रिव्यूज इंसान के अहम की व्याख्या करती है 'आमी जॉय चटर्जी' (बंगाली फिल्म) आदमी के भीतर जब अहम या मैं पैदा होने लगता है तो समझिये उसका पतन होना शुरू हो चुका है। इस बात को प्रभावशाली ढंग से दर्शाती है बंगाली फिल्म‘ आमी जॉय चटर्जी’ । इस फिल्म की निर्मात्री हिन्दी फिल्मों और धारावाहिकों की अभिनेत्री शिवांगी चौधरी है तथा स्टोरी, स्क By Mayapuri Desk 10 Aug 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज उलझी हुई कहानी 'विश्वरुप 2' एक बार फिर कमल हासन हिन्दी दर्शकों के समुख हैं। लेकिन इस बार वे कोई डब फिल्म नहीं बल्कि विशुद्ध हिन्दी फिल्म ‘ विश्वरुप 2’के साथ आये हैं, ये उनकी पहली फिल्म ‘विश्वरुप’ का दूसरा पार्ट है। इस बार भी वे फिल्म के प्रोड्यूसर, राइटर, डायरेक्टर और एक्टर हैं। ये By Shyam Sharma 10 Aug 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज अनिल कपूर की बेहतरीन अदाकारी 'फन्ने खां' अपने अधूरे सपनों को अपनी औलाद के सदके पूरा करना चाहता है, एक एक ऐसा पिता, जो अच्छा सिंगर होने के बावजूद खुद कभी गली मौहल्लों में होने वाले आर्केस्ट्राओं से बाहर नहीं निकल पाया। लिहाजा अब वो अपनी बेटी के जरिये अपना ख्वाब पूरा करना चाहता है। अतुल मांजरेकर द By Shyam Sharma 03 Aug 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज इरफान के गुदगुदाते ठहाके लगवाते संवादों का 'कारवां' निर्देशक आकर्ष खुराना की फिल्म ‘कांरवा’ एक ऐसे बाप बेटे के रिश्तों से बंधी कहानी हैं जिसमें बेटे का बाप से कभी कोई इमोश्नल रिश्ता नहीं रहा। एक दर्घटना में पिता के मारे जाने के बाद उनकी बॉडी को लेकर कंफ्यूजन फिल्म को एक लंबी जर्नी में तब्दील कर देता है। By Shyam Sharma 03 Aug 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज धर्म और सामाजिक धारणाओं की पड़ताल करती 'मुल्क' तुम बिन, दस, कैश या गुलाब गैंग जैसी फिल्मों के रचियता लेखक निर्देशक अनुभव सिन्हा जब ‘मुल्क’ जैसी धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक परिदृश्य पर करारा प्रहार करती फिल्म बनाते हैं तो लगता है कि अपनी पिछली फिल्मों से कहीं ज्यादा विश्वासनीय अनुभव सिन्हा इस फिल्म मे By Shyam Sharma 03 Aug 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज पूरी तरह बेअसर रही 'साहेब बीवी और गैंगस्टर-3' फिल्म ‘ साहेब बीवी और गैंगस्टर की तीसरी कड़ी में तिग्मांशू धूलिया वो जादू नहीं जगा पाये जो पहली दो कड़ियों में था। इस बार संजय दत्त के फिल्म से जुड़ने के बाद दशकों की उत्सुकता और ज्यादा बढ़ गई थी, लेकिन फिल्म में संजू पूरी तरह से निराश करते हैं। फिल्म की क By Shyam Sharma 27 Jul 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज दिल्ली से थोड़ी दूरी पर रहने वाले लोगों की व्यथा 'दिल्ली 47 किमी' राइटर डायरेक्टर और एक्टर शादाब खान की फिल्म ‘ दिल्ली 47 किमी’ दिल्ली से थोड़ी सी दूरी पर रहने वाले लोगों की व्यथा बयान करती है। जो एक ऐसे शख्स के जरिये बताई गई है जिसमें उसे उन सारी परिस्थतियो से भी गुजरना पड़ता है जो उसकी शख्सियत से जरा भी मेल नहीं खाती। By Shyam Sharma 19 Jul 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज यंग लवस्टोरी 'धड़क' मराठी भाषा की सुपर हिट फिल्म ‘सैराट’ से इंस्पायर हो निर्माता करण जोहर और निर्देशक शशांक खेतान की फिल्म ‘धड़क’ में कुछ समानतायें दिखाई देती हैं। जैसे यहां भी फिल्म से दो नये सितारों जाह्नवी कपूर और इशान खट्टर ने बड़े पर्दे पर पदार्पण किया है। ये भी एक ऐसी लव By Shyam Sharma 19 Jul 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
रिव्यूज अति साधारण 'तेरी भाभी है पगले' रेटिंग ** कभी कभी आप किसी फिल्म में तकरीबन सारे मसाले मिलाये हुये देखते हैं लिहाजा वो फिल्म न रहकर चूं चूं का मुरब्बा बन कर रह जाती है। निर्देशक विनोद तिवारी की फिल्म ‘तेरी भाभी है पगले’ पर ये जुमला सटीक बैठता है। फिल्म का टाइटल इसे एक हसौड़ फिल्म दर्शाता By Shyam Sharma 13 Jul 2018 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn