मूवी रिव्यू: एक बुरी फिल्म 'बेटियों की बल्ले बल्ले'
रेटिंग* हर भाषा का अपना एक स्वरूप होता है लिहाजा कुछ चीजें वहीं अच्छी लगती हैं जिस भाषा की परिधि में आती हों। गुजराती फिल्मों का अपना एक स्वरूप है, उन्हें बनाने का ढंग है, लेकिन अगर आप उसे हिन्दी में बनाने की कोशिश करेगें तो फेल ही साबित होगें। लेखक निर