भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दिया है. पार्टी ने पहली लिस्ट में ही जिनके नामों की घोषणा किया है उनमें चौकानेवाली बात यह रही है कि इसमें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के चार सितारों के नाम हैं. पिछले कुछ सालों से चली भोजपुरी फिल्मों की लहर ने इस भाषायी सिनेमा उद्योग को चार 'सुपर स्टार' दिए हैं, ये हैं-मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ और पवन सिंह. मजे की बात है कि इन चार के चारों सुपर सितारों को इस बार के चुनावी रेस में भाजपा ने झटपट अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. अपने नामों की घोषणा होने के तुरंत बाद इन चारों सितारों ने एक ही बात कहा है कि "मोदी जी हैं तो हमारी जीत पक्की है !"
भोजपुरी के इन चार स्टारों में से तीन (मनोज, रवि, निरहुआ) पहले से ही लोकसभा सदस्य (एमपी) हैं. इसबार 2024 के चुनाव में पार्टी ने एक मजबूत दावेदारी की सीट बंगाल की आसनसोल से पवन सिंह को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा कर दिया, जहां उनका मुकाबला फिल्म स्टार शत्रुघन सिन्हा से होने की संभावना बन गयी.सोशल मीडिया पर पवन सिंह को लेकर बवाल मच गया और 8 घंटे के अंदर ही उन्हें कहना पड़ा कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. आइए देखें, इन चुनावी क्षेत्रों में इन भाषाई फिल्मों के खिलाड़ियों का करतब कैसा रहा है, एक नजर दौड़ाते हैं इनके ट्रेक रेकॉर्ड पर-
मनोज तिवारी (दिल्ली उत्तर पूर्व)
मनोज तिवारी (दिल्ली उत्तर पूर्व) से भजपा प्रत्यासी हैं जिनपर पार्टी ने तीसरी बार दाव खेला है. मनोज लोक गायक से अभिनेता बने थे.हौसला इतना बढ़ा की वह मुलायम सिंह यादव की पार्टी से 2009 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से चुनाव लड़ गए. सामने भारतीय जनता पार्टी के योगी आदित्यनाथ थे. योगी ने ऐसी पटखनी दिया कि वह ना सिर्फ चुनाव हारे बल्कि बाद में भाजपा को शरणागत भी हो गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली में बसे बिहारी और उत्तर भारतीयों का वोट पाने के लिए इस गवईये- अभिनेता को दिल्ली से चुनाव लड़वा दिया. मोदी लहर में मनोज तिवारी आम आदमी पार्टी के प्रत्यासी को हराकर विजयी हो गए. अच्छा खासा वोट मिला था इन्हें. वह भाजपा दिल्ली के अध्यक्ष (2016 से 2020) भी बना दिये गए. 2019 के लोक सभा चुनाव में वह फिर चुनाव मैदान में थे और कांग्रेस पार्टी की शिला दीक्षित को हरा दिए थे.उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने तीसरी बार दिल्ली उत्तर पूर्व सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
रवि किशन (गोरखपुर, उ.प्र.)
रवि किशन (गोरखपुर, उ.प्र.) से चुनाव मैदान में भाजपा द्वारा एकबार फिर उतारे गए हैं.मनोज तिवारी के स्टारडम के दिनों में ही भोजपुरी सिनेमा के दूसरे बड़े स्टार बनकर रवि किशन भी उभरे थे.हालांकि रवि किशन पहले से ही फिल्मों में हैं और वह हिंदी तथा साउथ की बहुत सी फिल्में भी किए हैं. रवि पहली बार कांग्रेस पार्टी के प्रत्यासी के रूप में 2014 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर (उ.प्र.) से चुनाव लड़े थे और हार गए थे. बाद में उन्होंने भाजपा जॉइन कर लिया. भारतीय जनता पार्टी ने उनको 2019 के चुनाव में गोरखपुर से चुनाव लड़वा दिया, जो योगी बाबा के प्रभाव वाली लोकसभाई सीट थी, रवि चुनाव जीत गए. अब दूसरी बार वह फिर भाजपा द्वारा उसी चुनावी मैदान में हैं जहां बाबा का दबदबा और बढ़ा हुआ है जो रवि किशन का मजबूत सम्बल है.
दिनेश लाल यादव निरहुआ
बिरहा गवाईया से भोजपुरी फिल्मों के पर्दे पर हीरो बनकर छा जाने वाले निरहुआ भी मनोज तिवारी और रवि किशन की तरह पहलीबार के चुनाव हारे हुए बन्दे हैं.लेकिन, वह शुरू से ही भाजपा में हैं. पार्टी ने उनको 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव (पूर्व मुख्य मंत्री, सपा अध्यक्ष) के सामने खड़ा किया था और निरहुआ को अखिलेश यादव से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. बाद में निरहुआ ने बाई इलेक्शन (उप चुनाव) में सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर अच्छी बढ़त वाली जीत हासिल किया. अब दूसरी बार, फिर एकबार भाजपा ने उनको आजमगढ़ की सीट से उम्मीदवार बनाया है.
पवन सिंह (आसनसोल)
बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट ऐसी है जहां से भारतीय जनता पार्टी और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में बराबर की टक्कर मानी जाती है. 2019 में यहां से फिल्म गायक बाबुल सुप्रियो भाजपा प्रत्यासी के रूप में चुनाव जीते थे. बाबुल केंद्र सरकार में मंत्री भी बने थे. फिर पार्टी से अपनी नाराजगी के चलते बाबुल भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर लिए.ममता बनर्जी की पार्टी में वह आजकल प्रदेश के मंत्री हैं. बाबुल सुप्रियो द्वारा छोड़ी गई आसनसोल सीट से उप चुनाव में ममता बनर्जी ने अभिनेता शत्रुघन सिन्हा को तृणमूल पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़वा दिया और शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा प्रत्यासी अग्नि मित्रा पॉल को भारी मतों से परास्त किया. बताने वाली बात है कि शत्रुघ्न सिन्हा पहले बीजेपी में थे, फिर अनादर होने से कांग्रेस में आए और बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद से बिहार में चुनाव हार जाने के बाद ममता बनर्जी की शरण मे चले गए थे.आजकल वह आसनसोल से एमपी हैं. अब 2024 के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह को टिकट दिया है. यानी- आसनसोल में एक फिल्म वाला (शत्रुघन सिन्हा) दूसरे फिल्मवाले (पवन सिंह) से फाइट करेगा. पवन सिंह चुनाव मैदान में नए हैं लेकिन वह भोजपुरी के पॉपुलर गायक और स्टार अभिनेता हैं.उनके पिताजी आसनसोल में ही नौकरी करते थे और पवन सिंह ने अपना नाम घोषित होने के बाद बताया भी कि उनका जन्म भी कोलकता में ही हुआ है. पवन सिंह की उम्मीदवारी की खबर सुनकर वरिष्ठ अभिनेता और राजनयिक शत्रुघ्न सिन्हा ने पवन सिंह को शुभ कामना भी दिया.
लेकिन, शनिवार की रात को घोषित अपने नाम की चर्चा पर खुशी जाहिर करते हुए और भाजपा के शीर्ष नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए देखे जाने वाले पवन सिंह अगली सुबह रविवार को व्यक्तिगत कारणों से चुनाव ना लड़ने की बात कहकर सबको अचंभे में डाल दिए हैं. आसनसोल के जंग में उतरने वाले उम्मीदवारों की कहानी अभी बाकी है.
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