ताजा खबर: अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) बॉलीवुड के दो सबसे बेहतरीन सितारे हैं. शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन अपने समय के काफी अच्छे दोस्त भी रहे हैं. दोनों ने 1970 और 1980 के दशक में एक साथ कई फिल्में कीं. हाल ही में एक इंटरव्यू में शत्रुघ्न सिन्हा ने अमिताभ बच्चन के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता के बारे में बात की और 1979 की एक्शन ड्रामा फिल्म 'काला पत्थर' (Kaala Patthar) से उनके बीच एक स्पेशल लड़ाई सीन पर बात भी की हैं.
इस वजह से बिग बी और शत्रुघ्न सिन्हा में हुई थी बहस
हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में शेयर किया कि फिल्म काला पत्थर में एक फाइट सीक्वेंस को अमिताभ बच्चन के पक्ष में बदल दिया गया था, जो उन्हें पसंद नहीं आया. फिल्म की शूटिंग को याद करते हुए एक्टर ने याद करते हुए कहा, “यह जानबूझकर नहीं किया गया था. हम सौहार्दपूर्वक शूटिंग कर रहे थे. मेरे और अमिताभ के बीच एक फाइट सीन था जिसे फाइट मास्टर शेट्टी ने कोरियोग्राफ किया था. लड़ते समय, एक बिंदु पर, मेरा डुप्लिकेट गिर जाता है और उनका डुप्लिकेट मेरे डुप्लिकेट की गर्दन पर फावड़ा रखता है. मैं एक कोने में बैठकर यह सब देख रहा था क्योंकि मैं किसी फिल्म की शूटिंग में कोई भी रोक-टोक नहीं करता.
अमिताभ बच्चन की टीम ने दी सीन करने की शूटिंग
शत्रुघ्न सिन्हा ने स्वीकार किया कि उस समय अमिताभ बच्चन के साथ थोड़ी असहमति थी, भले ही हम अपने संघर्ष के दिनों से दोस्त हैं. लेकिन उन दिनों, अब रोमांस का चक्कर रहा हो या उस समय कुछ हुआ हो. मैंने उनसे कहा कि यह स्क्रिप्ट में नहीं है लेकिन अमिताभ की टीम ने इस सीन को मंजूरी दे दी.
जब 4-6 घंटे तक रुकी रही शूटिंग
खुद के लिए स्टैंड लेते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने अमिताभ बच्चन से कहा कि “यह वह नहीं है जिस पर हमने चर्चा की थी. क्या होगा अगर शशि कपूर को लड़ाई रोकने के लिए आने में देर हो गई, तो मेरा किरदार मारा जाएगा, फिर इंटरवल के बाद उनके लौटने का क्या मतलब है? अब इसे सिद्धांत कहें या अहंकार, लेकिन अपराजेय चरित्र पराजित हो गया. शूटिंग 4-6 घंटे तक रुकी रही और कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया. अंततः उन्होंने इसे बदल दिया और हमारे बीच कौन अधिक मजबूत है, इसका निर्णय नहीं हो सका, जो कि पहले के परिदृश्य में हो रहा था.
1979 में रिलीज हुई थी फिल्म काला पत्थर
काला पत्थर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है. इस फिल्म की कहानी धनबाद में 1975 के चासनाला के खान दुर्घटना से प्रेरित थी. इस दुर्घटना मे सरकारी आंकडो़ के अनुसार 375 लोग मारे गये थे. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, शत्रुघन सिंहा, राखी गुलज़ार, नीतू सिंह, परवीन बॉबी मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
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