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AK Hangal
AK Hangal Death Anniversary: अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की साल 1975 की सुपरहिट फिल्म 'शोले' के रहीम चाचा यानी एक्टर एके हंगल (AK Hangal) को कौन नहीं जानता. भले ही एके हंगल हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनको आज (AK Hangal film) भी हर कोई याद करता हैं. 'एके हंगल' उन अभिनेताओं में से एक थे जिन्होंने अपनी एक्टिंग से मशहूर हुए. एके हंगल का पूरा नाम अवतार किशन हंगल था. वहीं आज 26 अगस्त 205 को एके हंगल की 98वीं डेथ एनिवर्सरी (AK Hangal Death Anniversary) हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि एके हंगल फिल्म स्टार बनने से पहले वह दो साल तक पाकिस्तान की जेल में रहे.
दो साल तक जेल में कैद रहे एके हंगल
एके हंगल का जन्म 1 फरवरी 1917 को एक कश्मीरी परिवार में हुआ था. एके हंगल ने अपना बचपन पेशावर से कराची में बिताया. बड़े होकर ए.के. हंगल दर्जी का काम करते थे. इस अवधि के दौरान, वह 1936 में पेशावर में संगीत प्रिया मंडल थिएटर ग्रुप में शामिल हो गए और 1946 तक कई नाटकों में भाग लियाऔर फिर 1949 में भारत विभाजन के दौरान मुंबई आ गये. एके हंगल ( AK Hangal Family)अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानते थे क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का अवसर मिला. इस लड़ाई के कारण एके हंगल को दो साल तक कराची जेल में कैद रखा गया था.
'तीसरी कसम' से शुरू हुआ ए.के. हंगल का फिल्मी करियर
ए.के. हंगल ने अपने करियर की शुरुआत 1966 में रिलीज हुई बासु भट्टाचार्य की फिल्म 'तीसरी कसम' से की थी. सन् 70 से 90 के दशक तक हंगल ने ज्यादातर फिल्मों में एक्टर के पिता या करीबी रिश्तेदार की भूमिका निभाई. ( AK Hangal Film) वहीं 1975 की फिल्म शोले में रहीम चाचा का किरदार आज भी याद किया जाता है. इस फिल्म में उनका डायलॉग 'इतना सन्नाटा क्यों है भाई' आज भी फैन्स की जुबान पर है.
ए.के. हंगल को किया गया था 'पद्म भूषण' पुरस्कार से सम्मानित
ए.के. हंगल ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया जिसमें 'नमक हराम', 'शौकीन', 'शोले', 'अवतार', 'अर्जुन', 'आंधी', 'तपस्या', 'कोरा कागज', 'बावर्ची', 'बालिका वधू', 'गुड्डी' जैसी फिल्में शामिल हैं. ए.के. हंगल को हिंदी सिनेमा में उनके (AK Hangal Awrads) महत्वपूर्ण योगदान के लिए साल 2006 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अमिताभ बच्चन समेत कई स्टार्स ने की थी ए.के. हंगल की आर्थिक मदद
बता दें ए.के. हंगल ने अपना जीवन ज्यादातर अकेले ही बिताया. उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद वह काफी महसूस करने लगे और उनका बेटा पास के फ्लैट में रहता हैं. वहीं कहा जाता है कि जीवन के अंत में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. जब उनके बेटे के पास इलाज के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे तो अमिताभ बच्चन और बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की थी. 26 अगस्त 2012 को 98 साल की उम्र में ए.के. हंगल साहब का निधन हो गया.
Frequently Asked Questions (FAQ)
प्रश्न 1: ए. के. हंगल कौन थे?
उत्तर: ए. के. हंगल (अवतार किशन हंगल) भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता और थिएटर आर्टिस्ट थे, जिन्होंने कई यादगार फिल्मों में अभिनय किया.
प्रश्न 2: ए. के. हंगल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: ए. के. हंगल का जन्म 1 फरवरी 1914 को सियालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ था.
प्रश्न 3: ए. के. हंगल का करियर कैसे शुरू हुआ?
उत्तर: वे मूल रूप से एक थिएटर आर्टिस्ट थे. बाद में उन्होंने हिंदी फिल्मों में अभिनय शुरू किया और अपने सहज और गंभीर अभिनय से पहचान बनाई.
प्रश्न 4: उनकी पहली फिल्म कौन सी थी?
उत्तर: ए. के. हंगल की पहली फिल्म तेसरी कसम (1966) थी.
प्रश्न 5: ए. के. हंगल की कुछ मशहूर फिल्में कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी यादगार फिल्मों में शोले, बावर्ची, नमक हराम, अभिमान, आनाड़ी, और आशा शामिल हैं.
प्रश्न 6: उन्हें किस तरह की भूमिकाओं के लिए जाना जाता है?
उत्तर: ए. के. हंगल ज्यादातर दयालु पिता, बुजुर्ग गुरु, साधारण इंसान या समाज के नैतिक प्रतीक जैसे किरदारों के लिए जाने जाते थे.
प्रश्न 7: ए. के. हंगल को कौन सा बड़ा सम्मान मिला था?
उत्तर: 2006 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
प्रश्न 8: ए. के. हंगल का निधन कब हुआ?
उत्तर: ए. के. हंगल का निधन 26 अगस्त 2012 को मुंबई में हुआ था.
प्रश्न 9: उन्हें “शोले” फिल्म में किस रोल के लिए याद किया जाता है?
उत्तर: फिल्म शोले में उनका डायलॉग “इतना सन्नाटा क्यों है भाई?” आज भी बेहद मशहूर है.
Tags : AK Hangal Birth Anniversary | Actor AK Hangal
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