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भूपेन हजारिका: संगीत का जादूगर और असम का गौरव

ताजा खबर:भूपेन हजारिका (8 सितंबर 1926 – 5 नवंबर 2011) भारतीय संगीत और संस्कृति की एक प्रभावशाली हस्ती थे. वे एक महान गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि, और फिल्म निर्माता थे,

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Bhupen Hazarika: Magician of music and pride of Assam
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ताजा खबर:भूपेन हजारिका (8 सितंबर 1926 – 5 नवंबर 2011) भारतीय संगीत और संस्कृति की एक प्रभावशाली हस्ती थे. वे एक महान गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि, और फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से भारतीय लोक संगीत को दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई. हजारिका को विशेष रूप से असमिया संगीत को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी लोकप्रियता हिंदी, बंगाली और अन्य भाषाओं में भी थी.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Google मशहूर गायक भूपेन हजारिका की 96वीं जयंती Doodle के साथ मना रहा है। -  P24 News India

भूपेन हजारिका का जन्म असम के सादिया में हुआ था. उनका बचपन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बीता, जिसने उनके संगीत और रचनाओं में गहरी छाप छोड़ी. वे एक प्रतिभाशाली बालक थे और संगीत में उनकी रुचि शुरू से ही स्पष्ट थी. 12 साल की उम्र में, उन्होंने असमिया फिल्म "इंद्रमालती" के लिए गाने गाए थे. हजारिका ने वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से पीएचडी की, जहाँ उन्होंने लोक संगीत में गहन अध्ययन किया.

बचपन और ब्रह्मपुत्र नदी का प्रभाव

भूपेन हजारिका का बचपन असम की ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बीता. इस नदी का प्रभाव उनकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. एक बार उन्होंने कहा था कि ब्रह्मपुत्र ने उनके जीवन में न केवल संगीत बल्कि समाज के प्रति संवेदनशीलता को भी आकार दिया. उनकी कविताएं और गीत इस नदी से गहरे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे, और उन्होंने हमेशा इसे अपनी प्रेरणा का स्रोत माना.

कोलंबिया विश्वविद्यालय में मुलाकात

जिम अंकन और ऋत्विका द्वारा गंगा (भूपेन हजारिका और पॉल रॉबसन को श्रद्धांजलि)  - IndianMusicMug

जब भूपेन हजारिका उच्च शिक्षा के लिए न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय गए, तो उनकी मुलाकात मशहूर गायक पॉल रॉब्सन से हुई. यह मुलाकात उनके लिए प्रेरणादायक साबित हुई. रॉब्सन के विचारों और संगीत से प्रभावित होकर, हजारिका ने अपने गीतों में समानता और मानवाधिकारों के मुद्दों को प्रमुखता से स्थान दिया. उनके प्रसिद्ध गीत "गंगा बहती हो क्यों" में उस अनुभव की छाप है, जिसमें वे समाज में व्याप्त अन्याय और भेदभाव पर सवाल उठाते हैं.

फिल्मी करियर की शुरुआत

भूपेन हजारिका ने असमिया सिनेमा में संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उनकी पहली फिल्म के लिए गाना गाने का अवसर बहुत ही रोचक था. वे महज 12 साल के थे जब उन्हें असमिया फिल्म "इंद्रमालती" में गाने का मौका मिला. यह अनुभव उनके जीवन की दिशा को निर्धारित करने वाला साबित हुआ और उन्होंने तय कर लिया कि वे संगीत को ही अपनी ज़िंदगी का मकसद बनाएंगे.

प्रेम और विवाह

Birth Anniversary : जानिए किस वजह से टूट गया था भूपेन हजारिका और उनकी पत्नी  प्रियम्वदा का रिश्ता | Know why the relationship between Bhupen Hazarika  and his wife Priyamvada was broken

भूपेन हजारिका की निजी जिंदगी भी काफी दिलचस्प रही.उनकी पत्नी प्रियंवदा पटेल से उनकी मुलाकात अमेरिका में हुई थी. दोनों ने शादी तो की, लेकिन उनके संबंध समय के साथ बिगड़ते चले गए. उनके रिश्ते की उलझनें और पारिवारिक संघर्ष उनके जीवन के कड़वे अनुभवों में से एक रहे, और इसने भी उनकी कला को प्रभावित किया. हालांकि, उन्होंने अपनी भावनाओं को गीतों के माध्यम से व्यक्त करने का तरीका खोज लिया.

 सामाजिक मुद्दों पर मुखर

एक किस्सा यह भी है कि भूपेन हजारिका ने जब असम में चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की दयनीय स्थिति देखी, तो उनका दिल द्रवित हो गया. उन्होंने अपने गीतों में उनकी पीड़ा को जगह दी. उनकी आवाज़ ने उन लोगों को आवाज़ दी जो समाज में दबे-कुचले थे. उनका मानना था कि संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है.

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