दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की नम्बर वन हीरोइन है। लेकिन उन्हें अपनी अभिमय क्षमता पर विश्वास है। सफलता को वह अपने हार्ड वर्क से ऊपर नहीं मानती है। इन दिनों उनकीं फिल्म ‘पद्मावत’ की चर्चा दीपिका को और भी ऊंचाईयों पर लिए चल रही है। केवल इसलिए -क्योंकि वह जैसे ही

Lipika Varma
एक्सपैन्डेबल्स - अंग्रेज़ी का यह शब्द मनोरंजन से जुड़े मीडिया ग्रुप की दुनिया में अब एक ऐसा विश्वसनीय और कारगर नाम बनकर उभरा है जिसकी कल्पना इसकी संरचना के वक्त किसी को नहीं थी। दो साल से भी कम समय में एक्सपैन्डेबल्स ने एक वाट्सएप ग्रुप से कहीं आगे जा
अक्षय कुमार किसी तारीफ के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने टैलेंट के बल बूते पर पिछले 27 साल से फिल्म इंडस्ट्री में अपना एक मुकाम बना लिया है। ताज्जुब नहीं फिर वह न केवल एक बेहतरीन निर्माता के रूप में और एक अच्छे कलाकर के रूप में सबके समक्ष पेश होते आये हैं।
सिद्धार्थ मल्होत्रा किसी तारीफ के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से ही बॉलीवुड के निर्देशक-निर्माता को यह जता दिया कि वह यहाँ काम करने आये हैं। फिल्मी पर्दे पर शूट करने से पहले सिनेमा की तकनीक को अच्छी तरह से जानने के लिए स
सैफ अली खान ने फिल्मों में काम करना सिर्फ इसलिए शुरू किया था क्योंकि उन्हें पढ़ाई लिखाई में दिलचस्पी कतई नहीं थी। सैफ अली खान फ़िल्में, 'लव आजकल','परिणीता' एवं ओमकारा जैसी फिल्मों में अपना दमदार अभिनय दिखला चुके है। सैफ ने भले ही यह साबित कर दिया हो कि-व
शोभिता धूलिपाला का जन्म हैदराबाद में हुआ किन्तु उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई और जीवन के शुरूआती दिन विशाखापट्नम में गुजारे थे। शोभिता को शुरू से किसी महानगर (मेट्रोपोलिटन सिटी) में रहने का चाव था। शोभिता ने मुंबई महानगर का चयन किया। उन्हें यहाँ का कल्चर बहुत
ज़रीन खान ने भले ही अपना करियर सलमान खान फिल्म,'फिल्म, 'वीर' से शुरू किया हो, किन्तु अब वह छोटे बजट की फिल्मों से जुड़ गयी है। ज़रीन मानती है फ़िल्में छोटी बजट की हो या बड़ी मेरे लिए कंटेंट मायने रखता है। 'हेट स्टोरी -3', अक्सर 2 इत्यादि फ़िल्में उनकी झो
निर्देशक अनुराग कश्यप अपनी फिल्मों में और निजी जीवन में भी किस तरह की महिलाओं से प्रेरित होते है ? और क्यों वो महिला टीम के साथ काम करने में अच्छा महसूस करते है। और अपनी शॉर्ट फिल्म, 'छुरी' में क्यों काम किया अनुराग ने ? यदि फिल्ममेकर नहीं होते तो वह खा
डायरेक्टर अली अब्बास जफ्फर ने सलमान के साथ ,'मेरीगोल्ड' फिल्म से लेकर फिल्म, 'सुल्तान' और अब 'टाइगर ज़िंदा है' में भी काम किया है। सो जाहिर सी बात है सलमान और अली के बीच एक बहुत अच्छा सा रिश्ता होगा, तभी न कोरियन फिल्म,' ओड तो माय फादर' की ऑफिसियल अडॉप्ट
रिचा चड्ढा ने फिल्म,‘ओये लकी लकी ओये 2008, से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। कुछ सपोर्टिंग रोल्स किये रिचा ने अपने फिल्मी सफर के शुरुआती दौर में। पर फिल्म, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ निर्देशक अनुराग कश्यप की फिल्म में एक अधेड़ उम्र की माँ का किरदार करने पर उनके