ज़ी टीवी के फिक्शन शो 'इक कुड़ी पंजाब दी' ने अपनी दमदार कहानी और सधे हुए किरदारों के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया है. पंजाब में रचा-बसा यह शो हिम्मत और हौसले की दिलचस्प कहानी बयां करता है. इसके पहले एपिसोड से ही हीर (तनिशा मेहता) और रांझा (अविनेश रेखी) की ज़िंदगी में आने वाले कई उतार-चढ़ाव ने दर्शकों के साथ एक खास रिश्ता बना लिया है और इसकी कहानी के नए-नए मोड़ उनमें उत्सुकता जगा रहे हैं. हाल के एपिसोड्स में दर्शकों ने देखा कि एक एक्सीडेंट में जरनैल (मनोज चंदीला) की मौत हो जाती है और इस सदमें से तेजी (मोनिका खन्ना) टूट जाती है.
आने वाले एपिसोड्स में दर्शकों के लिए यह देखना दिलचस्प में होगा कि किस तरह यह हादसा अटवाल परिवार में, खासतौर से तेजी की जिंदगी में हलचल मचा देगा जिसे अब अकेले ही अपने दो बच्चों की परवरिश करनी है. जहां तेजी अपनी जिंदगी में बहुत-से उतार-चढ़ाव से गुजर रही है, वहीं यह किरदार निभा रहीं मोनिका अपने एक नए शौक के लिए अपने व्यस्त शूट शेड्यूल से वक्त निकाल रही हैं. हालांकि मोनिका पढ़ने की कोई खास शौकीन नहीं हैं, लेकिन अब वो सेट पर कुछ किताबें पढ़ने के लिए वक्त निकाल ही लेती हैं ताकि वो इसे अपनी आदत बना सकें. असल में वो इंग्लिश के अलावा हिंदी भाषा के कुछ उपन्यास भी पढ़ रही हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे उन्हें अपनी डायलॉग डिलीवरी बेहतर बनाने और अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद मिलती है.
मोनिका खन्ना बताती है,
"मुझे पढ़ने का ज्यादा शौक नहीं है लेकिन अब मैं रोज कुछ ना कुछ पढ़कर इसे अपनी आदत बना रही हूं. मेरे पास किताबों का एक छोटा-सा कलेक्शन भी है और मैं जब भी सफर कर रही होती हूं, या अकेली होती हूं या फिर जब मुझे लगता है कि मैं अपने आप में रहूं और कुछ ना करूं, तो मैं बस अपनी पसंदीदा किताब पढ़ने लगती हूं. इस समय मैं रॉबर्ट ग्रीन की लिखी किताब 'द लॉज़ ऑफ ह्यूमन नेचर' पढ़ रही हूं. यह एक बड़ा कीमती तोहफा है, जो मुझे मेरे को-स्टार मनोज चंदीला ने दिया है, जिन्हें पढ़ने का बेहद शौक है. मुझे ऐसी किताबें पढ़ना अच्छा लगता है, जिनमें ज़िंदगी के बारे में बहुत-सी जानकारियां हों, जो इंसानों, जज़्बातों और आध्यात्मिक दुनिया की बात करें. मुझे याद है मैंने जो सबसे पहली किताब पढ़ी थी उसका शीर्षक था - 'द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग'. मुझे लगता है कि किताबें आपको कई तरह से संवारती हैं. चूंकि अब मैंने जोर-जोर से पढ़ना शुरू कर दिया है तो मैंने यह गौर किया है कि मेरी बोली एकदम साफ हो गई है और जब मैं बात करती हूं तो आप मेरे हर शब्द को अच्छी तरह समझेंगे. अब जब मैं अपने डायलॉग बोलती हूं, तब आपको पता चलेगा कि उन्हें बोलते समय मैं कोई जल्दबाजी नहीं करती हूं. मैं हर एक शब्द को पूरा करती हूं. मुझे लगता है जब आप किताबें पढ़ते हैं तो आप बहुत-सी चीजें सीखते हैं. यह आपको समझदार बनाती हैं और जिंदगी में आपकी बहुत मदद करती हैं और आपको एक अच्छा इंसान बनाती हैं."
वैसे जहां मोनिका अपनी पढ़ने की आदत सुधार रही हैं वहीं आप भी यह देखने के लिए तैयार हो जाइए कि किस तरह तेजी, रांझा के सामने शादी का प्रस्ताव रखकर हीर और रांझा की जिंदगी में उथल-पुथल मचाएगी. क्या रांझा ऐसा करने के लिए मान जाएगा? या फिर वो हीर के लिए अपना प्यार ज़ाहिर करेगा और तेजी का प्रस्ताव ठुकरा देगा?
आगे क्या होगा, जानने के लिए देखिए 'इक कुड़ी पंजाब दी', रोज शाम 7 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर.
Tags : Monika Khanna | Monika Khanna serial | Ikk Kudi Punjab Di
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