Birth Anniversary: क्यों मौत के दिन बहुत खुश थीं दिव्या भारती?

बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत और बेहतरीन अभिनेत्री दिव्या भारती की आज बर्थ एनिवर्सरी है। दीवाना, बलवान, दिल आशना है, दिल ही तो है और रंग जैसी सुपरहिट फिल्में करने वाली दिव्या भारती ने महज़ 19 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। छोटे से फिल्मी करियर में दिव्या ने करीब 12 फिल्में की थीं। दिव्या भारती की मौत की गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है। लोगों के मन में आज भी यही आशंका है कि दिव्या की मौत हत्या थी या फिर आत्महत्या। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि दिव्या भारती की मौत की रात क्या हुआ था....
'विश्वात्मा' से किया बॉलीवुड डेब्यू
- दिव्या ने साल 1992 में फिल्म 'विश्वात्मा' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। इस फिल्म में दिव्या को एक गाने ने रातोंरात फेमस बना दिया। यह गाना 'सात समंदर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई' था। इस गाने के हिट होते ही दिव्या को लगातार 10 फिल्में मिल गई थीं। दिव्या बॉलीवुड में आने से पहले भी कई तेलुगू फिल्में कर चुकी थीं।
मौत से 1 साल पहले हुई थी शादी
- साल 1993 में दिव्या की सिर्फ तीन ही हिंदी फिल्में रिलीज हो पाईं। यह फिल्में क्षत्रिय, रंग और शतरंज। क्योंकि यह दिव्या की जिंदगी का अंतिम साल था। 5 अप्रैल 1993 को अंतिम सांस लेने वाली दिव्या ने सुहागन के रूप में ही दम तोड़ा क्योंकि उससे ठीक एक साल पहले ही तो उनकी शादी हुई थी।
साजिद नाडियाडवाला से की थी शादी
- कहा जाता है कि दिव्या भारती जब 'शोला और शबनम' की शूटिंग कर रही थीं तब गोविंदा ने उन्हें निर्देशक-निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। दोनों में प्यार हुआ और शादी करने का फैसला कर लिया। साजिद से शादी करने के लिए दिव्या ने इस्लाम धर्म कबूला। दोनों ने 10 मई 1992 को शादी कर ली थी।
आज तक नहीं सुलझी मौत की गुत्थी
- कुछ का तो यह तक कहना था कि दिव्या की आकस्मिक मौत के पीछे साजिद का हाथ था! कुछ लोगों ने इसे आत्महत्या तो किसी ने एक्सीडेंट तो किसी ने पति की साजिश बताया। कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई और 1998 में केस बंद कर दिया गया। लेकिन कैसे हुई दिव्या की मौत और चंद घंटों पहले तक क्यों इतनी खुश थी दिव्या?
बालकनी से नीचे गिरने पर हुई मौत
- खबरों की मानें तो मौत वाले दिन ही दिव्या भारती ने मुंबई में अपने लिए नया 4 बीएचके का घर खरीदा था और डील फाइनल की थी। दिव्या ने यह खुशखबरी अपने भाई कुणाल को भी दी थी। दिव्या उसी दिन शूटिंग खत्म कर के चेन्नई से लौटी थीं। उनके पैर में भी चोट थी।
मौत के दिन ही खरीदा था घर
- रात के करीब 10 बजे होंगे जब मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वरसोवा में स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें माले पर उनके घर में उनकी दोस्त और डिजाइनर नीता लुल्ला अपने पति के साथ उनसे मिलने आई हुई थीं। तीनों लिविंग रूम में बैठे बातों में मस्त थे और ड्रिंग्स चल रही थी।
दिव्या की मौत हत्या या आत्महत्या
- दिव्या और उनके दोस्तों के साथ बातचीत में दिव्या की नौकरानी अमृता भी हिस्सा ले रही थी। रात के करीब 11 बज रहे थे। अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, नीता अपने पति के साथ टीवी देखने में व्यस्त थीं। इसी वक्त दिव्या कमरे की खिड़की की तरफ गईं और वहीं से तेज आवाज में अपनी नौकरानी से बातें कर रही थीं।
मौत से पहले बहुत खुश थीं दिव्या
- दिव्या के लिविंग रूम में कोई बालकनी नहीं थी लेकिन इकलौती ऐसी खिड़की थी जिसमें ग्रिल नहीं थी। उसी खिड़की के नीचे पार्किंग की जगह थी जहां अक्सर कई गाड़ियां खड़ी रहती थीं। उसी दिन वहां कोई गाड़ी नहीं खड़ी थी। खिड़की पर खड़ी दिव्या ने मुड़कर सही से खड़े होने की कोशिश कर रही थीं कि तभी उनका पैर फिसल गया। दिव्या सीधे नीचे जमीन पर जाकर गिरीं।
5 साल तक चली मामले की जांच
- 5वें माले से गिरने के कारण दिव्या पूरी तरह खून में लतपत थीं। उन्हें तुरंत ही कूपर अस्पताल ले जाया गया लेकिन अफसोस तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल के एमर्जेंसी वार्ड में दिव्या ने दम तोड़ दिया। 5 साल तक इंवेस्टीगेशन करने के बावजूद पुलिस को कोई ठोस वजह नहीं पता चली। यह गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है कि दिव्या की मौत हत्या थी या आत्महत्या।