A. R. Rahman Birthday special: रहमान के नाम बार-बार सलाम!
Web Stories: मैंने सुबह के समाचार पत्र पढ़ना पूरी तरह से बंद कर दिया था जब मुझे विश्वास हो गया था कि कुछ या कई भारतीय थे जो पाषाण युग में वापस जाने के लिए दृढ़ थे.
Web Stories: मैंने सुबह के समाचार पत्र पढ़ना पूरी तरह से बंद कर दिया था जब मुझे विश्वास हो गया था कि कुछ या कई भारतीय थे जो पाषाण युग में वापस जाने के लिए दृढ़ थे.
गपशप: मैंने सुबह के समाचार पत्र पढ़ना पूरी तरह से बंद कर दिया था जब मुझे विश्वास हो गया था कि कुछ या कई भारतीय थे जो पाषाण युग में वापस जाने के लिए दृढ़ थे.
web stories : क्या आप जानते हैं फिल्म जगत के रॉकस्टार 'पंचम' के नाम से मशहूर आरडी बर्मन को यह नाम किसने दिया था इसके विषय मे कई कहानियां हैं कोई कहता है की बचपन में जब आरडी बर्मन रोते थे तो पंचम सुर...
क्या आप जानते हैं फिल्म जगत के रॉकस्टार 'पंचम' के नाम से मशहूर आरडी बर्मन को यह नाम किसने दिया था इसके विषय मे कई कहानियां हैं कोई कहता है की बचपन में जब आरडी बर्मन रोते थे तो पंचम सुर...
क्या आप जानते हैं फिल्म जगत के रॉकस्टार 'पंचम' के नाम से मशहूर आरडी बर्मन को यह नाम किसने दिया था इसके विषय मे कई कहानियां हैं कोई कहता है की बचपन में जब आरडी बर्मन रोते थे तो पंचम सुर की ध्वनि सुनाई देती थी, लिहाजा सब उन्हें पंचम कहने लगे.तो कुछ लोगों का
रिदम मास्टर नितिन शंकर द्वारा अपने मेलोडी संगीतकारों के साथ इस भव्य सफलता कार्यक्रम में नज़र आये जहा सिनेमा ज़गत से निर्माता ज्योति शंकर जी, अतिथि अभिनेत्री आशा पारेख जी, हेलन जी, शक्ति कपूर, शिवांगी कपूर, श्रद्धा कपूर, विधायक आशीष शेलार, मेलोडी संगीतकारों
- चैतन्य पडुकोण रमेश सिप्पी निर्देशक (शोले) ने हाल ही में अपना 75वां जन्मदिन (23 जनवरी) अपने परिवार और चुनिंदा करीबी दोस्तों के साथ मनाया। जब कि कई शुभचिंतक सेलेब-एक्टर जैसे स्टार-एक्ट्रेस-एम.पी. हेमा मालिनी ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं भेजीं। ‘परफेक
सच्ची प्रतिभा और सच्ची प्रतिभा हानि, दर्द, दुःख और यहाँ तक कि मृत्यु को भी खिलाती है और पनपती है। यह बार-बार साबित हुआ है और 8 सितंबर को अपना 89वां जन्मदिन मनाने वाली आशा भोसले कोई अपवाद नहीं हैं… उनके पिता की मृत्यु हो गई थी जब वह केवल 42 वर्ष के थे औ
समय की यह बुरी और गंदी आदत है कि किसी को भी नहीं बख्शते, सम्राट, राजा और रानियां, संत और पापी, अमीर और गरीब, छोटा या बड़ा। समय ने इस बार किसी को नहीं बख्शा और समय ने सुनिश्चित किया है कि वह किसी को भी नहीं बख्शेगा। आज के सबसे बड़े उदाहरण हैं दिलीप कुमार और