ‘अंदाज़’ (Andaaz) में अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के साथ प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और लारा दत्ता (Lara Dutta) ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था, और अब लगभग 22 साल बाद, सुनील दर्शन (Sunil Darshan) उसी भावना को एक नई पीढ़ी के साथ फिर से परदे पर लाने जा रहे हैं. हाल ही में सुनील ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया, जहाँ उन्होंने न केवल ‘अंदाज़ 2’ के निर्माण और सोच के बारे में खुलकर बात की, बल्कि आज के सिनेमा की दिशा, नए कलाकारों की ज़रूरत, और इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों पर भी अपने विचार साझा किए. चलिए, जानते हैं इस सच्ची और दिलचस्प बातचीत में उन्होंने क्या-क्या कहा...
आपने अपने करियर में इतने लंबे-लंबे ब्रेक क्यों लिए?
देखिए, पहले लोग मुझसे शिकायत करते थे कि मैं जल्दी-जल्दी फिल्में क्यों बनाता हूँ. लेकिन जब इंडस्ट्री में कॉरपोरेटाइजेशन आया, फिल्मों की दिशा बदलने लगी और कहानी से ज़्यादा पैसा और स्टार्स हावी होने लगे, तो मैंने सोचा कि थोड़ा रुकना ज़रूरी है. मैं हमेशा भारतीयता और अपनी संस्कृति से जुड़ा सिनेमा बनाना चाहता था, और जब मुझे लगा कि वो आत्मा कहीं खो रही है, तो मैंने वो ब्रेक लेना ताज्जुब नहीं समझा.
आपको क्या लगता है आजकल बड़ी-बड़ी स्टार कास्ट वाली फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर क्यों असफल हो रही हैं?
पहले डायरेक्टर्स फिल्म बनाते थे, आजकल स्टार्स फिल्म बनाते हैं. पिछले 15-20 सालों में हमने पूरी बागडोर स्टार्स के हाथों में दे दी है. इससे कहानी और किरदार की वास्तविकता में कमी आई है. जब 25 साल के किरदार को 65 साल के एक्टर निभाते हैं, तो वो ऑड लगता है.
‘अंदाज़ 2’ बनाने का विचार कब आया?
मुझे शुरू में ये फिल्म ‘अंदाज़’ टाइटल से बनानी ही नहीं थी. कहानी लिखी जिसमें एक नई ट्रायंगल लव स्टोरी और सोशल मुद्दे थे. जब फाइनल वर्जन तैयार हुआ, तब इसका नाम ‘अंदाज़ 2’ रखा. यह फिल्म असलियत में सीक्वल नहीं है, वह उसकी स्पिरिट को आगे बढ़ाती है.
इसके लिए आपने नई स्टार कास्ट क्यों चुनी?
मेरा फर्ज़ है इंडस्ट्री के लिए नए स्टार्स लाना. अगर हम नए कलाकार नहीं लाएंगे, तो फिल्मों की कहानी और कास्टिंग में असंतुलन रहेगा. युवा किरदार में असली युवा ही होने चाहिए, इससे रियलिज्म और ताजगी आती है.
‘अंदाज़ 2’ में म्यूजिक कितना महत्वपूर्ण है और किन गायकों ने काम किया?
मेरी हर फिल्म में म्यूजिक बहुत अहम रहा है. इस फिल्म में जावेद अली, पलक मुच्छल, अमित त्रिवेदी, मोहम्मद इरफान जैसे बेहतरीन गायकों ने गाने गाए हैं. उनके साथ काम करके बहुत अच्छा अनुभव रहा.
आपने 'जानवर' में अक्षय कुमार को क्यों चुना, जब उनका करियर नीचे था?
जब सबने उन्हें रिजेक्ट किया, तब मुझे उनके भीतर की मेहनत और ईमानदारी दिखी. उस मुश्किल वक्त में अक्षय मेरे पास आए और बोले – आपको अपना सब कुछ देता हूँ. मैंने उन पर भरोसा किया, और उनका वो जज्बा रंग लाया. जानवर, एक रिश्ता जैसी फिल्में बनीं और वो दोबारा चमक उठे.
अंदाज' में प्रियंका चोपड़ा और लारा दत्ता को चुनना कैसे हुआ?
मैंने सोचा क्यों न किसी नये चेहरे को मौका दूँ. लारा को मैंने एक फोटोशूट में देखा और उनकी सिंप्लिसिटी में नूतन जैसी मासूमियत दिखी. प्रियंका मेरे ऑफिस एक परिचित के साथ आई, मैंने देखा उस लड़की की आँखे, आवाज और हिंदी की पकड़, सब ओरिजिनल था. भले ही कई लोगों ने प्रियंका को रिजेक्ट किया हो, मुझे उसमें स्टार क्वालिटी दिख गई.
अक्षय कुमार के साथ आपके रिश्ते कैसे रहे?
अक्षय के साथ मेरा सफर बहुत खास रहा. हमने लगभग सात सालों में सात फिल्में एक साथ कीं. उस दौरान हमारे बीच गहरा विश्वास, समर्पण और अच्छी दोस्ती थी. मैं हमेशा कहता हूँ कि वो एक ऐसे कलाकार थे, जो रोज़ सोलह घंटे मेहनत के लिए तैयार रहते थे. दोनों ने एक-दूसरे को न सिर्फ़ प्रोफेशनली, बल्कि इंसानियत के स्तर पर भी बहुत कुछ दिया. वक्त के साथ हमारा संपर्क कम जरूर हो गया, लेकिन आज भी मैं उनके लिए दिल से सम्मान और शुभकामनाएँ रखता हूँ. उनके करियर की तरक्की देखकर मुझे सच्ची खुशी होती है.
सनी देओल के बारे में आपका अनुभव कैसा रहा?
मैंने सनी को हमेशा बहुत इज्ज़त दी, उसके साथ कई फिल्में कीं. लेकिन कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग्स और हालात ऐसे बने कि मैच्योर विश्वास टूट गया. आज भी अफसोस रहता है कि वैसा रिश्ता फिर नहीं बन पाया.
वेब सीरीज की बढ़ती लोकप्रियता पर आपका क्या विचार है? क्या आप भविष्य में वेब सीरीज बनाना चाहेंगे?
समय के साथ बदलाव प्रकृति का नियम है. मैंने भी कभी सोचा है कि अगर मुझे अच्छी स्क्रिप्ट और बजट मिले तो मैं वेब सीरीज भी बना सकता हूँ , लेकिन मेरा फोकस सिनेमैटिक वैल्यू पर रहता है.
अपनी कौनसी फिल्में आप फिर से बनाना या री-रिलीज़ करना चाहेंगे?
'जानवर', 'एक रिश्ता', 'दोस्ती', 'बरसात'—ये मेरी पसंदीदा फिल्में हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं और नई फिल्मों से बेहतर चल जाती हैं.
‘अंदाज़ 2’ की रिलीज और दर्शकों के लिए कोई सन्देश?
‘अंदाज़ 2’ दर्शकों को कुछ न कुछ जरूर देगा, मनोरंजन भी, दिल को छूनेवाले पल भी. इसमें जिंदगी से जुड़े कई सीख हैं. मैं सबको यह फिल्म देखने के लिए आमंत्रित करता हूँ.
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