आप लोग गलत मत समझना, ये शेरा सलमान का निजी बॉडीगार्ड नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के प्रयाग का शाहरूख गुलाब नबी शेरा है। दरअसल शेरा अभिनेता बनना चाहता था। इसके लिये वो चाहता था कि सलमान बॉलीवुड में उसका गॉडफादर बन उसे फिल्मों में काम दिलवाये। पुलिस के अनुसार

Shyam Sharma
रेटिंग** छह साल बाद पर्दे का मुंह देख पाने में निर्देशक चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म ‘ मौहल्ला अस्सी’ आखिर सफल हो ही गई। साहित्यकार काशीनाथ के अपन्यास पर आधारित काशी का अस्सी ये फिल्म समय की मार से थोड़ी जर्जर तो हुई लेकिन अपनी बात कहने में सफल है। फिल
रेटिंग**** कई फिल्म फेस्टिवल्स में सराही जा चुकी निर्देशक विनोद कापड़ी की फिल्म ‘ पीहू’ एक दो साल की बच्ची के इर्द गिर्द बुनी गई एक रोमांचक कहानी पर बनी शानदार फिल्म है । फिल्म की इकलौती किरदार पीहू यानि मायरा विश्वकर्मा महज दो साल की है । एक रात पहले उस
रेटिंग 0 लेखक निर्देशक विशाल मिश्रा की फिल्म ‘होटल मिलन’ एक ऐसे उल्टे सीधे हास्य पर आधारित है, जिसे देखते हुये कुछ सोचने समझने की जरूरत नहीं। कुणाल राय कपूर एक ऐसे पंडित का बेरोजगार बेटा है जिसे बाप अपने जैसा पंडित बनाना चाहता है लेकिन कुणाल को पंडताई म
फिल्म स्टार्स के बीच आत्मकथा लिखने का फैशन है लिहाजा जिसके चलते कितने ही स्टार्स की आत्म कथायें बाहर आ चुकी हैं। पिछले दिनों करण जौहर, हेमा मालिनी तथा ऋषि कपूर की आत्मकथायें काफी पॉपुलर हुई। अब गोविंदा ने भी अपनी आत्मकथा लिखने की जिज्ञासा प्रकट की है। बक
पहलाज निहलानी की फिल्म ‘ रंगीला राजा’ से तीन लड़कियों ने डेब्यु किया है। उनमें से एक का नाम है मिशिका चौरसिया। मिशिका का जन्म नागपूर में हुआ और उसकी पढ़ाई लिखाई हुई बैंगलुरू में। एक्टिंग के बारे में कभी न सोचने वाली मिशिका का फिर किस तरह आगमन हुआ बॉलीवुड मे
वडाली ब्रदर्स के पदमश्री पूरनचंद वडाली अस्सी वर्ष की उम्र में भी पूरे जोश और होश में गा रहे हैं। इस बात का एहसास हुआ सिनेमिर्ची प्रोडक्शन की फिल्म ‘लस्ट वाला लव’ के एक सूफी गीत की रिकॉर्डिंग पर। दरअसल अपने छोटे भाई प्यारे लाल वडाली की मौत के बाद पूरनचंद व
यशराज बैनर की बिग बजट फिल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान एक तो दर्शकों की पंसद पर खरी साबित नहीं हो पा रही, ऊपर से तमिल रॉकर्स वेबसाइट ने फिल्म रिलीज होने के कुछ ही घंटो बाद ऑनलाइन लीक कर दी। इस वेबसाइट को इन्टरनेशनल लेबल पर चलाया जाता है कितनी ही कोशिशों के बाद भ
रेटिंग** अमिताभ बच्चन और आमिर खान एक साथ किसी फिल्म में। दर्शकों का दोनों को एक साथ देखने का उत्साह चर्म पर। लेकिन फिल्म देखने के बाद हर दर्शक सिर खुजाता या उगंलिया मरोड़ता बाहर निकलता हुआ अपने आपको ठगा महसूस करता है। बात हो रही हैं यशराज बैनर और निर्देशक
रेटिंग** आज भी मिडिल क्लास परिवारों की समस्या लड़की की शादी में दहेज को लेकर है । निर्देशक पवन के चौहान ने ये समस्या अपनी फिल्म ‘इक्कीस तारीख शुभ मुहूर्त’ में हल्के फुल्के हास्य के तहत दर्शाई है। नार्थ में मध्यम श्रेणी के परिवारों में देखा सकता है कि शाद